दुर्ग: छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों, विद्यार्थियों और लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंस गए लोगों को लेकर हैदराबाद से पहली ट्रेन दुर्ग स्टेशन पहुंची. जिला प्रशासन ने इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की थी. हैदराबाद से दुर्ग, बालोद, बेमेतरा जिले के करीब 150 श्रमिकों और अन्य लोगों को लेकर यह ट्रेन पहुंची.
दुर्ग जिला प्रशासन ने ट्रेन से आने वाले याात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई थी. यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुलिस और आरपीएफ के जवान तैनात किए गए थे.
अल्टरनेट चार बोगियों से उतरे थे यात्री
जिला प्रशासन ने हर बोगी में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई थी. इसके बाद ट्रेन के स्टेशन पहुंचने पर एक बार में अल्टरनेट चार बोगियों से यात्रियों को उतारा गया. उतरने के पहले सभी यात्रियों को सैनिटाइजर और मास्क दिए गए. रेलवे स्टेशन के हर गेट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात थी. इन्होंने उनका स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग किया.
स्पेशल ट्रेन से बालोद पहुंचे 46 मजदूर, जांच परीक्षण के बाद घर रवाना
छत्तीसगढ़ सरकार से लगाई मदद की गुहार
वहीं मजदूरों ने छत्तीसगढ़ सरकार से मदद की गुहार लगाई है. मजदूरों का कहना है कि उनके पैसे भी खत्म हो गए हैं और वह अपने घर जाना चाहते हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार उनकी मदद करे, ताकि वे अपने घरों तक सुरक्षित पहुंच सकें.
सभी मजदूरों को पहुंचाया गया घर
कलेक्टर अंकित आनंद ने कहा कि आने वाले श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है. सभी को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाएगा.
12 मई से शुरू हुई यात्री ट्रेनें
बता दें कि आज 12 मई से यात्री ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया है. देशभर में काम कर रहे मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाकर उन्हें उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है. बता दें कि कोरोना महामारी के कारण अचानक देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था, जो अब भी जारी है. इस दौरान ट्रेन, बस और हवाई यात्राओं को स्थगित कर दिया गया था, जिसके कारण मजदूर, छात्र, तीर्थयात्री और अन्य लोग दूसरे राज्यों में फंस गए थे. अब स्पेशल ट्रेनों से इन्हें इनके गृह राज्यों में पहुंचाया जा रहा है. हालांकि लॉकडाउन फेज 3 से ही मजदूरों की घर वापसी के लिए श्रमिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं. आज से 15 यात्री ट्रेनें शुरू हो चुकी हैं.