दुर्ग: कोरोना काल में अचानक से गरीबी रेखा और सामान्य राशन कार्ड की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है. जहां सिर्फ 14 महीने में जिले में 5 हजार बीपीएल और 24 हजार से अधिक राशनकार्ड जारी हुए हैं. राशनकार्ड बनवाने वालों के आवेदन दोगुने से ज्यादा बढ़ गए हैं. अप्रैल 2020 से अगस्त 2021 के बीच में राशन कार्ड खाद्य विभाग द्वारा जारी किए गए.
राशनकार्ड में सर्वाधिक 24 हजार 697 एपीएल राशनकार्ड, 5 हजार 165 बीपीएल के राशनकार्ड बनाये गए हैं. राज्य सरकार आयुष्मान योजना शुरूआत होने के बाद हितग्राही राशनकार्ड बनवाने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी आई है. इस योजना के तहत बीपीएल हितग्राहियों को 5 लाख और एपीएल हितग्राहियों को 50 हजार तक मुफ्त स्वास्थ्य इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. राशनकार्ड की बढ़ोतरी का मुख्य कारण आयुष्मान योजना को माना जा रहा है.
जिले में कोरोनाकाल से पहले लोग राशनकार्ड बनवाने के बेहद कम संख्या थी. कोरोना काल में नवंबर 2020 से मार्च 2021 तक केवल 1578 लोगों ने ही राशनकार्ड बनवाए थे. जिसमें बीपीएल मात्र 763 और एपीएल के 346 राशनकार्ड जारी हुए थे. लेकिन जैसे ही कोरोना का संकमण में तेजी आया, राशनकार्ड बनने के लिए हितग्राहियों की संख्या में अचानक तेजी आई. जिले में एक साल पहले मई 2020 तक 4.19 लाख राशनकार्ड जारी हुए थे. जो अब 4.49 लाख पहुंच गई .है
जिले में डेढ़ साल में बनाये गए राशनकार्ड के आंकड़े
अंत्योदय कार्ड | 1138 |
प्राथमिक कार्ड | 3671 |
नि:शक्तजन कार्ड | 258 |
निराश्रित कार्ड | 53 |
अन्नपूर्णा कार्ड | 00 |
एपीएल कार्ड | 24697 |
जिले में कुल बीपीएल कार्ड 5,165 और एपीएल कार्ड 29,862 है.
जिले में बीपीएल हितग्राहियों की संख्या बढ़ने के कारण
कोरोना महामारी के चलते लोगों के पास इलाज करवाने के लिए पैसे की कमी है. अगर बीपीएल राशनकार्ड होता तो 5 लाख तक और एपीएल राशनकार्डके 50 हजार तक मुफ्त इलाज की स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती. गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार द्वारा गरीब परिवार को 5 किलो अतिरिक्त मुफ्त अनाज देने की योजना की शुरुआत की गई है. जब कोविड के दौरान मई और जून माह में मुफ्त राशन दिया गया. इसके बाद इसे 5 महीने के लिए बढ़ा दिया गया था.
जिला खाद्य नियंत्रक सीपी दीपांकर ने बताया कि कोरोना काल के दौरान मजदूर वर्ग काम की तलाश में पलायन कर गए थे. वापस लौटने पर राशनकार्ड से आयुष्मान योजना के तहत इलाज में छूट मिलती है. जिले में राशनकार्ड बनवाने के लिए पंचायत, नगरीय निकाय के द्वारा दस्तावेजों की जांच के बाद ही राशनकार्ड जारी किए जा रहे हैं.