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agniveer hisha baghel: छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हिषा नौसेना में शामिल, ट्रेनिंग के दौरान परिवार ने नहीं दी पिता के मौत की खबर

छत्तीसगढ़ की बेटी हिशा बघेल प्रदेश की पहली महिला अग्निवीर हैं. हिषा अभी इंडियन नेवी के सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट की ट्रेनिंग ले रहीं हैं. 28 मार्च को हिषा ने आईएनएस चिल्का में अपनी ट्रेनिंग पूरी की. महिला अग्निवीरों के पहले जत्थे के रूप में जब उन्होंने पासिंग आउट परेड में भाग लिया, तब उन्हें यह पता ही नहीं था कि सेना में जाने के लिए प्रेरित करने वाले पिता का 3 मार्च को निधन हो गया. परिवार ने हिषा को यह दुखद खबर नहीं दी थी. chhattisgarh first woman agniveer hisha baghel

chhattisgarh first woman agniveer hisha baghel
छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हिषा
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Published : Mar 30, 2023, 8:33 PM IST

दुर्ग: छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर के रूप में हिशा बघेल का चयन हुआ था. ओडिशा के आईएनएस चिल्का में हिषा ने बीते मंगलवार को भारतीय नौसेना के सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट की ट्रेनिंग पूरी की. ट्रेनिंग पूरी कर हिषा बघेल बतौर महिला अग्निवीर भारतीय नौसेना में शामिल हुई हैं. 19 वर्षीय हिशा बघेल लगभग 2600 रंगरूटों के एक बैच में थीं. इनमें से मात्र 273 महिलाएं थीं, जिन्होंने अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा किया और भारतीय नौसेना में शामिल हुईं.

ट्रेनिंग प्रभावित न हो, इसलिए नहीं दी खबर: बचपन से हिषा ने सेना में जाने का सपना देखा था. उनके पिता संतोष बघेल बीते कई सालों से कैंसर से जूझ रहे थे. हिषा के पिता का 3 मार्च को निधन हो गया था. लेकिन हिषा की ट्रेनिंग प्रभावित न हो, इसलिए परिवार ने पिता के देहांत की खबर उन्हें दी ही नहीं.

पिता ने संघर्ष कर पूरी की हिषा की पढ़ाई: हिषा बघेल का जन्म दुर्ग से 15 किमी दूर स्थित ग्राम बोरीगारका के एक गरीब परिवार में हुआ. हिषा के पिता संतोष बघेल ऑटो चलाकर परिवार का पोषण करते थे. हिषा के पिता पिछले 12 सालों से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे थे. इलाज और बच्चों की पढ़ाई के लिए एक वक्त ऐसा भी आया कि संतोष बघेल को अपनी जमीन के साथ कमाई का करने का जरिया ऑटो भी बेचना पड़ा. संतोष बघेल ने आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

यह भी पढ़ें: Badminton player Aakarshi Kashyap: बैडमिंटन स्टार आकर्षी कश्यप ने डीएसपी बनाए जाने पर जताई खुशी

हिषा ने कड़ी मेहनत से हासिल किया मुकाम: प्रदेश की पहली महिला अग्निवीर के रूप में चयनित हिषा का जीवन भी संघर्षों भरा रहा है. दुर्ग के गांव बोरीगारका की हिषा बघेल गरीब परिवार से है. जो अब महिलाओं और खासकर यंग जनरेशन के लिए के लिए एक मिसाल बन गई हैं. हिषा ने गांव के शासकीय स्कूल से प्राथमिक शिक्षा हासिल की. स्कूल के बाद उतई महाविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने लगीं. इसी दौरान हिषा एनसीसी कैडेट बन गईं.

नौसेना में अग्निवीर योजना के तहत हुआ चयन: एनसीसी कैडेट बनने के बाद हिषा ने देश की सुरक्षा का प्राण लेकर सेना में भर्ती की तैयारियां शुरू की. 2022 में केंद्र सरकार ने अग्निवीर योजना शुरू की. हिषा ने भी सितंबर 2022 को नौसेना में अग्निवीर योजना के तहत भर्ती के आवेदन किया. भर्ती के दौरान फिटनेस के देखते हुए अधिकारियों ने हिषा का चयन कर लिया. फिर उन्हें ओडिशा के आईएनएस चिल्का में ट्रेनिंग का मौका मिला.

दुर्ग: छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर के रूप में हिशा बघेल का चयन हुआ था. ओडिशा के आईएनएस चिल्का में हिषा ने बीते मंगलवार को भारतीय नौसेना के सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट की ट्रेनिंग पूरी की. ट्रेनिंग पूरी कर हिषा बघेल बतौर महिला अग्निवीर भारतीय नौसेना में शामिल हुई हैं. 19 वर्षीय हिशा बघेल लगभग 2600 रंगरूटों के एक बैच में थीं. इनमें से मात्र 273 महिलाएं थीं, जिन्होंने अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा किया और भारतीय नौसेना में शामिल हुईं.

ट्रेनिंग प्रभावित न हो, इसलिए नहीं दी खबर: बचपन से हिषा ने सेना में जाने का सपना देखा था. उनके पिता संतोष बघेल बीते कई सालों से कैंसर से जूझ रहे थे. हिषा के पिता का 3 मार्च को निधन हो गया था. लेकिन हिषा की ट्रेनिंग प्रभावित न हो, इसलिए परिवार ने पिता के देहांत की खबर उन्हें दी ही नहीं.

पिता ने संघर्ष कर पूरी की हिषा की पढ़ाई: हिषा बघेल का जन्म दुर्ग से 15 किमी दूर स्थित ग्राम बोरीगारका के एक गरीब परिवार में हुआ. हिषा के पिता संतोष बघेल ऑटो चलाकर परिवार का पोषण करते थे. हिषा के पिता पिछले 12 सालों से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे थे. इलाज और बच्चों की पढ़ाई के लिए एक वक्त ऐसा भी आया कि संतोष बघेल को अपनी जमीन के साथ कमाई का करने का जरिया ऑटो भी बेचना पड़ा. संतोष बघेल ने आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

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हिषा ने कड़ी मेहनत से हासिल किया मुकाम: प्रदेश की पहली महिला अग्निवीर के रूप में चयनित हिषा का जीवन भी संघर्षों भरा रहा है. दुर्ग के गांव बोरीगारका की हिषा बघेल गरीब परिवार से है. जो अब महिलाओं और खासकर यंग जनरेशन के लिए के लिए एक मिसाल बन गई हैं. हिषा ने गांव के शासकीय स्कूल से प्राथमिक शिक्षा हासिल की. स्कूल के बाद उतई महाविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने लगीं. इसी दौरान हिषा एनसीसी कैडेट बन गईं.

नौसेना में अग्निवीर योजना के तहत हुआ चयन: एनसीसी कैडेट बनने के बाद हिषा ने देश की सुरक्षा का प्राण लेकर सेना में भर्ती की तैयारियां शुरू की. 2022 में केंद्र सरकार ने अग्निवीर योजना शुरू की. हिषा ने भी सितंबर 2022 को नौसेना में अग्निवीर योजना के तहत भर्ती के आवेदन किया. भर्ती के दौरान फिटनेस के देखते हुए अधिकारियों ने हिषा का चयन कर लिया. फिर उन्हें ओडिशा के आईएनएस चिल्का में ट्रेनिंग का मौका मिला.

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