दुर्ग/भिलाई: अप्रैल लगा नहीं, मई-जून का महीना बाकी है लेकिन तालाबों में तेजी से पानी कम होता जा रहा है. इसी रफ्तार से तालाबों में पानी कम हुआ तो भीषण गर्मी में लोगों को नहाने, धोने व मवेशियों के पानी पीने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ेगी. अभी से तालाबों के पानी सूखने से अप्रैल-मई में पड़ने वाली गर्मी को लेकर लोगों की चिंता सताने लगी है. लिहाजा तालाबों में पानी छोड़े जाने की मांग अब स्थानीय निवासियों की तरफ से की जाने लगी है.
सूखने लगे तालाब
भिलाई के भेलवा तालाब, राम नगर तालाब, कैंप तालाब को छोड़कर बाकी तालाबों का पानी तेजी से कम हो रहा है. भिलाई 3 का टप्पा तालाब का पानी आधे से भी कम हो चुका है. इसी तरह ग्रामीण इलाकों के तालाबों की बात करें तो चेटवा, कपसदा, जरवाय, हथखोज समेत कुम्हारी के भी कई तालाबों में तेजी से पानी कम हो रहा है.
भिलाई 3 का टप्पा तालाब सूखा
भिलाई 3 स्थित वार्ड 13 का टप्पा तालाब सूखने की कगार पर है. क्षेत्र के युवा अमरदीप बताते हैं कि यह तालाब काफी पुराना है. तालाब में ही क्षेत्र के लोग निस्तारी किया करते हैं. आसपास के पशु भी इसी तालाब का पानी पीते हैं, लेकिन गर्मी से पहले यह तालाब सूख गया है. उन्होंने बताया कि तालाब में नहर के माध्यम से पानी भरा जाता है, लेकिन तालाब सूख गया है. उसके बाद भी अब तक नहर का पानी शुरू नहीं किया गया है. इसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
हर साल गर्मी में होती है समस्या
स्थानीय लोगों की मानें तो हर साल गर्मी के दिनों में यह समस्या होती है. बावजूद इसके प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है. चिम्मन यादव बताते हैं कि वार्ड के अलावा आसपास के लोग भी इसी तालाब से निस्तारी करते हैं. निगम की अनदेखी की वजह से पानी तक कम हुआ ही है. साथ ही गंदा भी हो चुका है. जिसकी वजह से अब बहुत कम लोग नहाने आते हैं. उन्होंने बताया कि नहर इस बार देरी से खुलने की सूचना मिली है. ऐसे में क्षेत्र के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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निस्तारी की हो रही समस्या
कुम्हारी से लगे हुए नर्सरी तालाब व शीतला तालाब का बुरा हाल है. नर्सरी तालाब का पानी जो पहले अप्रैल में सूखता था. इस बार उससे पहले सूख गया है. यही नहीं बल्कि वहां का पानी 1 फीट रह गया है. इसके साथ ही शीतला तालाब का पानी भी तेजी से कम हो रहा है. ऐसे में क्षेत्र के युवा अर्जुन शर्मा बताते हैं कि पानी सूखने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कई तरह की समस्याएं आ रही है. गांव में नल कनेक्शन कम होने की वजह से लोगों की निस्तारी इन्हीं तालाबों पर निर्भर है, लेकिन अब वह भी सूखने की कगार पर है.
हजारों लोगों की होती है तालाबों से निस्तारी
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अक्सर तालाबों पर ही निर्भर होते हैं. अकेले टप्पा तालाब में लगभग 3 हजार से अधिक लोगों की निस्तारी होती है. अब तालाब का पानी सूखने से घरों में लगे बोर की धार भी कम हो गई है. जानकारों की माने तो एक तालाब के पीछे हजारों लोग निर्भर रहते हैं. साथ ही पशुओं को भी पानी तालाब से ही मिलता है.
नहरों के माध्यम से 40 तालाबों में भरा जाएगा पानी
भिलाई चरोदा नगर निगम के सचिव अश्विनी चंद्राकर बताते हैं कि निगम क्षेत्र में 40 ऐसे तालाब हैं जहां नहर के माध्यम से जल भराव किया जाएगा. इसकी तैयारी भी कर ली गई है. अप्रैल में सभी तालाबों में पानी भर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस साल मार्च के पहले सप्ताह में अचानक से भूजल स्तर तेजी से नीचे गिर गया है. चूंकि 15 दिन का और इंतजार करना है उसके बाद 1 अप्रैल को नहर खोल दिया जाएगा. जिसके माध्यम से तालाबों में पानी भरा जाएगा.