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नए साल में कीजिए चमत्कारिक देव के दर्शन, दिनों दिन बढ़ रही हनुमान मंदिर में आस्था - BHILAI SECTOR NINE HANUMAN TEMPLE

नए साल के स्वागत की तैयारी हो चुकी है.ऐसे में आज हम आपको चमत्कारिक मंदिर के दर्शन कराएंगे,जिसके पीछे प्राचीन कथा प्रचलित है.

Bhilai Sector nine Hanuman Temple
नए साल में कीजिए चमत्कारिक मंदिर के दर्शन (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 1, 2025, 6:57 AM IST

Updated : Jan 1, 2025, 10:23 AM IST

दुर्ग : नए साल का आगमन में लोग कई तरह की तैयारियां करते हैं.कुछ लोग टूरिस्ट प्लेस में घूमने जाते हैं तो कुछ मंदिरों में भगवान से आशीर्वाद मांगते हैं.दुर्ग जिले के भिलाई में ऐसे तो कई मंदिर हैं.लेकिन एक मंदिर ऐसा है जो करीब 100 साल से भी ज्यादा पुराना है.इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां मांगी गई मनोकामना पूरी होती है.मंदिर से जुड़े कई चमत्कारिक किस्से भी हैं.आईए जानते हैं आखिर ये मंदिर है कहां ?

कहां है मंदिर : भिलाई के जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं वहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. यहां आए शख्स की हर इच्छा ईश्वर पूरी करते हैं.ये मंदिर भिलाई के पंडित जवाहर लाल नेहरु अस्पताल के प्रांगण में है.जिसे आम जनता सेक्टर 9 हनुमान मंदिर के नाम से जानती है. भगवान श्रीराम के परम भक्त और भगवान रुद्र के 11वें अवतार हनुमान जी यहां साक्षात् विराजमान माने जाते हैं.जिस जगह पर मंदिर है वहां पहले कभी आमदी गांव हुआ करता था.

नए साल में कीजिए चमत्कारिक मंदिर के दर्शन (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

भिलाई में स्थापित हनुमान जी को आमदी के दाऊ और मालगुजार स्वर्गीय माधो प्रसाद चन्द्राकर के कुलदेवता के रूप में जाना जाता है.दाऊ माधो प्रसाद चन्द्राकर एक बड़े मालगुजार थे. भिलाई इस्पात सयंत्र के निर्माण में दाऊ माधो प्रसाद चन्द्राकर को अपने 6 गांव के लिए मुआवजा मिला. लेकिन आमदी गांव के जिस स्थान में उनके कुलदेवता हनुमान जी विराजमान है उसके लिए उन्होंने कोई मुआवजा नहीं लिया.

Bhilai Sector nine Hanuman Temple
नारियल बांधने से मन्नत होती है पूरी (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

साल 1961 में बीएसपी ने अपने कर्मचारियो के इलाज के लिए उस समय के प्रदेश के सबसे बड़े हॉस्पिटल पंडित जवाहर लाल नेहरू के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहित की. जैसे ही निर्माण कार्य मंदिर के समीप पहुंचा तो अस्पताल निर्माण के दौरान पीपल के वृक्ष के नीचे स्थित हनुमान की प्रतिमा और पेड़ को क्रेन से हटाया जाने लगा. लेकिन इस दौरान ना पेड़ हिला और ना ही हनुमान की प्रतिमा टस से मस हुई. बल्कि हनुमान जी के प्रतिमा से एक पत्थर निकलकर क्रेन के चैन में जा टकराया जिससे सैकड़ों टन क्षमता वाला चैन टूटकर गिर गया. इसके बाद किसी ने इस प्रतिमा और पीपल के पेड़ को हटाने की हिम्मत नही की- विनय जोशी, पुजारी

