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मिलिए छत्तीसगढ़ की पहली महिला मूर्तिकार से - laxmi kurrey

दुर्ग की रहने वाली लक्ष्मी कुर्रे के हाथ में जैसे मां सरस्वती का वास हो. उनकी बनाई मूर्तियों पर निगाहें टिक जाती हैं. अपने हाथों का जादू वे आस-पास के बच्चों में बांट रही हैं. उनके हाथ का हुनर कई शहरों की 'शोभा' बढ़ा रहा है.

laxmi kurrey
लक्ष्मी कुर्रे
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Published : Mar 19, 2021, 8:32 PM IST

दुर्ग: 'मिट्टी को सोना' बनाने के हुनर के बारे में आपने सुना होगा लेकिन ये कला जैसे लक्ष्मी कुर्रे के हाथों में बसती हो. उनके हाथों में आई मिट्टी इतनी खूबसूरत मूर्ति में तब्दील हो जाती है कि देखने वाले बस देखते रह जाएं. प्रतिमा बनाने के लिए वे सिर्फ जिले में ही नहीं बल्की प्रदेश में जानी जाती हैं. आपने अक्सर पुरुषों को स्टेच्यू बनाते देखा हो लेकिन लक्ष्मी इस बंधन को भी तोड़ चुकी हैं. उन्हें राज्य की पहली महिला मूर्तिकार कहा जाता है.

मिलिए छत्तीसगढ़ की पहली महिला मूर्तिकार से

लक्ष्मी कुर्रे दुर्ग के मीनाक्षी नगर में रहती हैं. वे पटना (बिहार) की रहने वाली हैं. लक्ष्मी पहले मूर्तियां बनाने में अपने भाई की मदद किया करती थीं. शौक बढ़ा तो उन्होंने इसे हुनर में बदलने की ठानी. लक्ष्मी ने खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला और संगीत विश्विद्यालय से फाइन आर्ट की डिग्री हासिल की.

laxmi is giving training to children
बच्चों को दे रही हैं ट्रेनिंग

शहरों की शोभा बढ़ा रही हैं लक्ष्मी की बनाई मूर्तियां

मूर्तिकला में विशेषज्ञता हासिल करने के बाद लक्ष्मी ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे अब तक गन मेटल की 100 से ज्यादा बड़ी प्रतिमाएं बना चुकी हैं. लक्ष्मी की बनाई पहली मिनी माता की मूर्ति दुर्ग के पुलगांव चौक में लगी है, जिसका लोकापर्ण लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व सीएम रमन सिंह ने किया था. उन्हें जब इसके लिए सम्मानित किया गया, तो उनका जोश और बढ़ गया.

sculptor laxmi
अब तक बरकरार है मूर्ती बनाने का जोश

इसके अलावा उनकी बनाई प्रतिमा रायपुर बस स्टैंड चौक पर भी लगी हुई है. लक्ष्मी ने बताया कि नए कलाकारों को आगे आने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है. वे कहती हैं कि कला ज्यादा दिनों तक छिपती नहीं है, निखर कर सामने आ जाती है.

laxmi has made many  idol
कई बड़ी मूर्तियां बना चुकी है लक्ष्मी

SPECIAL: भीषण गर्मी से राहत देने 'देसी फ्रिज' बनाने में जुटे कुम्हार

अन्य प्रदेशों में भी लगी हैं प्रतिमाएं

लक्ष्मी के पति ने उनका बहुत सहयोग किया है. उन्होंने हमेशा लक्ष्मी का हौसला बढ़ाया. उनकी बनाई मूर्तियों में सबसे यादगार अजमेर में महाराजा दहाड़सेन की प्रतिमा है. लक्ष्मी की बनाई प्रतिमा छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रदेश में लगाई गई है. जिसमें महाराष्ट्र के गोंदिया, भुनेश्वर, दिल्ली, बेंगलुरु सहित इंदौर में उनकी बनाई प्रतिमाएं लगी हुई हैं. 50 वर्ष की लक्ष्मी का इस क्षेत्र में जोश बरकरार है.

idol made by laxmi
लक्ष्मी की बनाई हुई मूर्ती

बचपन से ही मूर्ति बनाने का था शौक

लक्ष्मी कुर्रे के पति मनोज ने बताया कि उन्हें बचपन से ही मूर्ति कला के क्षेत्र में रुचि थी, जो आज भी बरकरार है. लक्ष्मी अब तक गन मेटल के 100 से अधिक प्रतिमाएं बना चुकी हैं. लक्ष्मी की मूर्तिकला के क्षेत्र से प्रेरित होकर आस-पास के बच्चे भी मूर्ति बनाना सीख रहे हैं. 8 से 10 स्कूली बच्चे उनके पास मूर्ति बनाने की कला सिख रहे हैं. बच्चे फिलहाल छोटी मूर्ति और शो-पीस बनाना सीख रहे हैं.

