दुर्गः रेलवे स्टेशन पर महाराष्ट्र या अन्य राज्यों से आने वाले दर्जनभर से ज्यादा यात्री संक्रमित पाए गए थे. इसके बावजूद रेलवे स्टेशन के बाहर ऐसे मरीजों के लिए एंबुलेंस तक की कोई व्यवस्था नहीं थी. पॉजिटिव मरीजों को खुद की व्यवस्था से अस्पताल या होम आइसोलेशन में जाना पड़ रहा था. इससे संक्रमण का खतरा और ज्यादा बढ़ने की संभावना थी.
दुर्ग रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों में कुछ कोरोना संक्रमित पाए गए थे. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. जिसके बाद बुधवार को कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने रेलवे स्टेशन का जायजा लिया. उन्होंने रेलवे के स्टाफ से यात्रियों की कोरोना जांच के संबंध में जानकारी ली. उन्होंने कोरोना संक्रमितों के लिए 24 घंटे रेलवे परिसर में एम्बुलेंस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए.
रेलवे स्टेशन पर यात्री पाए जा रहे पॉजिटिव
दुर्ग रेलवे स्टेशन पर जब ETV भारत की टीम ने पड़ताल की, तो पाया कि बाहर से आने वाले 10 से 12 यात्री रोजाना पॉजिटिव मिल रहे थे. इनमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र से आने वाले यात्री शामिल हैं. लेकिन रेलवे परिसर के बाहर मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं थी. मरीजों को पैदल या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से अस्पताल या होम आइसोलेशन के लिए जाना पड़ता था.
कोरोना बेलगाम
दुर्ग कोरोना के मामले में हॉटस्पॉट बना हुआ है. इसके बाद भी रेलवे स्टेशन पर लापरवाही साफतौर पर देखी जा रही थी. यात्री तो लापरवाह नजर आ ही रही थे, लेकिन इस लापरवाही पर जिम्मेदार अधिकारी भी खामोशी का लबादा ओढ़े हुए थे. परिसर में न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा था और न ही यात्रियों के बैठने की कोई व्यवस्था थी. इससे कहीं न कहीं संक्रमण तेजी से बढ़ने का खतरा बना हुआ था.
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127 पॉजिटिव मरीज
बुधवार तक 127 पॉजिटिव मरीज चिन्हांकित किए जा चुके हैं. केवल बुधवार को ही 11 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं, ऐसे में दुर्ग कलेक्टर ने स्टेशन पर ही एंबुलेंस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.