धमतरी: राजस्थान में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए जवान चोवाराम सेन को गांव वालों ने नम आंखों से विदाई दी. परिवार वालों के मुताबिक चोवाराम सेना में जवान थे और राजस्थान में पोस्टेड थे. तबीयत खराब होने पर उनको राजस्थान के अस्पताल में ही भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान जवान चोवाराम की तबीयत काफी बिगड़ गई जिससे उनकी मौत हो गई. ड्यूटी के दौरान चोवाराम की तबीयत बिगड़ी थी लिहाजा उनको शहीद का दर्ज दिया गया. शहीद चोवाराम की अंतिम यात्रा में ग्राम सारंगपुरी के हजारों लोग शामिल हुए. महानदी के तट पर शहीद जवान चोवाराम का अंतिम संस्कार किया गया. चोवाराम के बेटे ने पिता को नम आंखों से अंतिम विदाई. शहीद जवान के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया.
नम आंखों से शहीद को विदाई: शहीद जवान की अंतिम यात्रा में गांव वालों ने फूलों की बारिश कर चोवाराम को अंतिम विदाई दी. अंतिम यात्रा सारंगपुरी के सभी चौक चौराहों से होकर गुजरी, लोग बड़ी संख्या में चोवाराम के दर्शनों के लिए घंटों सड़क किनारे खड़े रहे. परिवार वालों ने बताया कि चोवाराम साल 2003 में सेना में भर्ती हुए थे. एक महीने पहले ही चोवाराम को पीटीआई का ट्रेनर बनाया गया था. चोवाराम नए जवानों को ट्रेनिंग देने का भी काम करते थे.
शहादत को सलाम: गांव वालों का कहना है कि चोवाराम काफी मिलनसार थे. जब भी चोवाराम गांव आते युवाओं को नशा पान छोड़ने की सलाह देते थे. गांव के युवाओं को सेना में भर्ती होने की ट्रेनिंग भी चोवाराम दिया करते थे. युवाओं के बीच चोवाराम एक आदर्श सेना के जवान थे. चोवाराम अपने पीछे पत्नी और एक बेटा बेटी को छोड़ गए हैं. शहीद जवान के गम में सारंगपुरी के कई घरों में चूल्हे नहीं जले. गांव वालों का कहना था कि उनके गांव का लाल चला गया.