दुर्ग: दुर्ग जिला सत्र न्यायालय में मंगलवार को फ्लैक्स प्रिंटिंग केस में सुनवाई हुई. आरोपियों पर फर्जी दस्तावेज पेश कर गलत टेंडर पेश करने का आरोप लगा था. जिसे कोर्ट ने सही पाया. इस मामले में कोर्ट ने आरोपियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. कोर्ट के ऑर्डर पर पुलिस ने तत्कालीन आयुक्त सुनील अग्रहरि समेत अन्य तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है.
साल 2018 और 2019 का मामला: पूरा मामला छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 और 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है. गलत टेंडर दिलाकर 8 लाख रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया.फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया. चुनाव में फ्लैक्स प्रिंटिंग के लिए जिला प्रशासन की तरफ से यह राशि खर्च की गई. उसमें घपले और भ्रष्टाचार की बात सामने आई. फिर पूरा मामला कोर्ट में पहुंचा और अब कोर्ट के आदेश के बाद इसमें कार्रवाई हो रही है.
तत्कालीन आयुक्त पर गंभीर आरोप: फ्लैक्स प्रिंटिंग केस को लेकर तत्कालीन आयुक्त सुनील अग्रहरि को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था. फ्लैक्स प्रिंटिंग के लिए टेंडर में इको फ्रेंडली फ्लैक्स प्रिंटिंग की शर्त रखी गई थी. लेकिन इसके लिए टेंडर में बदलाव किया गया. सामान्य फ्लैक्स के माध्यम से प्रचार किया गया और इसके लिए आठ लाख से ज्यादा की रकम का भुगतान कर दिया गया. इस भ्रष्टाचार के विषय में आरटीआई एक्टिविस्ट मेहरबान सिंह को जब जानकारी हुई, तो उन्होंने कोर्ट में केस दर्ज किया.
इन लोगों पर केस हुआ दर्ज: कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को उस समय दुर्ग नगर निगम के आयुक्त रहे सुनील अग्रहरि, तत्कालीन राजस्व निरीक्षक चंद्रकांत शर्मा,तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक पवन नायक और अनिल सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पद्मनभापुर थाना के जांच अधिकारी जीपी श्रीवास ने बताया कि "कोर्ट के निर्देश पर इस केस की जांच की जा रही है"