दुर्ग: छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona in chhattisgarh) ने जमकर कोहराम मचाया. शहरों के बाद गांव-गांव से कोरोना मरीज मिलने शुरू हो गए थे. हालात इतनी भयावह हो गई थी कि अस्पतालों में मरीजों को बिस्तर तक नसीब नहीं हो पा रहा था. दुर्ग जिले में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने सबसे पहले लॉकडाउन लागू किया था. जिले में लॉकडाउन का पालन भी कड़ाई से कराया गया. गांव में कोरोना के बढ़ते प्रभाव के देखते हुए ग्राम पंचायतों ने अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किया (corona infection in gram panchayats ). आज इन प्रयासों के जरिए ही जिले के 385 गांवों में से 377 गांव पूरी तरह कोरोना से मुक्त हो गए हैं. जिले के लगभग 98 प्रतिशत गांव में अब एक भी संक्रमित मरीज नहीं हैं.(corona free villages) हालांकि कुछ गांव ऐसे जरूर हैं, जहां महज एक दो एक्टिव केस हैं. ईटीवी भारत की टीम ने उन गावों का जायजा लिया जहां एक सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिले थे.
ढौर गांव सबसे पहले बना था कोरोना हॉटस्पॉट
दुर्ग जिले का ढौर गांव सबसे पहले हॉटस्पॉट बना. ग्राम पंचायत की लापरवाही की वजह से पूरे गांव में कोरोना विस्फोट हो गया (corona infection in rural areas). जानकारी के मुताबिक गांव में वार्षिक मेले का आयोजन किया गया था. इस मौके पर झांकी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी. शहर से लगा गांव होने की वजह से शहरी लोग भी गांव में पहुंचे थे, जिसकी वजह से संक्रमण काफी तेजी से गांव में फैल गया. शुरुआत में 80 लोग संक्रमित हुए उसके बाद शिविर लगा तो संक्रमितों की संख्या बढ़कर 130 हो गई. वहीं 12 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग और ग्राम पंचायत की मदद से गावों में दवाई वितरित की गई. इसके साथ ही पूरे गांव को कंटेंमेंट जोन में तब्दील किया गया. अब वर्तमान में एक भी संक्रमित गांव में नहीं है.
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पतोरा गांव ने जीत ली कोरोना से जंग
दुर्ग और भिलाई में कोरोना ने जमकर कोहराम मचाया. इन दोनों शहर से लगा पतोरा गांव भी इसकी चपेट में आ गया. गांव में संक्रमित मिलते ही ग्राम पंचायत अलर्ट हो गया. क्योंकि पतोरा शहर से लगा हुआ है. गांव के 40 से 50 प्रतिशत लोग बीएसपी (भिलाई स्टील प्लांट) में काम पर जाते थे. जिसकी वजह से कोरोना फैलने की संभावना जताई जा रही थी. गांव की सरपंच अंजीता साहू कहती हैं कि पतोरा गांव शहर से सटा होने की वजह से संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा था. गांव में कुल 76 लोग संक्रमित हो चुके हैं. जबकि 8 लोगों की मौत हो गई है. ऐसे में ग्राम पंचायत ने काढ़ा का वितरण किया. इसके अलावा मितानिनों के माध्यम से घर-घर तक जिंक और विटामिन की दवाइयां पहुंचाई गई. इसके अलावा बीच-बीच में गांव में कोरोना का टेस्ट कराया जाता रहा है. साथ ही कोरोना संक्रमितों के घर गरम भोजन पहुंचाया गया. कोरोना के खिलाफ जारी इस जंग में गांव वालों ने भी साथ दिया. हाल ही में 40 लोगों का सैंपल लिया गया, जिसमें एक भी मरीज नहीं मिले. इस तरह पतोरा कोरोना से जंग जीत गया. ग्राम पतोरा कोरोना मुक्त गावों की सूची में शामिल हो गया है.
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अशोगा गांव भी बढ़ रहा कोरोना मुक्ती की ओर
जिले के करीब दो दर्जन गांव ऐसे हैं, जहां 100 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. इससे पाटन ब्लॉक का अशोगा गांव भी अछूता नहीं है. 5 हजार से अधिक जनसंख्या वाले इस गांव में 119 लोग संक्रमित हो चुके हैं. इसके साथ ही 7 लोगों की मौत हो गई है. गांव के सरपंच अशोक रिंगवानी ने बताया कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समेत तमाम पंच प्रयास कर रहे हैं.
कोरोना संक्रमण के दौरान मितानिनों की टीम लगातार दवाइयों का वितरण कर रही थी. वहीं पंचायत की टीम पूरे गांव को सैनिटाइजर करने का काम कर रही थी. इसके साथ ही पूरे गांव को ब्लॉक कर दिया गया था. गांव वाले भी इसमें सहयोग कर रहे थे. यही वजह है कि गांव कोरोना से मुक्त होने की कगार पर है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में एक से दो लोग ही संक्रमित हैं, जो अपने घर में ही आइसोलेशन में हैं. बहुत जल्द वह भी ठीक हो जाएंगे.
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मेडिकल किट से कोरोना मुक्त हुए गांव
दुर्ग जिले के 98 फीसदी गांव पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गए हैं. कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे (Collector Sarveshwar Narendra Bhure ) ने बताया कि वर्तमान जो आंकड़े निकल कर सामने आए हैं उसके मुताबिक जिले के 385 गांव में से करीब 377 गांव पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गए हैं. उन्होंने ने बताया कि कोरोना मुक्त गांव होने की मुख्य वजह गांवो तक मेडिकल कीट का पहुंचना है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिशा निर्देश के बाद जिले के तमाम गांवों तक मेडिकल कीट पहुंचाई गई (Villages freed from corona with medical kit ). हालांकि कुछ गांव में एक-दो पॉजिटिव केस जरूर हैं. वह भी बेहतर हो जाएगा. शहर से जुड़े हनोदा, मचांदुर, पतोरा, अंजोरा समेत दर्जन भर से अधिक गावों में बड़ी संख्या में मरीज मिले थे. वर्तमान में यह गांव पूरी तरह कोरोना मुक्त हो गए हैं.
आंकड़ों पर डालें एक नजर
गांव का नाम | जनसंख्या | कोरोना से मौत | कुल संक्रमित मरीजों की संख्या |
अशोका | 5000 | 7 | 119 |
ढौर | 3000 | 12 | 130 |
पतोरा | 3435 | 8 | 76 |
अंजोरा | 5000 | 16 | 140 |
हनोदा | 2853 | 1 | 80 |