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टोकन वितरण में अव्यवस्था, किसानों की लगी भारी भीड़, सरकार पर भड़के अन्नदाता

टोकन वितरण के लिए प्रशासन की पूरी व्यवस्था धरी की धरी रह गई. किसान सुबह से टोकन लेने के लिए कार्यालय के सामने जुटे रहे, लेकिन उन्हें टोकन नहीं मिल पाया. इससे किसानों में जमकर नाराजगी देखने को मिली. किसानों का कहना है कि प्रदेश में जबसे कांग्रेस की सरकार आई है, तब से वे परेशान हैं.

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टोकन वितरण में अव्यवस्था
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Published : Nov 28, 2020, 11:01 AM IST

Updated : Nov 28, 2020, 1:15 PM IST

धमतरी: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान की खरीदी की जानी है. धान खरीदी के लिए शुक्रवार से टोकन के वितरण का काम शुरू किया गया है. टोकन वितरण के पहले दिन ही प्रशासन की पूरी व्यवस्था धरी की धरी रह गई. कुरुद में टोकन वितरण में कई अनियमितताएं सामने आई हैं. हजारों की संख्या में किसान सुबह से टोकन लेने के लिए कार्यालय के सामने जुटे रहे. किसानों ने टोकन वितरण के दौरान अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नाराजगी जताई है. किसानों का कहना है कि शासन-प्रशासन सोसायटियों में व्यवस्था करने में असफल साबित हो रहा है.

टोकन वितरण में अव्यवस्था

किसानों का कहना है कि वे सुबह चार बजे से लाइन में लगे हुए हैं, लेकिन टोकन नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि जबसे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है, तब से वे परेशान हैं. पहले किसान का जब मन होता था, तब वे सोसायटी में धान बेचते थे, लेकिन भूपेश सरकार के आने के बाद किसानों को घंटों लाइनों में लगना पड़ रहा है. उनका कहना है कि धान खरीदी की तैयारियों को लेकर बड़ी-बड़ी बात करने वाली कांग्रेस की सरकार ने टोकन कार्यालय के बाहर किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की है. कार्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है. किसान बारिश में खड़े होकर अपने टोकन का इंतजार कर रहे हैं.

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टोकन लेने लगी किसानों की भारी भीड़

पढ़ें: बिलासपुर : टोकन वितरण के लिए पहुंचे किसान, न अधिकारी मिले, न कर्मचारी

SDM पर अव्यवस्था का आरोप

किसानों का कहना है कि प्रशासन को अलग-अलग गांव के किसानों के लिए अलग-अलग काउंटर बनाना चाहिए था, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण पुलिस-प्रशासन को व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए आना पड़ा. उन्होंने कहा कि SDM को पहले से ही अलग-अलग काउंटर की व्यवस्था करनी चाहिए थी. महिलाओं के लिए अलग से काउंटर बनाना चाहिए था. किसानों का कहना है कि उन्हें 2500 रुपए क्विंटल 4 किस्तों में नहीं चाहिए. अगर सरकार को उन्हें धान खरीदी की राशि देनी है, तो एक किस्त में दें.

तैयारियों के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देश

⦁ छत्तीसगढ़ में धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा भी बढ़ाया गया है.

⦁ किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नवीन धान उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं.

⦁ इन केन्द्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केन्द्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरे की व्यवस्था.

⦁ ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मॉइश्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य पूरा करने के निर्देश.

⦁ राज्य के खरीदी केन्द्रों में दो चरणों में 7 हजार 620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है.

⦁ जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है, वे 30 नवंबर तक निर्माण कार्य पूरा कराएं.

⦁ राज्य में गिरदावरी के बाद प्रविष्टि का कार्य 10 नवंबर को समाप्त हो चुका है.

⦁ गिरदावरी के संबंध में किसी भी जिले से कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है.

⦁ 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा.

⦁ रकबे में कोई परिवर्तन या संशोधन की जरूरत हो, उसे 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए.

⦁ एक दिसंबर के बाद सॉफ्टवेयर को लॉक कर दिया जाएगा.

⦁ गिरदावरी के कार्य में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

धमतरी: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान की खरीदी की जानी है. धान खरीदी के लिए शुक्रवार से टोकन के वितरण का काम शुरू किया गया है. टोकन वितरण के पहले दिन ही प्रशासन की पूरी व्यवस्था धरी की धरी रह गई. कुरुद में टोकन वितरण में कई अनियमितताएं सामने आई हैं. हजारों की संख्या में किसान सुबह से टोकन लेने के लिए कार्यालय के सामने जुटे रहे. किसानों ने टोकन वितरण के दौरान अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नाराजगी जताई है. किसानों का कहना है कि शासन-प्रशासन सोसायटियों में व्यवस्था करने में असफल साबित हो रहा है.

टोकन वितरण में अव्यवस्था

किसानों का कहना है कि वे सुबह चार बजे से लाइन में लगे हुए हैं, लेकिन टोकन नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि जबसे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है, तब से वे परेशान हैं. पहले किसान का जब मन होता था, तब वे सोसायटी में धान बेचते थे, लेकिन भूपेश सरकार के आने के बाद किसानों को घंटों लाइनों में लगना पड़ रहा है. उनका कहना है कि धान खरीदी की तैयारियों को लेकर बड़ी-बड़ी बात करने वाली कांग्रेस की सरकार ने टोकन कार्यालय के बाहर किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की है. कार्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है. किसान बारिश में खड़े होकर अपने टोकन का इंतजार कर रहे हैं.

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टोकन लेने लगी किसानों की भारी भीड़

पढ़ें: बिलासपुर : टोकन वितरण के लिए पहुंचे किसान, न अधिकारी मिले, न कर्मचारी

SDM पर अव्यवस्था का आरोप

किसानों का कहना है कि प्रशासन को अलग-अलग गांव के किसानों के लिए अलग-अलग काउंटर बनाना चाहिए था, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण पुलिस-प्रशासन को व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए आना पड़ा. उन्होंने कहा कि SDM को पहले से ही अलग-अलग काउंटर की व्यवस्था करनी चाहिए थी. महिलाओं के लिए अलग से काउंटर बनाना चाहिए था. किसानों का कहना है कि उन्हें 2500 रुपए क्विंटल 4 किस्तों में नहीं चाहिए. अगर सरकार को उन्हें धान खरीदी की राशि देनी है, तो एक किस्त में दें.

तैयारियों के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देश

⦁ छत्तीसगढ़ में धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा भी बढ़ाया गया है.

⦁ किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नवीन धान उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं.

⦁ इन केन्द्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केन्द्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरे की व्यवस्था.

⦁ ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मॉइश्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य पूरा करने के निर्देश.

⦁ राज्य के खरीदी केन्द्रों में दो चरणों में 7 हजार 620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है.

⦁ जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है, वे 30 नवंबर तक निर्माण कार्य पूरा कराएं.

⦁ राज्य में गिरदावरी के बाद प्रविष्टि का कार्य 10 नवंबर को समाप्त हो चुका है.

⦁ गिरदावरी के संबंध में किसी भी जिले से कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है.

⦁ 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा.

⦁ रकबे में कोई परिवर्तन या संशोधन की जरूरत हो, उसे 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए.

⦁ एक दिसंबर के बाद सॉफ्टवेयर को लॉक कर दिया जाएगा.

⦁ गिरदावरी के कार्य में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

Last Updated : Nov 28, 2020, 1:15 PM IST
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