दुर्ग: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सिविल चयन परीक्षा में दुर्ग की सृष्टि बाफना ने देश में पहला स्थान हासिल किया है. सृष्टि दुर्ग के पद्मनाभपुर इलाके में रहती हैं. उनकी प्रारंभिक पढ़ाई दुर्ग में ही हुई है. उनके पिता का नाम मोती बाफना है. सृष्टि की उपलब्धि से न केवल परिजन बल्कि पूरा प्रदेश का मान बढ़ा है.
बीआईटी दुर्ग से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली में पढ़ाई करते हुए उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया है. ETV भारत से खास बातचीत में सृष्टि ने अपनी सफलता का मंत्र बताया है. उन्होंने कहा कि हार्ड वर्क का कोई रिप्लेसमेंट नहीं होता है. हार्ड वर्क से सब कुछ हासिल किया जा सकता है. बस मेहनत की जरूरत होती है.
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सवाल: एग्जाम के लिए तैयारियां कैसे की?
जवाब: बीआइटी दुर्ग से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उसके बाद दिल्ली IIT से एमटेक की. उसी समय से इसकी तैयारी शुरू कर दी थी.
सवाल: तैयारी में कितना समय लगा, इंटरव्यू में किस तरह के सवाल पूछे गए?
जवाब: एग्जाम पिछले साल जनवरी में हुआ था. इंटरव्यू उसी साल मार्च में होना था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से यह स्थगित हो गया था. इसी साल फरवरी में इंटरव्यू हुआ. जिसमें पूरे सवाल टेक्निकल और एमटेक से संबंधित पूछे गए थे.
सवाल: पढ़ाई के लिए टाइम टेबल कैसे सेट किया और कितने घंटे पढ़ाई करती थी?
जवाब: दिल्ली में एमटेक करते हुए इसकी पढ़ाई पूरी की गई. एमटेक की पढ़ाई के साथ-साथ इस एग्जाम के लिए भी टाइम निकालती थी. रोज 6 से 8 घंटे पढ़ाई करती थी. अब जाकर सफलता हाथ लगी है.
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सवाल: पढ़ाई के अलावा और कौन सी चीजों में इंटरेस्ट है?
जवाब: सृष्टि ने कहा कि मुझे संगीत में बहुत इंटरेस्ट है. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से डिप्लोमा भी किया है. बचपन से ही संगीत के प्रति लगाव रहा है.
सवाल: आपको किससे प्रेरणा मिली?
जवाब: मेरे भैया विप्रो में वाइस प्रेसिडेंट हैं. मेरी दीदी 12वीं में सेकंड स्टेट टॉपर रहीं हैं. फैमली में भी बहुत से एग्जांपल सेट थे. जिन्हें देखकर मुझे प्रेरणा मिली.
सवाल: आप हिंदी मीडियम की छात्रा रहीं, बाद में कैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
जवाब: मुझे कभी कोई दिक्कत नहीं हुई. क्योंकि स्कूल के समय से ही टेक्निकल शब्दों पर फोकस करती थी. उससे मदद भी मिल गई.
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सवाल: आगे क्या करना चाहती हैं?
जवाब: सृष्टि ने कहा कि अभी मैंने यूपीएससी इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस का इंटरव्यू दिया है. उसका रिजल्ट आना बाकी है. मेरे लिए दोनों ही अहम हैं. इसरो या यूपीएससी में से किसी एक को चुनना है. अभी यूपीएससी का रिजल्ट आया नहीं है, उसके बाद ही फाइनल फैसला लूंगी.
सवाल: सक्सेस होने का मूल मंत्र क्या है?
जवाब: हार्ड वर्क का कोई रिप्लेसमेंट नहीं है. हार्ड वर्क से सब कुछ अचीव किया जा सकता है. एक तो आप मेहनत करें, दूसरा आपके घर के आसपास के लोगों का बहुत ज्यादा इफेक्ट आपके जीवन पर पड़ता है. जैसे मैं बहुत लक्की हूं कि मेरी फैमिली और फ्रेंड्स ने हमेशा मुझे पॉजिटिव रखा.