अस्पताल प्रांगण में ही बना मंदिर : इसके बाद संयंत्र प्रबंधन ने पीपल पेड़ के समीप ही ऑपरेशन थिएटर बना दिया.साथ ही साथ प्रतिमा के लिए चबूतरे का निर्माण कराया. हनुमान मंदिर में भगवान श्री राम माता सीता और लक्ष्मण भी विराजमान हैं. माता दुर्गा की प्रतिमा भी यहां स्थापित की गई है. मन्दिर का निर्माण करते समय पीपल पेड़ की सुरक्षा को ध्यान रखा गया है. मान्यता है कि पीपल के पेड़ में भगवान ब्रम्हा जी विराजमान होते हैं. मन्दिर के बीचों बीच स्थित पेड़ में भक्त अपनी मनोकामना के नारियल लाल कपड़े में बांधकर अपनी मन्नत मांगते हैं. हर शनिवार और मंगलवार यहां विशेष पूजा अर्चना होती है. भक्त मनोकामना पूरी होने के बाद यहां सुंदरकांड का पाठ कराते हैं. यहां 7 सेवक भगवान की पूजा अर्चना और सफाई कर साथ साथ मन्दिर की देखरेख के लिए 24 घंटे उपस्थित रहते हैं. हर वर्ष भगवान हनुमान के जन्मोत्सव पर स्नान, आरती और यज्ञ होते हैं. भिलाई में सेक्टर 9 के हनुमान मंदिर को सबसे विशाल महाप्रसाद वितरण के लिए भी जाना जाता है.

Bhilai Sector nine Hanuman Temple
नए साल में कीजिए चमत्कारिक मंदिर के दर्शन (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
Bhilai Sector nine Hanuman Temple
भिलाई सेक्टर 9 हनुमान मंदिर की महिमा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

मरीजों के परिजन भी मांगते हैं मन्नत : दाऊ माधो प्रसाद चन्द्राकर की मृत्यु के बाद पुत्र विष्णु चन्द्राकर ने माधो प्रसाद गजरा बाई के नाम से ट्रस्ट बनाकर कुलदेवता हनुमान जी के मंदिर का निर्माण शुरू कराया. दाऊ विष्णु चन्द्राकर के मृत्यु के बाद पुत्र नारायण चन्द्राकर इसकी देखरेख करते हैं. आज इस्पात नगरी का सबसे प्रसिद्ध हनुमान मंदिर सेक्टर 9 ही है. यहां लोग मन्नत मांगने दूर दूर से आते हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के परिजन भी इसी मंदिर में आकर अपने परिजनों के स्वस्थ्य होने की कामना करते हैं.

Bhilai Sector nine Hanuman Temple
लोगों की मनोकामनाएं होती है पूरी (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

सिरौली का हनुमान मंदिर, रियासतकाल से भक्तों की मनोकामना कर रहा पूरी

सरगुजा के इस मंदिर में साक्षात हनुमान जी का वास, 22 वर्षों से चौबीस घंटे रामचरितमानस का पाठ जारी

मनेन्द्रगढ़ के जनकपुर का अनोखा प्राचीन हनुमान मंदिर, पुजारी का दावा यहां बजरंगबली दूर करते हैं प्रेत बाधा

दुर्ग : नए साल का आगमन में लोग कई तरह की तैयारियां करते हैं.कुछ लोग टूरिस्ट प्लेस में घूमने जाते हैं तो कुछ मंदिरों में भगवान से आशीर्वाद मांगते हैं.दुर्ग जिले के भिलाई में ऐसे तो कई मंदिर हैं.लेकिन एक मंदिर ऐसा है जो करीब 100 साल से भी ज्यादा पुराना है.इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां मांगी गई मनोकामना पूरी होती है.मंदिर से जुड़े कई चमत्कारिक किस्से भी हैं.आईए जानते हैं आखिर ये मंदिर है कहां ?

कहां है मंदिर : भिलाई के जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं वहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. यहां आए शख्स की हर इच्छा ईश्वर पूरी करते हैं.ये मंदिर भिलाई के पंडित जवाहर लाल नेहरु अस्पताल के प्रांगण में है.जिसे आम जनता सेक्टर 9 हनुमान मंदिर के नाम से जानती है. भगवान श्रीराम के परम भक्त और भगवान रुद्र के 11वें अवतार हनुमान जी यहां साक्षात् विराजमान माने जाते हैं.जिस जगह पर मंदिर है वहां पहले कभी आमदी गांव हुआ करता था.

नए साल में कीजिए चमत्कारिक मंदिर के दर्शन (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

भिलाई में स्थापित हनुमान जी को आमदी के दाऊ और मालगुजार स्वर्गीय माधो प्रसाद चन्द्राकर के कुलदेवता के रूप में जाना जाता है.दाऊ माधो प्रसाद चन्द्राकर एक बड़े मालगुजार थे. भिलाई इस्पात सयंत्र के निर्माण में दाऊ माधो प्रसाद चन्द्राकर को अपने 6 गांव के लिए मुआवजा मिला. लेकिन आमदी गांव के जिस स्थान में उनके कुलदेवता हनुमान जी विराजमान है उसके लिए उन्होंने कोई मुआवजा नहीं लिया.

