दुर्ग: सोशल मीडिया संचार का बेहतर और सरल माध्यम माना जाता है, लेकिन इसका दुष्परिणाम भी कई बार देखने को मिलता है. कुछ दिनों पहले पत्ता गोभी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की अफवाह सोशल मीडिया पर फैली, जिसने किसानों को मुसीबत में डाल दिया. खबर के फैलते ही लोगों ने पत्ता गोभी की सब्जी खाना बंद कर दिया और बाजारो में पत्ता गोभी खरीदने वाले ग्राहकों की भारी कमी देखी गई.
इसका नुकसान उन किसानों को उठाना पड़ा जिन्होंने आने वाले सीजन को देखते हुए बड़ी मात्रा में पत्ता गोभी की फसल लगाई थी. फसल अब पूरी तरह से बाजार में ले जाने लायक हो चुकी है, लेकिन किसानों को उसका उचित दाम नहीं मिल पा रहा है'.
जिले के धमधा ब्लॉक के अंतर्गत बड़े टेमरी गांव के युवा किसान योगेश साहू ने 25 एकड़ में पत्ता गोभी का उत्पादन लिया है. बड़े ही मेहनत और अच्छी-खासी रकम लगाकर इसका उत्पादन किया गया. लेकिन बाजार में इसका भाव नहीं मिल पाया. दुर्ग जिले के अलावा पूरे प्रदेश में पत्ता गोभी के उठाव में यही दिक्कत आ रही है. लाखों के नुकसान होने से किसान चिंतित है, पर अब भी उम्मीद है कि उत्पादन का सही दाम मिलेगा.
अफवाह से किसानों को हुआ नुकसान
जिले में किसानों को हो रही समस्या को जांचने कलेक्टर ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारी को निरीक्षण के लिए भेजा था. उन्होंने ने जांच में पाया है कि लॉकडाउन की वजह से किसानों को काफी क्षति हुई है वहीं पत्ता गोभी से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की बात सिर्फ अफवाह है. किसानों की क्षति का आकलन कर जिला प्रशासन, राज्य स्तर पर किसानों की समस्या से अवगत कराया जाएगा.
'पत्तागोभी से कोरोना संक्रमण की बात केवल अफवाह'
कृषि विज्ञान केंद्र अंजोरा में पौध रोग वैज्ञानिक डॉ एस के थापक ने बताया कि 'कोरोना वायरस का कोई भी प्रभाव किसी भी सब्जियों में नहीं पड़ता है और खासकर पत्ता गोभी में तो आ ही नहीं सकता है. हालाकि ट्रांसपोर्टिंग के जरिए अगर ये सब्जियों के सर्फेस में आ भी गया तो उसको धोने से वायरस नष्ट हो जाता है. वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी लोगों को सब्जियों को उबालकर ही उपयोग करना चाहिए'