धमतरी: बिजली ट्रांसफार्मर एक ऐसा उपकरण है जो विद्युत ऊर्जा को एक सर्किट से दूसरे सर्किट में स्थानांतरित करता है. यानी ऊर्जा का विस्तार ट्रांसफार्मरों के जरिए ही होता है. धमतरी शहर में बड़ी संख्या में ऐसे ट्रांसफार्मर हैं, जिनकी देखरेख नहीं होने से हालत कबाड़ जैसी हो गई है. सुरक्षा के अभाव में इन ट्रांसफार्मरों में शॉर्ट सर्किट और विस्फोट का खतरा मंडरा रहा है.
शहर में बिजली की व्यवस्था बनाने के लिए 4 सब स्टेशन बनाए गए हैं. पूरे शहर में बिजली की सप्लाई के लिए कुल 8 बड़े पावर ट्रांसफार्मर सहित 485 ट्रांसफार्मर हैं. इन्हीं ट्रांसफार्मरों से पावर की सप्लाई होती है. इनमें से कई के खराब होने लगातार शिकायतें मिलती रहती है. जिन्हें समय-समय पर सुधारा जाता है. जबकि कई ट्रांसफार्मर ऐसे भी हैं जो काफी पुराने हो चुके हैं, उन्हें बदलने की जरूरत है.
लॉकडाउन की वजह से ट्रांसफॉर्मर पर बढ़ रहा लोड
लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर लोग अपने घरों में हैं. इस वजह से बिजली की खपत भी बढ़ी हुई है. वहीं इन ट्रांसफॉर्मर में लोड भी बढ़ने लगा है. ऐसे शहर में जगह-जगह मौजूद विद्युत ट्रांसफार्मर ओवरलोड के कारण खराब होते रहते हैं. मेंटेनेंस के बजाए अगर पुराने हो चुके ट्रांसफार्मर को बदला नहीं जाता तो आने वाले दिनों में यह लोगों के लिए खतरा बन सकता है.
लॉकडाउन का असर! छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच धीमा हुआ वैक्सीनेशन
ट्रांसफॉर्मर के ब्लास्ट होने का खतरा
शहर के व्यस्त इलाके सदर बाजार, गोल बाजार और बालक चौक के पास विद्युत विभाग ने ट्रांसफार्मर ने लगाए हैं. लेकिन इन ट्रांसफार्मरों की हालात कबाड़ जैसी है. यहां तार अनावश्यक रूप से बिखरे पड़े होते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. मुख्य बाजार होने से यहां काफी भीड़भाड़ होती है. वहीं इन ट्रांसफॉर्मरों के फटने या विस्फोट होने से भारी जानमाल का नुकसान उठाना पड़ सकता है.
ट्रांसफार्मर फेल होने से हो रही दिक्कतें
शहर के अन्य चौक चौराहों में मौजूद अन्य ट्रांसफर्मर आए दिन फेल होते रहते हैं. इसके अलावा आग लगने की शिकायतें आती रहती है. वहीं लो वोल्टेज की समस्या भी होती है.शहर के लोगों का कहना है कि विद्युत विभाग को लगातार शिकायत की जाती है, लेकिन वहां सुनने वाला कोई नहीं होता. ट्रांसफार्मर फेल होने से उन्हें बहुत दिक्कतें होती हैं. जरूरी काम भी इससे प्रभावित होते हैं. वहीं शिकायत बाद सिर्फ सुधार कार्य किया जाता है. इसका परमानेंट कोई हल नहीं निकाला जाता है.
कोरबा में 1 मई से पहले कई युवाओं को लगी कोरोना वैक्सीन, अधिकारी ने कहा जांच कराएंगे
हालांकि इन समस्याओं को दूर करने के विभाग की टीम लगातार काम रही है. विभाग के अफसरों की मानें तो विद्युत की समस्या को लेकर विद्युत विभाग सतर्क है. 3 शिफ्ट में बिजली विभाग की टीम काम कर रही है. कई बार मौसम खराब होने के कारण कई फाल्ट आते हैं, जिन्हें समय पर सुधारा जाता है. वहीं विभाग अपने संसाधनों से मेंटेनेंस का काम करता है.
पुराने ट्रांसफार्मर से काम चलाना पड़ रहा
बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण का असर बिजली विभाग के कामकाज पर भी पड़ा है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन के कारण विद्युत सामग्रियों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. इस वजह से नए ट्रांसफर्मर नहीं आ रहे हैं और पुराने से काम चलाना पड़ रहा है. वहीं संक्रमण के चलते मजदूरों के कामकाज भी बंद हैं. इसके अलावा ठेकेदार भी लॉकडाउन में उपलब्ध नहीं है.