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धमतरी: बारिश से प्रभावित हुई तेंदूपत्ता की खरीद, इस साल पूरा नहीं हुआ टारगेट

धमतरी में तेंदूपत्ता तोड़ाई के वक्त बारिश और ओलावृष्टि हुई है. जिससे तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका. साथ ही ग्रामीण अंचल के आदिवासियों को भी बारिश की वजह से तेंदूपत्ता तोड़ाई में भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

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तेंदूपत्ता संग्रहक
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Published : Jun 14, 2020, 2:03 PM IST

Updated : Jun 14, 2020, 3:45 PM IST

धमतरी: जिले में अब तेंदूपत्ता खरीदी बंद हो चुकी है. इस वर्ष वन विभाग ने तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया है. शासन से वन विभाग को तेंदूपत्ता खरीदी के लिए 27 हजार मानक बोरा का लक्ष्य मिला था, लेकिन इस साल करीब 19 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता की ही खरीदी हो पाई है. वन विभाग के अधिकारी लक्ष्य पूरा नहीं होने पर मौसम की खराबी बता रहे हैं.

तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ

25 मई तक जिले के 23 समितियों से 19 हजार 13 बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी की गई. मई महीने के दौरान जिले में काफी बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई थी. ऐसे में इस बार जिले के तेंदूपत्ता संग्रहकों को काफी नुकसान उठाना पडा है. मौसम की मार के कारण इस साल लक्ष्य से 8 हजार कम बोरे की खरीदी हुई है.

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बारिश और ओलावृष्टि से पत्ते हो गए खराब

धमतरी डीएफओ अमिताभ वाजपेयी ने बताया कि सरकार से 27 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता खरीदने का लक्ष्य मिला था, लेकिन मौसम की खराबी के कारण और कोरोना वायरस के कारण तेंदूपत्ता की खरीदी नहीं हो पाई. डीएफओ ने बताया बारिश के साथ ओलावृष्टि की वजह से पत्ते खराब आ रहे थे. इस कारण से खरीदी का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है. फिलहाल संग्राहकों को राशि का भुगतान किया जा रहा है.

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प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा था पूरा कर लेंगे लक्ष्य

बता दें कि 24 मई को स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया था कि छत्तीसगढ़ के कई जिलों में कोरोना वायरस के कारण तेंदूपत्ता की खरीदी नहीं हो सकी है. कोरोना वायरस का असर तेंदूपत्ता संग्रहण पर पड़ा है. ऐसे में आदिवासी अंचल के लोगों ने स्वेच्छा से कम मात्रा में तेंदूपत्ता तोड़ने का काम किया है. उम्मीद है कि हम लक्ष्य को पूरा जरूर कर लेंगे, लेकिन मौसम की मार से तेंदूपत्ता तोड़ने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. साथ ही सरकार तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पाई है.

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भूपेश सरकार ने 1500 रुपए बढ़ाए तेंदूपत्ता के दाम

छत्तीसगढ़ में सालभर पहले जब सत्ता परिवर्तन हुआ, उस समय तेंदूपत्ता जमा करने का मूल्य प्रति मानक बोरा 2500 रुपए था. भूपेश सरकार ने इसमें 1500 रुपए बढ़ाए हैं, अब यह मूल्य 4000 रुपये प्रति मानक बोरा है. इसकी वजह से पिछले साल की तुलना में इस साल वनवासियों को 226 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान किया जाना था, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस साल तेंदूपत्ता की कम खरीदी हुई है.

धमतरी: जिले में अब तेंदूपत्ता खरीदी बंद हो चुकी है. इस वर्ष वन विभाग ने तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया है. शासन से वन विभाग को तेंदूपत्ता खरीदी के लिए 27 हजार मानक बोरा का लक्ष्य मिला था, लेकिन इस साल करीब 19 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता की ही खरीदी हो पाई है. वन विभाग के अधिकारी लक्ष्य पूरा नहीं होने पर मौसम की खराबी बता रहे हैं.

तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ

25 मई तक जिले के 23 समितियों से 19 हजार 13 बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी की गई. मई महीने के दौरान जिले में काफी बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई थी. ऐसे में इस बार जिले के तेंदूपत्ता संग्रहकों को काफी नुकसान उठाना पडा है. मौसम की मार के कारण इस साल लक्ष्य से 8 हजार कम बोरे की खरीदी हुई है.

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बारिश और ओलावृष्टि से पत्ते हो गए खराब

धमतरी डीएफओ अमिताभ वाजपेयी ने बताया कि सरकार से 27 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता खरीदने का लक्ष्य मिला था, लेकिन मौसम की खराबी के कारण और कोरोना वायरस के कारण तेंदूपत्ता की खरीदी नहीं हो पाई. डीएफओ ने बताया बारिश के साथ ओलावृष्टि की वजह से पत्ते खराब आ रहे थे. इस कारण से खरीदी का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है. फिलहाल संग्राहकों को राशि का भुगतान किया जा रहा है.

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प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा था पूरा कर लेंगे लक्ष्य

बता दें कि 24 मई को स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया था कि छत्तीसगढ़ के कई जिलों में कोरोना वायरस के कारण तेंदूपत्ता की खरीदी नहीं हो सकी है. कोरोना वायरस का असर तेंदूपत्ता संग्रहण पर पड़ा है. ऐसे में आदिवासी अंचल के लोगों ने स्वेच्छा से कम मात्रा में तेंदूपत्ता तोड़ने का काम किया है. उम्मीद है कि हम लक्ष्य को पूरा जरूर कर लेंगे, लेकिन मौसम की मार से तेंदूपत्ता तोड़ने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. साथ ही सरकार तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पाई है.

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भूपेश सरकार ने 1500 रुपए बढ़ाए तेंदूपत्ता के दाम

छत्तीसगढ़ में सालभर पहले जब सत्ता परिवर्तन हुआ, उस समय तेंदूपत्ता जमा करने का मूल्य प्रति मानक बोरा 2500 रुपए था. भूपेश सरकार ने इसमें 1500 रुपए बढ़ाए हैं, अब यह मूल्य 4000 रुपये प्रति मानक बोरा है. इसकी वजह से पिछले साल की तुलना में इस साल वनवासियों को 226 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान किया जाना था, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस साल तेंदूपत्ता की कम खरीदी हुई है.

Last Updated : Jun 14, 2020, 3:45 PM IST
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