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धमतरी: घोड़ों में फैल रही है ये बीमारी, ब्लड सैंपल लेने की तैयारी

घोड़ों में फैलने वाली लाइलाज बीमारी ग्लैंडर जिले में ना फैले इसके लिए पशु चिकित्सा विभाग सभी घोड़ों का ब्लड सैंपल लेने की तैयारी में है.

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Published : Jul 1, 2019, 3:39 PM IST

Updated : Jul 1, 2019, 4:41 PM IST

घोड़ों में फैल रही है ग्लैंडर बीमारी

धमतरी: घोड़ों में फैलने वाली लाइलाज बीमारी ग्लैंडर के लिए पशु चिकित्सा विभाग पूरी तरह से तैयार है. हाल ही में इसी बीमारी से एक घोड़े को मौत भी दी गई है, जिससे इंफेक्शन ज्यादा न फैले. हालांकि अभी तक जिले में कहीं से भी ग्लैंडर का केस नहीं आया है. सावधानी बरतते हुए जिले सभी घोड़ों का ब्लड सैंपल लेने की तैयारी है.

घोड़ों में फैल रही है ग्लैंडर नामक बीमारी

बरसात के मौसम की हवा में बैक्टीरिया तेजी से फैलते और पनपते हैं. बुर्खोल्डेरिया मलेई नाम के बैक्टीरिया से फैलने वाला यह रोग सबसे पहले घोड़ों, गधों और खच्चर को निशाना बनाता है. उसके बाद बैक्टीरिया हवा के जरिए दूसरे स्तनपाई जानवर के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.

इंसानों को भी संक्रमित कर सकती है ये बीमारी
इतना ही नहीं इससे मनुष्यों को भी खतरा रहता है. किसी भी जानवर को जब यह रोग हो जाता है तो उसके फेफड़ों में यह सबसे पहले फैलता है और उसकी सांसों के जरिए इसके बैक्टीरिया हवा में फैलते हैं और दूसरे जानवरों के शरीर में अगर चोट या जख्म है तो वहीं से हवा के जरिए उस जानवर या इंसान के शरीर में यह बीमारी प्रवेश कर सकती है.

घोड़ो के ब्लड सैम्पल लिए जाएंगे
इधर जिला पशु विभाग का कहना है कि फिलहाल सावधानी बरतने के लिए सभी घोड़ों के ब्लड सैम्पल लिए जाने की तैयारी है, अगर कहीं बुर्खोल्डेरिया मलेई के निशान मिलेंगे, तब जिले में अलर्ट जारी किए जाने की संभावना है.

इस बीमारी से मौत होना तय
बता दें कि यह एक लाइलाज बीमारी है इसलिए अगर एक बार ग्लैंडर हो जाए तो मौत होना तय है.

धमतरी: घोड़ों में फैलने वाली लाइलाज बीमारी ग्लैंडर के लिए पशु चिकित्सा विभाग पूरी तरह से तैयार है. हाल ही में इसी बीमारी से एक घोड़े को मौत भी दी गई है, जिससे इंफेक्शन ज्यादा न फैले. हालांकि अभी तक जिले में कहीं से भी ग्लैंडर का केस नहीं आया है. सावधानी बरतते हुए जिले सभी घोड़ों का ब्लड सैंपल लेने की तैयारी है.

घोड़ों में फैल रही है ग्लैंडर नामक बीमारी

बरसात के मौसम की हवा में बैक्टीरिया तेजी से फैलते और पनपते हैं. बुर्खोल्डेरिया मलेई नाम के बैक्टीरिया से फैलने वाला यह रोग सबसे पहले घोड़ों, गधों और खच्चर को निशाना बनाता है. उसके बाद बैक्टीरिया हवा के जरिए दूसरे स्तनपाई जानवर के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.

इंसानों को भी संक्रमित कर सकती है ये बीमारी
इतना ही नहीं इससे मनुष्यों को भी खतरा रहता है. किसी भी जानवर को जब यह रोग हो जाता है तो उसके फेफड़ों में यह सबसे पहले फैलता है और उसकी सांसों के जरिए इसके बैक्टीरिया हवा में फैलते हैं और दूसरे जानवरों के शरीर में अगर चोट या जख्म है तो वहीं से हवा के जरिए उस जानवर या इंसान के शरीर में यह बीमारी प्रवेश कर सकती है.

घोड़ो के ब्लड सैम्पल लिए जाएंगे
इधर जिला पशु विभाग का कहना है कि फिलहाल सावधानी बरतने के लिए सभी घोड़ों के ब्लड सैम्पल लिए जाने की तैयारी है, अगर कहीं बुर्खोल्डेरिया मलेई के निशान मिलेंगे, तब जिले में अलर्ट जारी किए जाने की संभावना है.

इस बीमारी से मौत होना तय
बता दें कि यह एक लाइलाज बीमारी है इसलिए अगर एक बार ग्लैंडर हो जाए तो मौत होना तय है.

Intro:घोड़ो पर फैलने वाली लाईलाज बीमारी ग्लैडर के लिए धमतरी पशु चिकित्सा विभाग भी तैयार है.हालाकि अभी तक जिले में कही से भी ग्लैण्डर की मौजूदगी की खबर नही है फिर भी एतिहातन के तौर पर जिले के सभी घोड़ो के ब्लड सैम्पल लिए जाने की तैयारी की जा रही है.


Body:जानलेवा और लाइलाज बीमारी ग्लैडर की प्रदेश में कदम पड़ चुके है जिससे इसके तेजी से फैलने का खतरा भी पैदा हो सकता है क्योंकि बरसात के मौसम की हवा में बैक्टीरिया तेजी से फैलते और पनपते है.बुर्खोल्डेरिया मलेई नाम के बैक्टीरिया से फैलने वाला यह रोग सबसे पहले घोड़ो या गधों और खच्चर को निशाना बनाता है.उसके बाद उसके बेक्टीरिया हवा के जरिए दूसरे स्तनपाई जानवर के शरीर में घुस सकते है.इतना ही नहीं इससे मनुष्यों को भी खतरा रहता है जिस जानवर का यह रोग हो जाता है उसके फेफड़ों में यह सबसे पहले फैलता है और उसकी सांसों के जरिए इसके बैक्टीरिया हवा में फैलते हैं और दूसर जानवरों के शरीर में अगर चोट या जख्म है वहीं से हवा के जरिए उस जानवर या इंसान के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं क्योंकि लाइलाज बीमारी है इसलिए अगर एक बार ग्लैडर हो जाए तो मौत होना तय है.

इधर जिला पशु विभाग का दावा है कि एहतियातन सभी घोड़ो के ब्लड सैम्पल लिए जाने की तैयारी है अगर कही बुर्खोल्डेरिया मलेई के निशान मिलेंगे तब अलर्ट जारी किए जाने की बात कह रहा है.


Conclusion:हवा में फैलने वाला ये संक्रामक रोग बिना आहट के कब धमतरी की हवा को जहरीला बना दे पता नही.ऐसे में जरुरी है कि जितना जल्दी हो सके पशु चिकित्सा विभाग जरूरी कदम उठाए.वरना क्या जानवर क्या इंसान सभी खतरे में पड़ सकते है.

बाईट...डॉ. एस के कुर्रे वेटनरी असिस्टेंट सर्जन धमतरी

रामेश्वर मरकाम धमतरी
Last Updated : Jul 1, 2019, 4:41 PM IST
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