ETV Bharat / state

धमतरी: बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं बिरझूली के ग्रामीण, नाले का पानी पीने को हैं मजबूर

पेयजल नहीं मिलने पर वे गांव से 3 किलोमीटर दूर नाले का पानी पीने को मजबूर हैं. हैरत की बात ये है कि समस्या सुनने उच्चाधिकारी गांव में पहुंचते तो हैं, लेकिन इनकी शिकायतें अनसुनी रह जाती हैं, जिसकी वजह से ग्रामीणों की जिंदगी नर्क जैसे हो गई है.

author img

By

Published : May 19, 2019, 8:04 PM IST

नाले का पानी पीने को हैं मजबूर

धमतरी: जल का अभिप्राय जीवन से है, जिसके बगैर इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. इन दिनों धमतरी में पानी की किल्लत दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है. जिले के मगरलोड इलाके के बिरझूली गांव के कमार बस्ती के रहने वाले रहवासी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं.

नाले का पानी पीने को हैं मजबूर

पेयजल नहीं मिलने पर वे गांव से 3 किलोमीटर दूर नाले का पानी पीने को मजबूर हैं. हैरत की बात ये है कि समस्या सुनने उच्चाधिकारी गांव में पहुंचते तो हैं, लेकिन इनकी शिकायतें अनसुनी रह जाती हैं, जिसकी वजह से ग्रामीणों की जिंदगी नर्क जैसे हो गई है.

पानी के लिए तरस रहे हैं ग्रामीण
ग्रामीण अंचलों के अधिकांश गांवों में पानी की शिकायतें आम हैं, जबकि शासन-प्रशासन हर साल स्वच्छ पानी के नाम पर लाखों रुपए का मसौदा तैयार करता है, बावजूद इसके ग्रामीण आज भी पानी के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में शासन की योजनाएं महज कागजों में ही सिमटती नजर आ रही है.

नाले का पानी पीने को मजबूर हैं ग्रामीण
मगरलोड ब्लॉक की ग्राम पंचायत बिरझूली सघन वनों के बीच बसा है. यहां की आबादी 150 से अधिक है. गांव में बारिश खत्म होने के साथ पेयजल संकट गहरा गया है.
वैसे गांव में सोलरपंप तो है, लेकिन आए दिन कुछ न कुछ समस्या के चलते बंद रहता है. हालात ये हैं कि ग्रामीणों को अब गांव से 3 किलोमीटर दूर नाले का पानी पीना पड़ रहा है. इन परिवारों की मानें, तो हर साल गर्मी आती है, सोलर पंप खराब हो जाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें दूर तक पानी के लिए जाना पड़ता है.

पीएचई महकमा हाथ पर हाथ धरे बैठा है
इतना ही नहीं ग्रामीण नाले का पानी पीकर कई तरह की बीमारियों से भी ग्रसित हो रहे हैं. ऐसा नहीं है कि पीएचई महकमा मामले से अनजान है. हालात से वाकिफ होने के बाद भी हाथ पर हाथ धरे बैठा है.

कागजों में ही सिमट कर रह गए है दावे
प्रशासन मामले को संज्ञान में लेकर पेयजल की समस्या को दूर करने की बात कह रहा है. बहरहाल कमार परिवारों को कब तक पेयजल की समस्या से निजात मिल पाएगा. ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

धमतरी: जल का अभिप्राय जीवन से है, जिसके बगैर इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. इन दिनों धमतरी में पानी की किल्लत दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है. जिले के मगरलोड इलाके के बिरझूली गांव के कमार बस्ती के रहने वाले रहवासी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं.

नाले का पानी पीने को हैं मजबूर

पेयजल नहीं मिलने पर वे गांव से 3 किलोमीटर दूर नाले का पानी पीने को मजबूर हैं. हैरत की बात ये है कि समस्या सुनने उच्चाधिकारी गांव में पहुंचते तो हैं, लेकिन इनकी शिकायतें अनसुनी रह जाती हैं, जिसकी वजह से ग्रामीणों की जिंदगी नर्क जैसे हो गई है.

पानी के लिए तरस रहे हैं ग्रामीण
ग्रामीण अंचलों के अधिकांश गांवों में पानी की शिकायतें आम हैं, जबकि शासन-प्रशासन हर साल स्वच्छ पानी के नाम पर लाखों रुपए का मसौदा तैयार करता है, बावजूद इसके ग्रामीण आज भी पानी के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में शासन की योजनाएं महज कागजों में ही सिमटती नजर आ रही है.