दुर्ग: 'मिट्टी को सोना' बनाने के हुनर के बारे में आपने सुना होगा लेकिन ये कला जैसे लक्ष्मी कुर्रे के हाथों में बसती हो. उनके हाथों में आई मिट्टी इतनी खूबसूरत मूर्ति में तब्दील हो जाती है कि देखने वाले बस देखते रह जाएं. प्रतिमा बनाने के लिए वे सिर्फ जिले में ही नहीं बल्की प्रदेश में जानी जाती हैं. आपने अक्सर पुरुषों को स्टेच्यू बनाते देखा हो लेकिन लक्ष्मी इस बंधन को भी तोड़ चुकी हैं. उन्हें राज्य की पहली महिला मूर्तिकार कहा जाता है.

मिलिए छत्तीसगढ़ की पहली महिला मूर्तिकार से

लक्ष्मी कुर्रे दुर्ग के मीनाक्षी नगर में रहती हैं. वे पटना (बिहार) की रहने वाली हैं. लक्ष्मी पहले मूर्तियां बनाने में अपने भाई की मदद किया करती थीं. शौक बढ़ा तो उन्होंने इसे हुनर में बदलने की ठानी. लक्ष्मी ने खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला और संगीत विश्विद्यालय से फाइन आर्ट की डिग्री हासिल की.

laxmi is giving training to children
बच्चों को दे रही हैं ट्रेनिंग

शहरों की शोभा बढ़ा रही हैं लक्ष्मी की बनाई मूर्तियां

मूर्तिकला में विशेषज्ञता हासिल करने के बाद लक्ष्मी ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे अब तक गन मेटल की 100 से ज्यादा बड़ी प्रतिमाएं बना चुकी हैं. लक्ष्मी की बनाई पहली मिनी माता की मूर्ति दुर्ग के पुलगांव चौक में लगी है, जिसका लोकापर्ण लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व सीएम रमन सिंह ने किया था. उन्हें जब इसके लिए सम्मानित किया गया, तो उनका जोश और बढ़ गया.

sculptor laxmi
अब तक बरकरार है मूर्ती बनाने का जोश

इसके अलावा उनकी बनाई प्रतिमा रायपुर बस स्टैंड चौक पर भी लगी हुई है. लक्ष्मी ने बताया कि नए कलाकारों को आगे आने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है. वे कहती हैं कि कला ज्यादा दिनों तक छिपती नहीं है, निखर कर सामने आ जाती है.

laxmi has made many  idol
कई बड़ी मूर्तियां बना चुकी है लक्ष्मी

SPECIAL: भीषण गर्मी से राहत देने 'देसी फ्रिज' बनाने में जुटे कुम्हार

अन्य प्रदेशों में भी लगी हैं प्रतिमाएं

लक्ष्मी के पति ने उनका बहुत सहयोग किया है. उन्होंने हमेशा लक्ष्मी का हौसला बढ़ाया. उनकी बनाई मूर्तियों में सबसे यादगार अजमेर में महाराजा दहाड़सेन की प्रतिमा है. लक्ष्मी की बनाई प्रतिमा छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रदेश में लगाई गई है. जिसमें महाराष्ट्र के गोंदिया, भुनेश्वर, दिल्ली, बेंगलुरु सहित इंदौर में उनकी बनाई प्रतिमाएं लगी हुई हैं. 50 वर्ष की लक्ष्मी का इस क्षेत्र में जोश बरकरार है.

idol made by laxmi
लक्ष्मी की बनाई हुई मूर्ती

बचपन से ही मूर्ति बनाने का था शौक

लक्ष्मी कुर्रे के पति मनोज ने बताया कि उन्हें बचपन से ही मूर्ति कला के क्षेत्र में रुचि थी, जो आज भी बरकरार है. लक्ष्मी अब तक गन मेटल के 100 से अधिक प्रतिमाएं बना चुकी हैं. लक्ष्मी की मूर्तिकला के क्षेत्र से प्रेरित होकर आस-पास के बच्चे भी मूर्ति बनाना सीख रहे हैं. 8 से 10 स्कूली बच्चे उनके पास मूर्ति बनाने की कला सिख रहे हैं. बच्चे फिलहाल छोटी मूर्ति और शो-पीस बनाना सीख रहे हैं.

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