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नगर पंचायत मगरलोड: अध्यक्ष के दावे को नकार रही है यहां की जनता, काम तो हुआ, लेकिन किसी काम का नहीं

मगरलोड नगर पंचायत में कई विकास कार्य हुए हैं. जिसमें सड़कें, स्टेडियम, व्यवसायिक परिसर बनाए गए हैं. इसके अलाव साफ-सफाई सहित पेयजल और वार्डवासियों को मूलभूत सुविधाओं का भी लाभ दिया गया है. स्थानीय बताते हैं कि यहां अपेक्षा के अनुरूप कोई बड़ा काम नहीं हो पाया है.

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Published : Oct 23, 2019, 11:23 PM IST

धमतरी: मगरलोड धमतरी जिले का सबसे बड़ा कस्बा है. यह 2008 में नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई. सबसे बड़ा कस्बा और नगर पंचायत होने के बावजूद यह अन्य नगर पंचायतों के मुकाबले सबसे पिछड़ा है. इसकी सीमा दो विधानसभा क्षेत्र में फैली है. शायद इसके कारण भी यहां विकास नहीं पहुंच पाता है. 15 वार्डों वाले नगर पंचायत की कुल जनसंख्या करीब 6280 है. इसमें 4392 मतदाता हैं.

'काम तो हुआ, लेकिन किसी काम का नहीं'

अध्यक्ष के मुताबिक मगरलोड नगर पंचायत में कई विकास कार्य हुए हैं. जिसमें सड़कें, स्टेडियम, व्यवसायिक परिसर बनाए गए हैं. इसके अलाव साफ-सफाई सहित पेयजल और वार्डवासियों को मूलभूत सुविधाओं का भी लाभ दिया गया है, लेकिन स्थानीय बताते हैं, यहां अपेक्षा के अनुरूप कोई बड़ा काम नहीं हो पाया है. लोगों ने बताया कि वर्तमान अध्यक्ष अपने पांच साल के कार्यकाल में भी एक व्यवस्थित बस स्टैंड नहीं बन पाये हैं. लोगों का कहना है कि शहर में न तो ठीक से सड़कें बन पाई है और न ही कोई शहरी सुविधा लोगों को मिल रही है.

नगरवासियों का आरोप है कि मगरलोड में महाविद्यालय, आईटीआई, आदिवासी छात्रावास, शासकीय अस्पताल के लिए भवन तो बना दिए गए हैं, लेकिन ये सभी भवन फिलहाल शो-पीस बनकर रह गई है. शहर में पीने के पानी की भारी किल्लत है. इसके अलावा वार्डों में जल निकासी की सुविधा न होने से लोगों के घरों में बरसात का पानी घुस जाता है.

धमतरी: मगरलोड धमतरी जिले का सबसे बड़ा कस्बा है. यह 2008 में नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई. सबसे बड़ा कस्बा और नगर पंचायत होने के बावजूद यह अन्य नगर पंचायतों के मुकाबले सबसे पिछड़ा है. इसकी सीमा दो विधानसभा क्षेत्र में फैली है. शायद इसके कारण भी यहां विकास नहीं पहुंच पाता है. 15 वार्डों वाले नगर पंचायत की कुल जनसंख्या करीब 6280 है. इसमें 4392 मतदाता हैं.

'काम तो हुआ, लेकिन किसी काम का नहीं'

अध्यक्ष के मुताबिक मगरलोड नगर पंचायत में कई विकास कार्य हुए हैं. जिसमें सड़कें, स्टेडियम, व्यवसायिक परिसर बनाए गए हैं. इसके अलाव साफ-सफाई सहित पेयजल और वार्डवासियों को मूलभूत सुविधाओं का भी लाभ दिया गया है, लेकिन स्थानीय बताते हैं, यहां अपेक्षा के अनुरूप कोई बड़ा काम नहीं हो पाया है. लोगों ने बताया कि वर्तमान अध्यक्ष अपने पांच साल के कार्यकाल में भी एक व्यवस्थित बस स्टैंड नहीं बन पाये हैं. लोगों का कहना है कि शहर में न तो ठीक से सड़कें बन पाई है और न ही कोई शहरी सुविधा लोगों को मिल रही है.

नगरवासियों का आरोप है कि मगरलोड में महाविद्यालय, आईटीआई, आदिवासी छात्रावास, शासकीय अस्पताल के लिए भवन तो बना दिए गए हैं, लेकिन ये सभी भवन फिलहाल शो-पीस बनकर रह गई है. शहर में पीने के पानी की भारी किल्लत है. इसके अलावा वार्डों में जल निकासी की सुविधा न होने से लोगों के घरों में बरसात का पानी घुस जाता है.