नाले का पानी पीने को मजबूर हैं ग्रामीण
मगरलोड ब्लॉक की ग्राम पंचायत बिरझूली सघन वनों के बीच बसा है. यहां की आबादी 150 से अधिक है. गांव में बारिश खत्म होने के साथ पेयजल संकट गहरा गया है.
वैसे गांव में सोलरपंप तो है, लेकिन आए दिन कुछ न कुछ समस्या के चलते बंद रहता है. हालात ये हैं कि ग्रामीणों को अब गांव से 3 किलोमीटर दूर नाले का पानी पीना पड़ रहा है. इन परिवारों की मानें, तो हर साल गर्मी आती है, सोलर पंप खराब हो जाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें दूर तक पानी के लिए जाना पड़ता है.

पीएचई महकमा हाथ पर हाथ धरे बैठा है
इतना ही नहीं ग्रामीण नाले का पानी पीकर कई तरह की बीमारियों से भी ग्रसित हो रहे हैं. ऐसा नहीं है कि पीएचई महकमा मामले से अनजान है. हालात से वाकिफ होने के बाद भी हाथ पर हाथ धरे बैठा है.

कागजों में ही सिमट कर रह गए है दावे
प्रशासन मामले को संज्ञान में लेकर पेयजल की समस्या को दूर करने की बात कह रहा है. बहरहाल कमार परिवारों को कब तक पेयजल की समस्या से निजात मिल पाएगा. ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

Intro:जल का अभिप्राय जीवन से है जिसके बगैर जीवन की कल्पना कोरी बेईमानी है.इन दिनों धमतरी में पानी की किल्लत दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है.धमतरी जिले के मगरलोड इलाके के बिरझूली गांव के कमार बस्ती के रहने वाले रहवासी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहेे है.पेयजल नहीं मिलने पर वे गांव से 3 किलोमीटर दूर नाले के पानी को पीने मजबूर हैै.हैरत की बात है कि समस्या सुनने उच्चाधिकारी गांव में पहुंचते तो है पर इनकी शिकायते अनसुनी रह जाती है जिसके वजह से ग्रामीणों की जिंदगी अब नर्क से कम नही है.
Body:धमतरी जिले के ग्रामीण अंचलों के अधिकांश गांवों में पानी समस्या की शिकायतें आम दरफ्त है जबकि शासन प्रशासन हर साल स्वच्छ पानी के नाम पर लाखों रूपए का मसौदा तैयार करता है लेकिन बावजूद इसके ग्रामीणों की बदकिस्मती है कि वे आज भी पानी के लिए तरस रहे है.ऐसे में शासन की सारी योजनाएं महज कागजों में ही सिमटती नजर आ रही है.

मगरलोड ब्लॉक के ग्राम पंचायत बिरझूली गांव सघन वनों के बीच बसा है.यहां की आबादी 150 से अधिक है गांव में बारिश समाप्त होने के साथ पेयजल संकट गहरा गया है.वैसे गांव में सोलर पंप तो है,लेकिन आयदिन कुछ न कुछ समस्या के चलते बंद रहता है.हालात ये कि ग्रामीणों को अब गांव से 3 किलोमीटर दूर नाले की पानी को पीने मजबूर है.इन परिवारो की माने तो हर साल गर्मी आते है सोलर पंप खराब हो जाते है जिसके वजह से उन्हें दूर तक पानी के लिए जाना पड़ता है.इतना ही नहीं ग्रामीण गंदा पानी पीने से कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे है.ऐसा नही कि पीएचई महकमा मामले से अनजान है पूरे हालात से वाकिफ होने के बाद भी हाथ पर हाथ धरे बैठा है.

वही प्रशासन मामले के संज्ञान में आने के बाद पेयजल की समस्या को दूर करने की बात कह रहे है.बहरहाल कमार परिवारो को कब तक प्रशासन पेयजल की समस्या से निजात दिलाएंगे.ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन कमारो के पेयजल समस्या को देखते हुए अन्दाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासनिक दावे सिर्फ कागजो में ही सिमट कर रह गई है.

बाईट..मुकेश कमार,ग्रामीण
बाईट..पारो बाई कमार,ग्रामीण
बाईट..रजत बंसल,कलेक्टर धमतरी

रामेश्वर मरकाम धमतरी

Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.