धमतरी : जिले की सबसे ज्यादा विवादित 33 किलोमीटर लंबी सड़क कोलियारी से लेकर जोरातराई गांव को बनाने की मंजूरी मिल गई है.इसके लिए पीडब्लूडी विभाग ने 84 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं. स्वीकृति मिलने के बाद अब ये तय हो चुका है कि अब इस सड़क के आसपास बसे गावों को काफी राहत मिलेगी.आपको बता दें कि 33 किमी लंबे इस सड़क से 24 गांव जुड़े हैं.
15 साल पुरानी है सड़क की मांग : कोलियारी जोरातराई सड़क के किनारे बसे 24 गांव के लोगों ने बीते 15 साल में बदहाल सड़क के दर्द को झेला है. हादसों में अपनों की जान गंवाई है.हर बार मौत होने के बाद सड़क के लिए आंदोलन किया है. आपको बता दें कि इस सड़क के लिए ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी भी दी थी. कहीं ना कहीं चुनाव बहिष्कार के ऐलान के बाद सरकार और जिला प्रशासन पर दबाव बना और सड़क के लिए स्वीकृति मिली.
सड़क की राजनीति हुई तेज : सड़क के लिए विपक्ष के नेता भी हमलावर हुए. ये भी तय था कि आगामी चुनाव में धमतरी विधानसभा का भविष्य इसी सड़क के गड्ढों से होकर गुजरना है. लेकिन अब सड़क निर्माण की मंजूरी और प्रसासन की स्वीकृति के बाद राजनीति भी बदल चुकी है. फिलहाल सरकार की इस घोषणा के बाद सड़क निर्माण संघर्ष समिति और 24 गांव के लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है.
सड़क की स्वीकृति के बाद अपने-अपने दावे : सड़क के लिए 84 करोड़ के प्रशासन की स्वीकृति का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्चुअली भूमि पूजन किया. धमतरी कलेक्टर परिसर में कांग्रेस नेता और जिला पंचायत उपाध्यक्ष निशु चंद्राकर,धमतरी भाजपा विधायक रंजना साहू और धमतरी महापौर और कांग्रेस नेता विजय देवांगन ने एक साथ पूजा पाठ के साथ भूमि पूजन की औपचारिकता पूरी की. इसके ठीक बाद सभी नेताओं के समर्थकों ने अलग-अलग स्वागत किया आतिशबाजी की और जमकर नारे लगाए.
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दूसरी तरफ बीजेपी भी इस सड़क के मिलने का कारण क्षेत्र वासियों के आंदोलन और भाजपा नेताओं के आंदोलन को बता रही है. धमतरी में फिलहाल बीजेपी की रंजना साहू विधायक हैं.सड़क के लिए पदयात्रा भी उन्होंने किया था. विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था. इसलिए विधायक रंजना साहू का दावा है कि सरकार ने दबाव में आने के बाद लोगों के इस हक को सरकार को देना पड़ा है.