Intro:मगरलोड नगर पंचायत के धमतरी जिले का बड़ा कस्बा है.ये नगर पंचायत अन्य नगर पंचायतों के मुकाबले पिछड़ा हुआ है.दो विधानसभा क्षेत्रों के सीमा में मौजूद होने के कारण यहां अपेक्षाकृत विकास नही हो पाया.वही समय समय पर यहां राजनैतिक प्रतिद्वंद अक्सर देखने को मिलती रहती है.इस नगर पंचायत में विकास तो हुए लेकिन फिलहाल इन्ही विकास कार्यो का बुराहाल है.मगरलोड मे शुरू से भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होते आया है.तीसरी पार्टी का कोई खास वजूद न पहले था और न वर्तमान में है.मगरलोड के मतदाताओं की जागरूकता इस बात से भी दिखती है कि वे मतदान के अधिकार का उपयोग करने हमेशा आगे रहते है.

तकरीबन 15 वार्डो वाला यह नगर पंचायत का गठन 2008 में हुआ था.नगर पंचायत मगरलोड (भैसमुंडी) के पहले मनोनीत अध्यक्ष सुरेश साहू हुए जो तत्कालीन ग्राम पंचायत भैसमुंडी के सरपंच थे.नगर पंचायत के प्रथम चुनाव में कांग्रेस के ही तत्कालीन अध्यक्ष रहे सुरेश साहू की पत्नी लिलेश साहू अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित हुए.इस कार्यकाल के बीच कुछ समय के लिए अध्यक्ष का प्रभार प्रशासक बनसिंग नेताम ने दायित्व का निर्वहन किया.कांग्रेस के कृपाराम साहू इस नगर पंचायत में वर्तमान अध्यक्ष के पद पर काबिज है.जो कि पूर्व में भाजपा पार्टी से थे.टिकट नही मिलने से नाराजगी जाहिर करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा जो कि इस चुनाव में विजयी होने में कामयाब रहे.जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी से मिल गए.Body:भौगोलिक स्थिति की बात करे तो मगरलोड के पूर्व मे गरियाबंद,पश्चिम मे कुरुद,पाटन,उत्तर नयापारा-राजिम, चम्पारण दक्षिण मे धमतरी और नगरी मौजूद है.मगरलोड नगर की कुल जनसंख्या लगभग 6280 है.जिसमें पुरुष 2116 और महिला 2276 है वही वोटर्स की संख्या 4392 है.

नगरीय निकाय चुनाव के लिए भाजपा कांग्रेस दोनो ही पार्टी अपने-अपने जीत के दावे कर रहे है और दोनों पार्टियों में दावेदारों की लंबी फेहरिस्त भी है.भाजपा से जहाँ भवानी यादव,नीरा देवी,डोमार ध्रुव और नरेश अग्रवाल दावेदारी कर रहे है तो वही इधर कांग्रेस से भूपेश सिन्हा,लीलाराम साहू,सुरेश साहू,अपनी अपनी दावेदारी ठोक रहे है.Conclusion:मगरलोड नगर पंचायत में वैसे कई विकास कार्य हुए.सड़के,स्टेडियम,व्यवसायिक परिसर बनाए गए.वही साफ सफाई सहित पेयजल और वार्डवासियों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ दिया गया लेकिन यहां अपेक्षा के अनुरूप शहर में कोई बड़े काम नही हो पाया.आज तक यहां व्यवस्थित बस स्टैण्ड नही बन पाया.नगर पंचायत के मुताबिक कुछ खास विकास कार्य नही हुए.यहां न तो ठीक से सड़क और न ही कोई शहरी सुविधाएं लोगों को मिल रही है.

मगरलोड नगर पंचायत क्षेत्र में महाविद्यालय, आईटीआई,आदिवासी छात्रावास,शासकीय अस्पताल इत्यादि भवने बना दिए गए है लेकिन ये मात्र शोपीस बनकर रह गया है.मगरलोड नगर पंचायत में विकास तो हुए लेकिन अब भी यहां समस्याओं का अंबार है यहां पीने के पानी की समस्या है.इसके साथ ही वार्डो में निकासी नाली की समस्या है.बस स्टैंड की कमी है फिलहाल विकसित नगर पंचायत बनाना भी एक बड़ी चुनौती है.


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