धमतरी: घोड़ों में फैलने वाली लाइलाज बीमारी ग्लैंडर के लिए पशु चिकित्सा विभाग पूरी तरह से तैयार है. हाल ही में इसी बीमारी से एक घोड़े को मौत भी दी गई है, जिससे इंफेक्शन ज्यादा न फैले. हालांकि अभी तक जिले में कहीं से भी ग्लैंडर का केस नहीं आया है. सावधानी बरतते हुए जिले सभी घोड़ों का ब्लड सैंपल लेने की तैयारी है.
बरसात के मौसम की हवा में बैक्टीरिया तेजी से फैलते और पनपते हैं. बुर्खोल्डेरिया मलेई नाम के बैक्टीरिया से फैलने वाला यह रोग सबसे पहले घोड़ों, गधों और खच्चर को निशाना बनाता है. उसके बाद बैक्टीरिया हवा के जरिए दूसरे स्तनपाई जानवर के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.
इंसानों को भी संक्रमित कर सकती है ये बीमारी
इतना ही नहीं इससे मनुष्यों को भी खतरा रहता है. किसी भी जानवर को जब यह रोग हो जाता है तो उसके फेफड़ों में यह सबसे पहले फैलता है और उसकी सांसों के जरिए इसके बैक्टीरिया हवा में फैलते हैं और दूसरे जानवरों के शरीर में अगर चोट या जख्म है तो वहीं से हवा के जरिए उस जानवर या इंसान के शरीर में यह बीमारी प्रवेश कर सकती है.
घोड़ो के ब्लड सैम्पल लिए जाएंगे
इधर जिला पशु विभाग का कहना है कि फिलहाल सावधानी बरतने के लिए सभी घोड़ों के ब्लड सैम्पल लिए जाने की तैयारी है, अगर कहीं बुर्खोल्डेरिया मलेई के निशान मिलेंगे, तब जिले में अलर्ट जारी किए जाने की संभावना है.
इस बीमारी से मौत होना तय
बता दें कि यह एक लाइलाज बीमारी है इसलिए अगर एक बार ग्लैंडर हो जाए तो मौत होना तय है.