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लॉकडाउन में छूटी शराब की लत, छत्तीसगढ़ में फिर उठी शराबबंदी की मांग

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Published : Apr 16, 2020, 1:14 PM IST

Updated : Apr 16, 2020, 2:46 PM IST

शराब प्रेमियों को कभी हर दिन इसकी तलब लगती थी, लेकिन अब वे खुद नहीं चाहते कि शराब दुकान फिर से खुले. कई साल से लगातार शराब का सेवन करने से उन्हें न पीने पर असंतुलित और जान का चले जाने का डर बना रहता था, लेकिन लॉकडाउन के 21 दिन में उन्हें शराब नहीं मिलने पर शुरुआत के कुछ ही दिन मुश्किल हुए, लेकिन बाद में सब ठीक हो गया.

demand of liquor ban
शराबबंदी की मांग

दुर्गः कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में लॉकडाउन है और शासन के निर्देश के बाद जरूरी वस्तुओं को छोड़कर अन्य दुकानें पूरी तरह बंद हैं. प्रदेश में शराब की दुकानें भी बंद हैं और सबसे बड़ी बात तो ये है कि अब खुद भी कई शराब प्रेमी नहीं चाहते कि ये दुकानें दोबारा खुलें.

शराबबंदी की मांग

कुछ शराब प्रेमियों को इंतजार है दुकानें खुलने का, तो कई ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि लॉकडाउन ने उनकी जिंदगी बदल दी है. जहां उन्हें हर दिन शराब चाहिए थी, वहीं आज वे पिछले 22 दिनों से बिना शराब के हैं, जिसका सकारात्मक असर भी उनके स्वास्थ्य और निजी जीवन पर दिखाई देने लगा है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ही उन्हें मुश्किल हुई, लेकिन बाद में सब ठीक हो गया. अब ये लोग प्रदेश में शराबबंदी करने की मांग कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि कई सालों से लगातार शराब के सेवन से उनकी सेहत खराब थी और पीकर असंतुलित होने और जान चले जाने का भी डर बना रहता था, लेकिन लॉकडाउन के 21 दिन में उन्हें शराब न मिलने पर उनका कॉन्फिडेंस बढ़ गया है कि वे हमेशा के लिए शराब छोड़ सकते हैं.

शराब प्रेमी ज्यादातर मजदूर वर्ग से हैं. वे सुबह दुकान खुलते ही शराब का सेवन करते थे, लेकिन अब इसके नहीं मिलने पर सेहतमंद महसूस कर रहे हैं. शराबप्रेमियों ने बताया कि लॉकडाउन में जिस तरह शराब दुकान को बंद रखा गया, वैसे ही हमेशा के लिए बंद कर दिया जाए. उन्होंने बताया कि कमाई का ज्यादातर हिस्सा तो शराब में चला जाता था और परिवार मे झगड़ा अलग होता था, लेकिन अभी खुशी से जीवन चल रहा है.

सांसद ने भी सरकार से शराबबंदी की मांग की

दुर्ग सांसद विजय बघेल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान शराब दुकानें बंद होने से किसी की मौत नहीं हुई है और न ही किसी प्रकार की अव्यवस्था फैली है. उन्होंने कहा कि अगर शराब बंद हो जाए, तो बहुत सारी दुर्घटनाएं रोकी जा सकती हैं. यह बात लॉकडाउन के 21 दिनों में साबित हुई है.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार द्वारा शराब दुकान दोबारा शुरू किया गया, तब एक विकट स्थिति आएगी. शराब पीने वाले लोगों ने अपनी लत छोड़ दी है, ऐसी स्थिति में अगर राज्य सरकार दोबारा शराब दुकान खोलेगी, तो हम सड़क पर लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता की जो भावना है उसके अनुसार शराब दुकान बंद हो.

पढे़ंः- COVID-19: स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर BJP सांसद ने राज्य सरकार पर साधा निशाना

लॉकडाउन बढ़ा देने से राज्य सरकार ने भी शराब दुकानों के खुलने की तिथि में बदलाव कर दिया है, अब देखना यह है कि जो सरकार राज्य में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर सत्ता में आई है, क्या वह अब लॉकडाउन हटने के बाद फिर से शराब दुकानों को खोलेगी या शराब प्रेमियों को बड़ी राहत देगी.

दुर्गः कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में लॉकडाउन है और शासन के निर्देश के बाद जरूरी वस्तुओं को छोड़कर अन्य दुकानें पूरी तरह बंद हैं. प्रदेश में शराब की दुकानें भी बंद हैं और सबसे बड़ी बात तो ये है कि अब खुद भी कई शराब प्रेमी नहीं चाहते कि ये दुकानें दोबारा खुलें.

शराबबंदी की मांग

कुछ शराब प्रेमियों को इंतजार है दुकानें खुलने का, तो कई ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि लॉकडाउन ने उनकी जिंदगी बदल दी है. जहां उन्हें हर दिन शराब चाहिए थी, वहीं आज वे पिछले 22 दिनों से बिना शराब के हैं, जिसका सकारात्मक असर भी उनके स्वास्थ्य और निजी जीवन पर दिखाई देने लगा है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ही उन्हें मुश्किल हुई, लेकिन बाद में सब ठीक हो गया. अब ये लोग प्रदेश में शराबबंदी करने की मांग कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि कई सालों से लगातार शराब के सेवन से उनकी सेहत खराब थी और पीकर असंतुलित होने और जान चले जाने का भी डर बना रहता था, लेकिन लॉकडाउन के 21 दिन में उन्हें शराब न मिलने पर उनका कॉन्फिडेंस बढ़ गया है कि वे हमेशा के लिए शराब छोड़ सकते हैं.

शराब प्रेमी ज्यादातर मजदूर वर्ग से हैं. वे सुबह दुकान खुलते ही शराब का सेवन करते थे, लेकिन अब इसके नहीं मिलने पर सेहतमंद महसूस कर रहे हैं. शराबप्रेमियों ने बताया कि लॉकडाउन में जिस तरह शराब दुकान को बंद रखा गया, वैसे ही हमेशा के लिए बंद कर दिया जाए. उन्होंने बताया कि कमाई का ज्यादातर हिस्सा तो शराब में चला जाता था और परिवार मे झगड़ा अलग होता था, लेकिन अभी खुशी से जीवन चल रहा है.

सांसद ने भी सरकार से शराबबंदी की मांग की

दुर्ग सांसद विजय बघेल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान शराब दुकानें बंद होने से किसी की मौत नहीं हुई है और न ही किसी प्रकार की अव्यवस्था फैली है. उन्होंने कहा कि अगर शराब बंद हो जाए, तो बहुत सारी दुर्घटनाएं रोकी जा सकती हैं. यह बात लॉकडाउन के 21 दिनों में साबित हुई है.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार द्वारा शराब दुकान दोबारा शुरू किया गया, तब एक विकट स्थिति आएगी. शराब पीने वाले लोगों ने अपनी लत छोड़ दी है, ऐसी स्थिति में अगर राज्य सरकार दोबारा शराब दुकान खोलेगी, तो हम सड़क पर लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता की जो भावना है उसके अनुसार शराब दुकान बंद हो.

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लॉकडाउन बढ़ा देने से राज्य सरकार ने भी शराब दुकानों के खुलने की तिथि में बदलाव कर दिया है, अब देखना यह है कि जो सरकार राज्य में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर सत्ता में आई है, क्या वह अब लॉकडाउन हटने के बाद फिर से शराब दुकानों को खोलेगी या शराब प्रेमियों को बड़ी राहत देगी.

Last Updated : Apr 16, 2020, 2:46 PM IST
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