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राष्ट्रीय पोषण माह अभियान में महिलाओं और कुपोषित बच्चों पर फोकस - राष्ट्रीय पोषण मिशन

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय पोषण माह (Rastriya poshan maah) मनाया जा रहा है. 1 सितंबर से शुरू हुआ पोषण माह 30 सितंबर तक चलेगा. इसमें महिला, बच्चे व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के पोषण (women's nutrition) पर खास तौर पर सुधार पर कार्य किया जा रहा है.

Focus on women in National Nutrition Month campaign
राष्ट्रीय पोषण माह अभियान में महिलाओं पर फोकस
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Published : Sep 19, 2021, 10:31 AM IST

धमतरीः छत्तीसगढ़ में एक सितम्बर से शुरू हुई राष्ट्रीय पोषण माह (Rastriya poshan maah) 30 सितम्बर तक जारी रहेगा. इसी के तहत धमतरी जिले के अलग-अलग गांवों में पोषण माह चलाया जा रहा है. जहां ग्रामीण महिलाओं, बच्चों व स्तनपान कराने वाली महिलाओं का पोषण स्तर देखा जा रहा है. कमियां पाई जाने पर कुपोषण दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

सुपोषित भारत की अवधारणा को साकार करने के लिए ही साल 2018 से पोषण अभियान संचालित किया गया था, जो कि आज भी जारी है. इसका उद्देश्य खास तौर पर ग्रामीण महिलाओं, बच्चों व स्तनपान कराने वाली महिलाओं तक पोषण संबंधी सुधार पर काम करना है. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हर तरह की गतिविधियों के अलावा जनसमुदाय तक स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता संबंधी व्यापक प्रचार-प्रसार और प्रभावी व्यवहार परिवर्तन के लिए जन आंदोलन के तौर पर राष्ट्रीय पोषण माह आयोजित किया जा रहा है.

कुपोषण के दर को कम करने का हर संभव प्रयास

इस विषय पर कलेक्टर ने बच्चों और महिलाओं में कुपोषण का दर कम करने का हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए. बताया जा रहा हे कि वजन त्योहार में पांच साल तक की उम्र के 56138 बच्चों का वजन लिया गया. इस दौरान कुल 6801 बच्चे कुपोषित पाए गए. इसमें मध्यम कुपोषित 5556 और गंभीर कुपोषित 1245 बच्चे सम्मिलित हैं. इन गंभीर कुपोषित बच्चों की सेक्टरवार, ग्रामवार मैपिंग कर ली गई है. कलेक्टर ने सभी गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र भेज स्वास्थ्य लाभ देने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को दिए हैं. इसके साथ ही पोषण माह के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओ का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. समय-समय पर भोजन भी मुहैया कराया जा रहा है.

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हर साल मनाया जाता है पोषण माह

हर साल सितंबर माह में पोषण माह मनाया जाता है. यह महीना मानव शरीर के लिए सही पोषण के महत्व और भूमिका पर प्रकाश डालता है. आवश्यक पोषक तत्वों और कैलोरी के संयोजन के साथ संतुलित आहार मानव शरीर के सुचारू कामकाज और विकास के लिए महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही पोषण माह के दौरान देश भर में जमीनी स्तर तक पोषण जागरूकता से संबंधित गतिविधियां चलाई जा रही है. इसके तहत महिला एवं बाल विकास विभाग जैसे कार्यान्वयन विभाग और एजेंसियां आशा, एएनएम के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के माध्यम से गतिविधियों को अंजाम देंगे. साथ ही महिलाओं और बच्चों के स्वस्थ भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए पूरे महीने समग्र पोषण का संदेश हर वर्ष के तरह फैलायेंगे.

आजादी का अमृत महोत्सव

इस साल जब देश तेजी से गहन पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है. ऐसे में समग्र पोषण में सुधार की दिशा में एक केंद्रित और समेकित दृष्टिकोण के लिए पूरे महीने को साप्ताहिक थीमों में बांटा गया है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने चार साप्ताहिक थीम्स के साथ पूरे महीने में गतिविधियों की एक श्रृंखला की योजना बनाई है. पहली थीम वृक्षारोपण गतिविधि “पोषण वाटिका” के रूप में है. दूसरी थीम पोषण के लिए योग और आयुष है और तीसरी थीम ज्यादा बोझ वाले जिलों के आंगनवाड़ी लाभार्थियों को ‘क्षेत्रीय पोषण किट’ के वितरण के रूप में तय किया गया . इसके साथ ही चौथी थीम ‘एसएएम (गंभीर रूप से तीव्र कुपोषित) बच्चों की पहचान और पौष्टिक भोजन का वितरण’ मनाया जाएगा. ऐसे में अब देखना होगा कि विभाग के पोषण माह अभियान का क्या परिणाम निकलकर सामने आता है.

