बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में प्रशासन ने एक अद्वितीय पहल करते हुए बेटी जन्म महोत्सव का आयोजन किया. इस आयोजन में कलेक्टर दीपक सोनी ने 24 नन्हीं बेटियों को झूला पालना भेंट किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान: बलौदाबाजार के संयुक्त जिला कार्यालय में आयोजित इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य समाज में बेटियों को सम्मान देना और उनकी महत्ता को हर घर में महसूस कराना था. यह कार्यक्रम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत आयोजित किया गया. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान बेटी के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा और सुरक्षा तक के हर पहलू पर ध्यान केंद्रित करता है.
''बेटियां परिवार और समाज की ताकत'': खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में विशेष रूप से 6 महीने से लेकर 1 साल तक की 24 नन्हीं बेटियों और उनके माता-पिता को आमंत्रित किया गया था, जो एक भावनात्मक और प्रेरणादायक माहौल का हिस्सा बने. कलेक्टर दीपक सोनी ने इस अवसर पर कहा, ''बेटियां परिवार और समाज की ताकत हैं. हमें उन्हें हर दिशा में समर्थन और अवसर देना चाहिए ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें. बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत का प्रदर्शन कर रही हैं और देश का नाम रोशन कर रही हैं.''
बेटियों के प्रति जागरूकता और प्रेरणा का माहौल: कलेक्टर ने माता पिता से भी अपील की है कि वे अपनी बेटियों को बेहतर शिक्षा और अवसर प्रदान करें, क्योंकि बेटियां केवल घर का नहीं, बल्कि पूरे समाज का भविष्य होती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ''नारी शक्ति समाज को मजबूती प्रदान करती है और माताएं बच्चों को न केवल संस्कार देती हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त भी बनाती हैं.''
महिला एवं बाल विकास विभाग: कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी आदित्य शर्मा और जिला कार्यक्रम अधिकारी टीके जाटवर ने भी अपने विचार साझा किए. उन्होंने समाज में बेटियों के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ाने और उनके अच्छे पालन पोषण के लिए प्रयास करने पर जोर दिया.
समाज में बदलाव की दिशा: कार्यक्रम में मौजूद नन्हीं बेटियों की मुस्कान और उनके माता पिता की खुशी ने एक भावनात्मक माहौल तैयार किया. यह आयोजन उन क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण था, जहां बेटियों के साथ भेदभाव किया जाता है और उनका जीवन गर्भ में ही समाप्त कर दिया जाता है. इस प्रकार का आयोजन न केवल समाज में नई सोच पैदा करता है, बल्कि बेटियों के लिए उम्मीद और सम्मान का माहौल भी तैयार करता है.
कलेक्टर की तारीफ: इस कार्यक्रम में प्रशासन के अधिकारियों के अलावा क्षेत्र के समुदाय के लोग भी सक्रिय रूप से शामिल हुए. कार्यक्रम के प्रति लोगों का उत्साह और प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि बेटियों के लिए जागरूकता और सम्मान बढ़ाने की दिशा में यह कदम प्रभावी साबित हो सकता है. स्थानीय लोगों ने कलेक्टर दीपक सोनी और प्रशासन की इस पहल को सराहा और इसे एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा.