धमतरी: धर्म की नगरी धमतरी के पुरातन देव स्थानों में से एक बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर (Budheeshwar Mahadev Temple) के इतिहास में 19 जुलाई 2021 स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. जब लगभग 13 सौ साल पुराने बूढ़ेश्वर मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए शिला पूजन किया गया. आषाढ़ शुक्ल पक्ष दशमी तिथि को शुभ मुहूर्त में मंत्रोच्चार के साथ पूजन शुरू किया गया. लगभग 45 मिनट तक चले इस पूजन कार्यक्रम में ट्रस्ट के पदाधिकारियों सहित शहर के गणमान्य नागरिक और शिव भक्त मौजूद थे.
महाशिवरात्रिः 11 सौ साल पुराना है इस मंदिर का इतिहास, स्वयंभू हैं महादेव
दरअसल सैकड़ों वर्ष पुराने इतवारी बाजार स्थित बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू किया गया. इसके लिए सोमवार को शिलापूजन किया गया. अब मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बताया गया कि बंसी पहाड़पुर राजस्थान से पत्थर मंगाए गए हैं. जिससे मंदिर का निर्माण होगा.
इन्ही पत्थरों को अयोध्या में राम मंदिर के लिए भी भेजा गया है. ऐसे ही रंग में मिलते-जुलते पत्थर काशी विश्वनाथ मंदिर में भी लगे हैं. सैकड़ों साल पुराने इस शिवालय में शिव की शक्ति और भक्तों की भक्ति का अद्भुत नजारा हर पावन पर्व पर दिखाई पड़ता है.
7वीं से 8वीं सदी में हुआ था मंदिर का निर्माण
7वीं-8वीं सदी में इस देव स्थान का निर्माण किया गया था. रायपुर के पुरातत्व संग्रहालय में मौजूद इसके मुख्य द्वार पर यह पत्थर में अंकित है और कार्बन डेटिंग में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है. यानी धर्म की नगरी धमतरी के पुरातन देव स्थानों में बूढ़ेश्वर मंदिर शामिल है. आश्चर्य की बात तो ये है कि सैकड़ों साल बीतने के बाद भी इस शिवधाम की मजबूती जस की तस है. जो जीर्णोद्धार के दरम्यान देखने को मिल रही है.