दुर्ग: मुख्यमंत्री व गृहमंत्री के जिले में एक विभाग ऐसा भी है जहां 30 से ज्यादा कर्मचारियों की जान जोखिम में है. ये कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं.
दरअसल नगरीय प्रशासन एवं विभाग के संयुक्त संचालक का संभागीय दफ्तर नगर निगम के वाटर फिल्टर प्लांट में बने पानी टंकी के निचले हिस्से में कई सालों से संचालित है. पानी की टंकी पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. टंकी से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है. इस वजह से टंकी को पूरी तरह पानी से भरा भी नहीं जाता. इसी हाल में 30 से ज्यादा कर्मचारी डर के साए में काम करने को मजबूर हैं.
वन विभाग की कार्रवाई, दूसरे राज्यों में भेजी जा रही अवैध लकड़ी जब्त
नीचे ऑफिस ऊपर पानी की टंकी
टंकी से पानी का रिसाव इतना ज्यादा है कि रोजाना कई हजार लीटर पीने योग्य पानी कई महीनों से बह रहा है. जो एक झरने की शक्ल अख्तियार कर चुका है. इस दफ्तर के चारों तरफ पानी ही पानी नजर आता है. हद तो ये है कि ऑफिस के अंदर जाने के लिए भी पानी से होकर गुजरना पड़ता है. लगातार गिर रहे पानी से भीतरी भाग को सुरक्षित रखने त्रिपाल लगाया गया है. इसके बावजूद पानी अंदर घुस जाता है.
जिम्मेदारियों ने साधी चुप्पी
विभाग के जिम्मेदार अधिकारी दफ्तर बदलने की जवाबदारी नगर निगम के होने की बात कहकर मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. नगर निगम के कमिश्नर नए भवन में जाने को कह रहे हैं. इस के बावजूद विभाग के अधिकारी अपने कर्मचारियों की जान खतरे में डालकर काम करवा रहे हैं.