ETV Bharat / state

दुर्ग: कोरोना काल में मशरूम की खेती कर रहा परिवार, संकट काल में भी ढूंढ लिया रोजगार

कोरोना काल के बीच कई लोगों का धंधा चौपट हो गया, तो करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए. लॉकडाउन ने मानों लोगों की थाली खाना छीन लिया हो, लेकिन संकट काल में भी भिलाई के रहने वाले प्रताप सिंह ने रोजगार ढूंढ लिया. प्रताप टेंट का व्यवसाय ठप होने के बाद मशरूम की खेती कर परिवार का भरन पोषण कर रहा है.

author img

By

Published : Sep 18, 2020, 4:49 PM IST

Updated : Sep 18, 2020, 7:34 PM IST

a-family-is-cultivating-mushrooms-amid-corona-epidemic-in-bhilai-of-durg
कोरोना काल में मशरूम की खेती कर रहा परिवार

दुर्ग: कोरोना काल के संकट में मानो दुनिया थम सी गई थी. देशभर में तीन चरणों में लॉकडाउन भी लगाया गया, जिसने तमाम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. कोरोना काल के बीच लॉकडाउन में लोगों को खाने के लाले पड़ने लगे, लेकिन इस कोरोना काल में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो देश में आई आपदा से पहले तो घबराए फिर आपदा को ही अवसर में बदल दिया. एक ऐसा ही उदाहरण भिलाई में सामने आए हैं. जहां शादी समारोह और अन्य कार्यक्रमों में टेंट लगाकर अपना जीवन यापन करते थे, लेकिन टेंट का कारोबार ठप होने के बाद कोरोना महामारी में मशरूम की खेती कर रहे हैं.

दुर्ग में कोरोना काल के बीच मशरूम की खेती की जा रही

भिलाई में रहने वाले प्रताप सिंह लॉकडाउन के बीच बेरोजगार हो गए थे. उनका टेंट का धंधा ठप हो गया था. ऐसे में प्रताप सिंह की हालत खराब होने लगी थी. लॉकडाउन के कारण शादी पार्टी समेत अन्य कार्यक्रम रद्द हो गए थे. ऐसे में उनको जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा है. प्रताप सिंह को हर साल शादी के सीजन में 5 लाख रूपए तक फायदा होता था, लेकिन इस बार हालात बत से बदतर हैं.

SPECIAL: फुटू की राजधानी रायपुर में बढ़ी डिमांड, लेकिन लॉकडाउन ने बिगाड़ा व्यापार

100 रुपए की लागत से शुरू की मशरूम की खेती

प्रताप सिंह ने शादी पार्टी की लोगों से एडवांस रूपए ले लिए थे, जिसे वापस करना पड़ा. प्रताप की हालत खराब हो गई थी. ऐसे में उन्होंने आपदा को अवसर में बदलने का फैसला लिया. प्रताप ने बताया कि उसे एक दोस्त ने मशरूम की खेती करने की सलाह दी, जिसके बाद प्रताप ने महज 100 रुपए की लागत से मशरूम का उत्पादन शुरू किया. अब वह रोजाना मशरूम से 500 रुपए कमा रहे हैं.

Mushroom Cultivation in Bhilai
भिलाई में मशरूम की खेती

बचत के पैसों से घरों में मशरूम का उत्पादन कर रही महिलाएं, बन रही आत्मनिर्भर

दिनेश ने प्रताप को मशरूम की खेती के लिए प्रेरित किया था

बहरहाल, अब प्रताप अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर मशरूम की खेती कर रहे हैं. एक स्थायी आवक भी हो रही है. प्रताप को मशरूम की खेती करने की प्रेरणा देने वाले दिनेश सिंह ने बताया कि कोरोना काल मे कई लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मशरूम की खेती की सलाह दी है, जिसमें एक प्रताप सिंह भी है. अब मशरूम की खेती कर जीवन यापन कर रहे हैं.

दुर्ग: कोरोना काल के संकट में मानो दुनिया थम सी गई थी. देशभर में तीन चरणों में लॉकडाउन भी लगाया गया, जिसने तमाम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. कोरोना काल के बीच लॉकडाउन में लोगों को खाने के लाले पड़ने लगे, लेकिन इस कोरोना काल में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो देश में आई आपदा से पहले तो घबराए फिर आपदा को ही अवसर में बदल दिया. एक ऐसा ही उदाहरण भिलाई में सामने आए हैं. जहां शादी समारोह और अन्य कार्यक्रमों में टेंट लगाकर अपना जीवन यापन करते थे, लेकिन टेंट का कारोबार ठप होने के बाद कोरोना महामारी में मशरूम की खेती कर रहे हैं.

दुर्ग में कोरोना काल के बीच मशरूम की खेती की जा रही

भिलाई में रहने वाले प्रताप सिंह लॉकडाउन के बीच बेरोजगार हो गए थे. उनका टेंट का धंधा ठप हो गया था. ऐसे में प्रताप सिंह की हालत खराब होने लगी थी. लॉकडाउन के कारण शादी पार्टी समेत अन्य कार्यक्रम रद्द हो गए थे. ऐसे में उनको जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा है. प्रताप सिंह को हर साल शादी के सीजन में 5 लाख रूपए तक फायदा होता था, लेकिन इस बार हालात बत से बदतर हैं.

SPECIAL: फुटू की राजधानी रायपुर में बढ़ी डिमांड, लेकिन लॉकडाउन ने बिगाड़ा व्यापार

100 रुपए की लागत से शुरू की मशरूम की खेती

प्रताप सिंह ने शादी पार्टी की लोगों से एडवांस रूपए ले लिए थे, जिसे वापस करना पड़ा. प्रताप की हालत खराब हो गई थी. ऐसे में उन्होंने आपदा को अवसर में बदलने का फैसला लिया. प्रताप ने बताया कि उसे एक दोस्त ने मशरूम की खेती करने की सलाह दी, जिसके बाद प्रताप ने महज 100 रुपए की लागत से मशरूम का उत्पादन शुरू किया. अब वह रोजाना मशरूम से 500 रुपए कमा रहे हैं.

Mushroom Cultivation in Bhilai
भिलाई में मशरूम की खेती

बचत के पैसों से घरों में मशरूम का उत्पादन कर रही महिलाएं, बन रही आत्मनिर्भर

दिनेश ने प्रताप को मशरूम की खेती के लिए प्रेरित किया था

बहरहाल, अब प्रताप अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर मशरूम की खेती कर रहे हैं. एक स्थायी आवक भी हो रही है. प्रताप को मशरूम की खेती करने की प्रेरणा देने वाले दिनेश सिंह ने बताया कि कोरोना काल मे कई लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मशरूम की खेती की सलाह दी है, जिसमें एक प्रताप सिंह भी है. अब मशरूम की खेती कर जीवन यापन कर रहे हैं.

Last Updated : Sep 18, 2020, 7:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.