Bhilai Sector nine Hanuman Temple
नारियल बांधने से मन्नत होती है पूरी (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

साल 1961 में बीएसपी ने अपने कर्मचारियो के इलाज के लिए उस समय के प्रदेश के सबसे बड़े हॉस्पिटल पंडित जवाहर लाल नेहरू के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहित की. जैसे ही निर्माण कार्य मंदिर के समीप पहुंचा तो अस्पताल निर्माण के दौरान पीपल के वृक्ष के नीचे स्थित हनुमान की प्रतिमा और पेड़ को क्रेन से हटाया जाने लगा. लेकिन इस दौरान ना पेड़ हिला और ना ही हनुमान की प्रतिमा टस से मस हुई. बल्कि हनुमान जी के प्रतिमा से एक पत्थर निकलकर क्रेन के चैन में जा टकराया जिससे सैकड़ों टन क्षमता वाला चैन टूटकर गिर गया. इसके बाद किसी ने इस प्रतिमा और पीपल के पेड़ को हटाने की हिम्मत नही की- विनय जोशी, पुजारी

अस्पताल प्रांगण में ही बना मंदिर : इसके बाद संयंत्र प्रबंधन ने पीपल पेड़ के समीप ही ऑपरेशन थिएटर बना दिया.साथ ही साथ प्रतिमा के लिए चबूतरे का निर्माण कराया. हनुमान मंदिर में भगवान श्री राम माता सीता और लक्ष्मण भी विराजमान हैं. माता दुर्गा की प्रतिमा भी यहां स्थापित की गई है. मन्दिर का निर्माण करते समय पीपल पेड़ की सुरक्षा को ध्यान रखा गया है. मान्यता है कि पीपल के पेड़ में भगवान ब्रम्हा जी विराजमान होते हैं. मन्दिर के बीचों बीच स्थित पेड़ में भक्त अपनी मनोकामना के नारियल लाल कपड़े में बांधकर अपनी मन्नत मांगते हैं. हर शनिवार और मंगलवार यहां विशेष पूजा अर्चना होती है. भक्त मनोकामना पूरी होने के बाद यहां सुंदरकांड का पाठ कराते हैं. यहां 7 सेवक भगवान की पूजा अर्चना और सफाई कर साथ साथ मन्दिर की देखरेख के लिए 24 घंटे उपस्थित रहते हैं. हर वर्ष भगवान हनुमान के जन्मोत्सव पर स्नान, आरती और यज्ञ होते हैं. भिलाई में सेक्टर 9 के हनुमान मंदिर को सबसे विशाल महाप्रसाद वितरण के लिए भी जाना जाता है.

Bhilai Sector nine Hanuman Temple
नए साल में कीजिए चमत्कारिक मंदिर के दर्शन (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
Bhilai Sector nine Hanuman Temple
भिलाई सेक्टर 9 हनुमान मंदिर की महिमा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

मरीजों के परिजन भी मांगते हैं मन्नत : दाऊ माधो प्रसाद चन्द्राकर की मृत्यु के बाद पुत्र विष्णु चन्द्राकर ने माधो प्रसाद गजरा बाई के नाम से ट्रस्ट बनाकर कुलदेवता हनुमान जी के मंदिर का निर्माण शुरू कराया. दाऊ विष्णु चन्द्राकर के मृत्यु के बाद पुत्र नारायण चन्द्राकर इसकी देखरेख करते हैं. आज इस्पात नगरी का सबसे प्रसिद्ध हनुमान मंदिर सेक्टर 9 ही है. यहां लोग मन्नत मांगने दूर दूर से आते हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के परिजन भी इसी मंदिर में आकर अपने परिजनों के स्वस्थ्य होने की कामना करते हैं.

Bhilai Sector nine Hanuman Temple
लोगों की मनोकामनाएं होती है पूरी (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

सिरौली का हनुमान मंदिर, रियासतकाल से भक्तों की मनोकामना कर रहा पूरी

सरगुजा के इस मंदिर में साक्षात हनुमान जी का वास, 22 वर्षों से चौबीस घंटे रामचरितमानस का पाठ जारी

मनेन्द्रगढ़ के जनकपुर का अनोखा प्राचीन हनुमान मंदिर, पुजारी का दावा यहां बजरंगबली दूर करते हैं प्रेत बाधा

Last Updated : Jan 1, 2025, 10:23 AM IST
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