धमतरीः छत्तीसगढ़ में एक सितम्बर से शुरू हुई राष्ट्रीय पोषण माह (Rastriya poshan maah) 30 सितम्बर तक जारी रहेगा. इसी के तहत धमतरी जिले के अलग-अलग गांवों में पोषण माह चलाया जा रहा है. जहां ग्रामीण महिलाओं, बच्चों व स्तनपान कराने वाली महिलाओं का पोषण स्तर देखा जा रहा है. कमियां पाई जाने पर कुपोषण दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

सुपोषित भारत की अवधारणा को साकार करने के लिए ही साल 2018 से पोषण अभियान संचालित किया गया था, जो कि आज भी जारी है. इसका उद्देश्य खास तौर पर ग्रामीण महिलाओं, बच्चों व स्तनपान कराने वाली महिलाओं तक पोषण संबंधी सुधार पर काम करना है. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हर तरह की गतिविधियों के अलावा जनसमुदाय तक स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता संबंधी व्यापक प्रचार-प्रसार और प्रभावी व्यवहार परिवर्तन के लिए जन आंदोलन के तौर पर राष्ट्रीय पोषण माह आयोजित किया जा रहा है.

कुपोषण के दर को कम करने का हर संभव प्रयास

इस विषय पर कलेक्टर ने बच्चों और महिलाओं में कुपोषण का दर कम करने का हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए. बताया जा रहा हे कि वजन त्योहार में पांच साल तक की उम्र के 56138 बच्चों का वजन लिया गया. इस दौरान कुल 6801 बच्चे कुपोषित पाए गए. इसमें मध्यम कुपोषित 5556 और गंभीर कुपोषित 1245 बच्चे सम्मिलित हैं. इन गंभीर कुपोषित बच्चों की सेक्टरवार, ग्रामवार मैपिंग कर ली गई है. कलेक्टर ने सभी गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र भेज स्वास्थ्य लाभ देने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को दिए हैं. इसके साथ ही पोषण माह के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओ का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. समय-समय पर भोजन भी मुहैया कराया जा रहा है.

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हर साल मनाया जाता है पोषण माह

हर साल सितंबर माह में पोषण माह मनाया जाता है. यह महीना मानव शरीर के लिए सही पोषण के महत्व और भूमिका पर प्रकाश डालता है. आवश्यक पोषक तत्वों और कैलोरी के संयोजन के साथ संतुलित आहार मानव शरीर के सुचारू कामकाज और विकास के लिए महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही पोषण माह के दौरान देश भर में जमीनी स्तर तक पोषण जागरूकता से संबंधित गतिविधियां चलाई जा रही है. इसके तहत महिला एवं बाल विकास विभाग जैसे कार्यान्वयन विभाग और एजेंसियां आशा, एएनएम के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के माध्यम से गतिविधियों को अंजाम देंगे. साथ ही महिलाओं और बच्चों के स्वस्थ भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए पूरे महीने समग्र पोषण का संदेश हर वर्ष के तरह फैलायेंगे.

आजादी का अमृत महोत्सव

इस साल जब देश तेजी से गहन पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है. ऐसे में समग्र पोषण में सुधार की दिशा में एक केंद्रित और समेकित दृष्टिकोण के लिए पूरे महीने को साप्ताहिक थीमों में बांटा गया है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने चार साप्ताहिक थीम्स के साथ पूरे महीने में गतिविधियों की एक श्रृंखला की योजना बनाई है. पहली थीम वृक्षारोपण गतिविधि “पोषण वाटिका” के रूप में है. दूसरी थीम पोषण के लिए योग और आयुष है और तीसरी थीम ज्यादा बोझ वाले जिलों के आंगनवाड़ी लाभार्थियों को ‘क्षेत्रीय पोषण किट’ के वितरण के रूप में तय किया गया . इसके साथ ही चौथी थीम ‘एसएएम (गंभीर रूप से तीव्र कुपोषित) बच्चों की पहचान और पौष्टिक भोजन का वितरण’ मनाया जाएगा. ऐसे में अब देखना होगा कि विभाग के पोषण माह अभियान का क्या परिणाम निकलकर सामने आता है.

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