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धमतरी: जर्जर भवन में चल रही चौकी, लोगों की परेशानी दूर करने वाली पुलिस खुद है परेशान

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Published : Sep 4, 2019, 6:44 PM IST

करेली बड़ी चौकी इन दिनों जर्जर भवन में बदहाली के दौर से गुजर रही है. पुलिस चौकी को बारिश में तिरपाल से ढंकना पड़ता है, जहां पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर हैं.

जर्जर भवन में चल रही चौकी

धमतरी: छत्तीसगढ़ सरकार एक ओर पुलिसकर्मियों और सुरक्षा बलों को नई-नई तकनीक देने की बात कर रही है, जिससे जनता की सुरक्षा की जा सके, लेकिन दूसरी ओर जिले के करेली बड़ी चौकी की तस्वीरों को देखकर सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं, जहां लोगों की परेशानी दूर करने वाली पुलिस खुद ही परेशान है.

जर्जर भवन में चल रही चौकी

दरअसल, जिले की करेली बड़ी चौकी इन दिनों जर्जर भवन में बदहाली के दौर से गुजर रही है. इस चौकी की हालत इतनी दयनीय है कि बारिश के दिनों में चौकी के छप्पर को तिरपाल से ढंकना पड़ता है. बारिश होते ही चौकी में पानी घुस जाता है. इतना ही नहीं चौकी के पास एक जर्जर पानी की टंकी भी मौजूद है, जो कभी भी गिर सकती है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है.

पढ़ें: अम्बिकापुर : जर्जर भवन में खतरे के बीच पढ़ रहे हैं नौनिहाल, सुविधाओं का है बुरा हाल

जर्जर भवन में पुलिस चौकी
इलाके के ग्रामीणों का कहना है कि, 'बड़ी करेली में जो पुलिस चौकी का भवन है. वहां पहले स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हुआ करता था, लेकिन जर्जर होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस भवन को छोड़ दिया, जिसके बाद खाली पड़े भवन में पुलिस विभाग ने पुलिस चौकी खोल दी. तब से यहां पुलिसकर्मी अपनी जान को जोखिम में डालकर अपना फर्ज अदा कर रहे हैं.

सरकार के पास भेजा गया प्रस्ताव
बहरहाल पुलिस प्रशासन का कहना है कि, 'नए भवन के लिए शासन के पास प्रस्ताव भेजा गया है और शासन से जैसे ही मंजूरी मिलती है, वैसे ही पुलिस चौकी के लिए नए भवन का निर्माण कराया जाएगा.

धमतरी: छत्तीसगढ़ सरकार एक ओर पुलिसकर्मियों और सुरक्षा बलों को नई-नई तकनीक देने की बात कर रही है, जिससे जनता की सुरक्षा की जा सके, लेकिन दूसरी ओर जिले के करेली बड़ी चौकी की तस्वीरों को देखकर सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं, जहां लोगों की परेशानी दूर करने वाली पुलिस खुद ही परेशान है.

जर्जर भवन में चल रही चौकी

दरअसल, जिले की करेली बड़ी चौकी इन दिनों जर्जर भवन में बदहाली के दौर से गुजर रही है. इस चौकी की हालत इतनी दयनीय है कि बारिश के दिनों में चौकी के छप्पर को तिरपाल से ढंकना पड़ता है. बारिश होते ही चौकी में पानी घुस जाता है. इतना ही नहीं चौकी के पास एक जर्जर पानी की टंकी भी मौजूद है, जो कभी भी गिर सकती है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है.

पढ़ें: अम्बिकापुर : जर्जर भवन में खतरे के बीच पढ़ रहे हैं नौनिहाल, सुविधाओं का है बुरा हाल

जर्जर भवन में पुलिस चौकी
इलाके के ग्रामीणों का कहना है कि, 'बड़ी करेली में जो पुलिस चौकी का भवन है. वहां पहले स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हुआ करता था, लेकिन जर्जर होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस भवन को छोड़ दिया, जिसके बाद खाली पड़े भवन में पुलिस विभाग ने पुलिस चौकी खोल दी. तब से यहां पुलिसकर्मी अपनी जान को जोखिम में डालकर अपना फर्ज अदा कर रहे हैं.

सरकार के पास भेजा गया प्रस्ताव
बहरहाल पुलिस प्रशासन का कहना है कि, 'नए भवन के लिए शासन के पास प्रस्ताव भेजा गया है और शासन से जैसे ही मंजूरी मिलती है, वैसे ही पुलिस चौकी के लिए नए भवन का निर्माण कराया जाएगा.

Intro:
जनता की सुरक्षा के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया जाता है और इसके लिए बकायदा पुलिस चौकियां बनाई जाती है जब इन पुलिस चौकियों की सुरक्षा पर ही सवाल खडे़ हो जाएं तो सोच सकते है कि जनता का क्या होगा जिले में आज सुरक्षा की जिम्मेदार पुलिस चैकियां खुद असुरक्षित है.

दरअसल धमतरी में जनता की सुरक्षा के लिए जिले में स्थापित पुलिस चौकियां बदहाल है.गिनी-चुनी कुछ पुलिस चौकियों को छोड़ दें तो कहीं टिनशेड में तो कहीं जर्जर भवनों में चल रही है.ऐसी स्थिति में पुलिसकर्मी जितनी जिम्मेदारी कानून की रक्षा में निभाएंगे उससे कही ज्यादा अपने असलहों और सामानों पर निगहबानी करनी पड़ेगी.
Body:धमतरी जिले के करेली बड़ी चौकी भी बदहाली के दौर से गुजर रही है.इस चौकी की हालत इतनी दयनीय है कि बारिश के दिनो मे चौकी के छप्पर को पालीथीन से ढकना पडता है.वही चौकी के सामने गढ्डे है ऐसे मे बारिश का पानी चौकी मे घुस जाता है जिसकी वजह से मजबूरी मे यहा के पुलिस कर्मचारी अपना फर्ज निभा रहे है.लोगों को सुरक्षा प्रदान करने वाली इस पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों की जान पर हमेशा जोखिम बना हुआ है.

दरअसल बडी करेली मे जो पुलिस चौकी का भवन जो है वहां पहले स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हुआ करता था.लेकिन जर्जर होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस भवन को छोडकर नए भवन मे शिफ्ट हो गऐ.खाली पड़े भवन को पुलिस विभाग ने स्वास्थ्य विभाग से लेकर पुलिस चौकी खोल दिया गया.ग्रामीणो ने बताया की पुलिस चौकी जहां संचालित हो रही है वे काफी पुराना भवन है.तथा साइड में पानी की टंकी भी मौजूद है जिसकी स्तिथि भी जर्जर हो चुकी जो कभी भी धसक सकती है. बावजूद भी यहां न तो पुलिस चौकी की खुद की जमीन है और न ही कोई रहने के लिए कोई सरकारी भवन.
Conclusion:बहरहाल पुलिस प्रशासन का कहना है कि नए भवन के लिए शासन के पास प्रस्ताव भेजा गया है और शासन से जैसे ही मंजूरी मिलती है वैसे ही नए पुलिस चौकी के लिए नए भवन का निर्माण किया जायेगा.
बाइट...ग्रामीण
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बाइट... बालाजी राव सोमावार, पुलिस अधीक्षक धमतरी

अभिमन्यु नेताम कुरुद
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