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धमतरी : खाद-बीज के लिए किसान हो रहे परेशान, लगाने पड़ रहे पटवारी के चक्कर

जिले में बहुत से किसानों के खसरा नंबर ऑनलाइन नहीं होने के वजह से अब किसानों को पटवारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. ऐसे में किसान खाद बीज लेने से भी चूक सकते हैं, क्योंकि खाद-बीज लेने की तय सीमा निर्धारित होती है.

खाद-बीज के लिए किसान हो रहे परेशान
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Published : Jun 12, 2019, 8:20 AM IST

Updated : Jun 12, 2019, 9:08 AM IST

धमतरी : प्रदेश में किसान खरीफ की फसल की तैयारी में जुट गए हैं, जिसके लिए किसान खाद-बीज लेने सहकारी सोसाइटियों में पहुंच रहे हैं, लेकिन इस बार ऑनलाइन फॉर्म जमा करने पर ही खाद बीज देने के नए नियमों के चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

खाद-बीज के लिए किसान हो रहे परेशान

जिले में बहुत से किसानों के खसरा नंबर ऑनलाइन नहीं होने के वजह से अब किसानों को पटवारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. ऐसे में किसान खाद बीज लेने से भी चूक सकते हैं, क्योंकि खाद-बीज लेने की तय सीमा निर्धारित होती है. धमतरी जिले में तकरीबन 82 हजार पंजीकृत किसान हैं. वहीं इस बार खाद बीज बांटने का लक्ष्य 25 हजार 100 मीट्रिक टन रखा गया है.

'पटवारियों के लगाने पड़ रहे चक्कर'
किसानों का कहना है कि, 'पहले एंट्री के दूसरे दिन ही खाद-बीज मिल जाया करता था, लेकिन इस बार थोड़ी दिक्कत हो रही है. ऑनलाइन खसरा नंबर नहीं दिखा रहा है, ऐसे में उन्हें पटवारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं'.

'सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी'
इधर जिला प्रशासन का कहना है कि, 'सॉफ्टवेयर में कुछ तकनीकी खराबी है, जिसके कारण कुछ किसानों के खसरा नंबर में गलतियां दिखाई दे रही है इसे देखते हुए सोसाइटियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को भटकना न पड़े'.

धमतरी : प्रदेश में किसान खरीफ की फसल की तैयारी में जुट गए हैं, जिसके लिए किसान खाद-बीज लेने सहकारी सोसाइटियों में पहुंच रहे हैं, लेकिन इस बार ऑनलाइन फॉर्म जमा करने पर ही खाद बीज देने के नए नियमों के चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

खाद-बीज के लिए किसान हो रहे परेशान

जिले में बहुत से किसानों के खसरा नंबर ऑनलाइन नहीं होने के वजह से अब किसानों को पटवारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. ऐसे में किसान खाद बीज लेने से भी चूक सकते हैं, क्योंकि खाद-बीज लेने की तय सीमा निर्धारित होती है. धमतरी जिले में तकरीबन 82 हजार पंजीकृत किसान हैं. वहीं इस बार खाद बीज बांटने का लक्ष्य 25 हजार 100 मीट्रिक टन रखा गया है.

'पटवारियों के लगाने पड़ रहे चक्कर'
किसानों का कहना है कि, 'पहले एंट्री के दूसरे दिन ही खाद-बीज मिल जाया करता था, लेकिन इस बार थोड़ी दिक्कत हो रही है. ऑनलाइन खसरा नंबर नहीं दिखा रहा है, ऐसे में उन्हें पटवारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं'.

'सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी'
इधर जिला प्रशासन का कहना है कि, 'सॉफ्टवेयर में कुछ तकनीकी खराबी है, जिसके कारण कुछ किसानों के खसरा नंबर में गलतियां दिखाई दे रही है इसे देखते हुए सोसाइटियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को भटकना न पड़े'.

Intro:इन दिनों प्रदेश में किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए है. जिसके लिए किसान अब खाद बीज लेने सहकारी सोसायटियो तक पहुंच रहे हैं लेकिन इस बार ऑनलाइन फॉर्म जमा करने पर ही खाद बीज देने के नए नियमों के चलते किसानों की समस्याएं बढ़ गई है.बहुत से किसानों के खसरा नंबर ऑनलाइन नहीं होने के वजह से अब किसानों को पटवारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे है.ऐसे में किसान खाद बीज लेने से भी चूक सकते हैं क्योंकि खाद बीज लेने की तय सीमा निर्धारित होती है.


Body:दरअसल खरीद सीजन नजदीक आ चुका है और मानसून आते ही प्रदेश में बुआई का काम भी शुरू हो जाएगा.इसे देखते हुए अब किसान खाद बीज की व्यवस्था में जुट गए है.बता दें कि धमतरी जिले में तकरीबन 82 हजार पंजीकृत किसान है.वहीं इस बार खाद बीज बांटने का लक्ष्य 25 हजार 100 मिट्रिक टन रखा गया है

किसानों का कहना है कि पहले एंट्री के दूसरे दिन ही खाद बीज मिल जाया करता था लेकिन इस बार थोड़ी दिक्कत हो रही है. ऑनलाइन में खसरा नंबर नहीं दिखा रहा है ऐसे में उन्हें पटवारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे है.इधर जिला प्रशासन का कहना है कि भुइयाँ सॉफ्टवेयर में कुछ तकनीकी खराबी है जिसके कारण कुछ किसानों के खसरा नंबर में त्रुटियां दिखाई दे रही है इसे देखते हुए सोसायटिओं को निर्देश दिया गया है किसानों को भटकना नहीं पड़ेगा.

बाईट...माया बाई, महिला किसान
बाईट...बंसत मीनपाल,किसान
बाईट...रजत बंसल,कलेक्टर धमतरी

रामेश्वर मरकाम धमतरी


Conclusion:
Last Updated : Jun 12, 2019, 9:08 AM IST
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