रायपुर: छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर बोरे बासी तिहार मनाया जा रहा है. प्रदेश के ज्यादातर घरों में लोगों का सुबह का नाश्ता बोरे बासी ही होता है. गर्मियों के दिनों में लगभग हर रोज यहीं खाते हैं. रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में मजदूर दिवस के मौके पर बोरे बासी का सामूहिक आयोजन किया जा रहा है. जिसमें राजधानी के सभी बड़े नेता पदाधिकारी व आम लोग इकट्ठा होकर बोरे बासी का स्वाद लेंगे.
ब्राइन राइस का बोरे बासी सबसे उत्तम: धान का कटोरा नाम से प्रचलित छत्तीसगढ़ में तीन प्रकार के चावल होते हैं. पहला सफेद चावल दूसरा ब्राउन राइस तीसरा रेड राइस यानी कि पसहर चावल. एक शोध में तीनों चावल को पकाकर रात भर पानी में डुबा कर रखा गया. जिसमें सबसे ज्यादा पौष्टिक गुण और सूक्ष्मजीव की संख्या ब्राउन राइस में मिली. इसके बाद पसहर चावल यानी कि रेड राइस का नंबर आया और आखिरी में सफेद चावल को स्थान दिया गया.
Labor Day 2023: मजदूर दिवस पर रायपुर में सामूहिक बोरे भासी भोज, सीएम भी लेंगे हिस्सा
महिला समूह की सचिव मंजू अरजरिया बोरे बासी के बारे में बताती है कि सामान्य घरों में जो रात का चावल बचा रहता है उसमें पानी डालकर उसे रात भर भिगाया जाता है. अगली सुबह उसे खाया जाता है. उसमें कई लोग दही डालकर खाते हैं. अचार, प्याज मिर्च और टमाटर की चटनी के साथ बोरे बासी का स्वाद काफी बढ़ जाता है. ये गर्मियों में लू से बचाता है. इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है. इसमें जीरो ऑयल होता है, इस वजह से इसे सुपरफूड कहा जाता है. कब्ज और ब्लड प्रेशर कंट्रोल के लिए ये काफी उपयोगी होता है. विटामिन B12 का सबसे अच्छा स्रोत है.
bore baasi: विटामिन और मिनरल्स का खजाना है बोरे बासी
किसानों और मजदूरों का प्रमुख भोजन बोरे बासी है. खेतों या काम पर जाने से पहले किसान या मजदूर बोरे बासी खाकर घर से निकलते हैं. इससे मिलने वाली एनर्जी से मजदूर दिनभर बिना थके काम करता है.