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धमतरी: पानी में डूबी कई सौ एकड़ धान की फसल, प्रशासन बेसुध

धमतरी जिले में बारिश से सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है. खेतों में पानी भरने की वजह से फसल खराब हो गई, जिससे किसान परेशान हैं और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. कृषि विभाग नुकसान हुई फसल का सर्वे कराने का बात कह रहा है.

Crop wasted due to rain in Chhattisgarh
धमतरी में धान की फसल बर्बाद
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Published : Oct 8, 2020, 9:02 PM IST

Updated : Oct 8, 2020, 9:18 PM IST

धमतरी: बीते दिनों जिले में गरज-चमक के साथ हुई तूफानी बारिश ने किसानों के सैकड़ों एकड़ फसल को पानी में डूब दिया है. इस प्राकृतिक आपदा से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. हवा-तूफान से खड़ी फसल जमीन पर लेट गई है. खेतों में पानी भरे होने के कारण बिना पके धान की फसल सड़ने की कगार पर है. हैरत की बात यह है कि जिला प्रशासन की ओर से कृषि और राजस्व का अमला अभी तक किसानों के परेशानी जानने के लिए नहीं पहुंची है.

पानी में डूबी फसल

जमकर हुई बारिश से धान की खड़ी फसल जमीन में चटाई की तरह बिछ गई. बारिश का पानी खेतों में भर गया. जबकि कई खेतों में अभी धान की बाली भी नहीं निकली है और कई खेतों में फसल पक भी नहीं पाई है. ऐसे में यह बारिश किसानों के लिए आफत लेकर आई है. आलम यह है कि इस प्राकृतिक आपदा से धमतरी इलाके के सैकड़ों एकड़ धान की फसल डूब चुकी है.

पढ़ें: धमतरी : प्रधानमंत्री आवास में भ्रष्टाचार, ग्रामीणों ने लगाई गुहार

बारिश की वजह से कई गांव की फसल प्रभावित

जिले में ग्रामीण इलाके के अधिकांश गांवों के ज्यादातर खेत का धान बारिश से प्रभावित हुई है. इनमें नवागांव, कंडेल, बिरेतरा, डाही, अंगारा समेत दर्जनों गांव शामिल हैं. किसानों का कहना है कि बारिश से उनकी फसल पूरी तरह चौपट हो गई है. खेतों में खड़ी फसल पानी में डूबने से धान के फसल से एक भी दाना नहीं मिलेगा. वहीं कई खेतों में धान के पौधे सड़ भी जाएंगे. ऐसे में उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है.

अलग से कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा

मौजूदा स्थिति के बाद भी किसानों के खेतों की दुर्दशा को देखने के लिए अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कृषि और राजस्व का कोई अमला गांव तक नहीं पहुंचा है, जबकि किसान इस नुकसान के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. इधर कृषि विभाग ने साफ कह दिया है कि बारिश से फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है और न ही नुकसान हुए फसल का अलग से कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा. यदि किसानों ने फसल का बीमा कराया होगा, तो ही उन्हें इसका लाभ मिल सकेगा. फिलहाल नुकसान फसल का सर्वे कराया जाएगा.

पिछले दो साल से यही सिलसिला

जिले में पिछले 2 साल से धान की कटाई के समय बेमौसम बारिश हो रही है. इस साल भी फसल कटाई से ठीक पहले ही यह सिलसिला शुरू हो गया है, जिससे अब किसानों के चेहरे पर मायूसी देखी जा रही है.

धमतरी: बीते दिनों जिले में गरज-चमक के साथ हुई तूफानी बारिश ने किसानों के सैकड़ों एकड़ फसल को पानी में डूब दिया है. इस प्राकृतिक आपदा से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. हवा-तूफान से खड़ी फसल जमीन पर लेट गई है. खेतों में पानी भरे होने के कारण बिना पके धान की फसल सड़ने की कगार पर है. हैरत की बात यह है कि जिला प्रशासन की ओर से कृषि और राजस्व का अमला अभी तक किसानों के परेशानी जानने के लिए नहीं पहुंची है.

पानी में डूबी फसल

जमकर हुई बारिश से धान की खड़ी फसल जमीन में चटाई की तरह बिछ गई. बारिश का पानी खेतों में भर गया. जबकि कई खेतों में अभी धान की बाली भी नहीं निकली है और कई खेतों में फसल पक भी नहीं पाई है. ऐसे में यह बारिश किसानों के लिए आफत लेकर आई है. आलम यह है कि इस प्राकृतिक आपदा से धमतरी इलाके के सैकड़ों एकड़ धान की फसल डूब चुकी है.

पढ़ें: धमतरी : प्रधानमंत्री आवास में भ्रष्टाचार, ग्रामीणों ने लगाई गुहार

बारिश की वजह से कई गांव की फसल प्रभावित

जिले में ग्रामीण इलाके के अधिकांश गांवों के ज्यादातर खेत का धान बारिश से प्रभावित हुई है. इनमें नवागांव, कंडेल, बिरेतरा, डाही, अंगारा समेत दर्जनों गांव शामिल हैं. किसानों का कहना है कि बारिश से उनकी फसल पूरी तरह चौपट हो गई है. खेतों में खड़ी फसल पानी में डूबने से धान के फसल से एक भी दाना नहीं मिलेगा. वहीं कई खेतों में धान के पौधे सड़ भी जाएंगे. ऐसे में उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है.

अलग से कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा

मौजूदा स्थिति के बाद भी किसानों के खेतों की दुर्दशा को देखने के लिए अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कृषि और राजस्व का कोई अमला गांव तक नहीं पहुंचा है, जबकि किसान इस नुकसान के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. इधर कृषि विभाग ने साफ कह दिया है कि बारिश से फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है और न ही नुकसान हुए फसल का अलग से कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा. यदि किसानों ने फसल का बीमा कराया होगा, तो ही उन्हें इसका लाभ मिल सकेगा. फिलहाल नुकसान फसल का सर्वे कराया जाएगा.

पिछले दो साल से यही सिलसिला

जिले में पिछले 2 साल से धान की कटाई के समय बेमौसम बारिश हो रही है. इस साल भी फसल कटाई से ठीक पहले ही यह सिलसिला शुरू हो गया है, जिससे अब किसानों के चेहरे पर मायूसी देखी जा रही है.

Last Updated : Oct 8, 2020, 9:18 PM IST
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