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कोटेश्वर महादेव के दरबार में सीएम भपूेश बघेल, मंदिर क्षेत्र के लिए की योजनाओं की बरसात

प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) शनिवार को धमतरी के दौरे पर रहे. उन्होंने भगवान कोटेश्वर महादेव (koteshwar mahadev temple) के दर्शन किए. साथ ही कई योजनाओं की सौगात दी.

Chief Minister in the court of Koteshwar Mahadev
कोटेश्वर महादेव के दरबार में मुख्यमंत्री
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Published : Sep 12, 2021, 12:42 PM IST

Updated : Sep 12, 2021, 1:11 PM IST

धमतरीः प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister) भूपेश बघेल शनिवार को धमतरी के दौरे पर रहे. मुख्यमंत्री दोपहर 3 बजे वनांचल इलाके के कोटाभर्री स्थित कोटेश्वर धाम (Koteshwar Dham) पहुंचे. जहां उन्होंने भगवान कोटेश्वर महादेव के दर्शन कर उनकी पूजा-अर्चना (worshiping them) की.

कोटेश्वर महादेव के दरबार में सीएम भपूेश बघेल

इसके बाद मुख्यमंत्री ऋषि पंचमी पर आयोजित महोत्सव (Festival) में शामिल हुए. इस दौरान उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष (speaker of the Assembly) मनोज मंडावी और स्थानीय विधायक (local legislator) मौजूद रहे. उन्होंने महोत्सव के आयोजन की काफी प्रशंसा की. धमतरी जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर दुगली स्थित कोटाभर्री में 11 और 12 सितंबर को ऋषि पंचमी पर 2 दिवसीय सम्मेलन (2 day conference) आयोजित किया गया है. जहां प्रदेश भर के 250 से अधिक वैद्य शामिल हुए हैं. दो दिन तक वहां वैद्य संगोष्ठी का कार्यक्रम है. महोत्सव के जरिये से अनादिकाल से जड़ी-बूटी से पारंपरिक इलाज (traditional treatment) की जानकारी दी जा रही है.

निर्माण कार्यों की घोषणा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महोत्सव को सम्बोधित करते हुए विभिन्न निर्माण कार्यों (construction works) की घोषणा कर सौगात दी. इसमें मुख्य रूप से औषधि पौधरोपण (medicinal plantation) के लिए 4 हेक्टेयर वन भूमि की घोषणा किया. वहीं, जड़ी-बुटियों सहित वनोपज प्रसंस्करण (medicinal plantation) और प्रशिक्षण केंद्र (Training Center), मंदिर क्षेत्र में रेस्ट हाउस (Rest House in Mandir Area), सौर ऊर्जा के माध्यम से पेयजल, धान खरीदी केंद्र, सात धारा नदी में स्टाफ डेम, मंदिर परिसर में शेड निर्माण (Shed construction in temple premises) घोषणा सहित आने वाले दिनों में इलाके के बेलरगांव को तहसील बनाने का आश्वासन दिया.


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राज्य में हो रहा है गुरु शिष्य परम्परा का निर्वहन

इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के जंगलों में भरपूर औषधियाँ हैं. गुरु शिष्य के परम्परा का निर्वहन हो रहा है. औषधि निर्माण के लिए प्रसंस्करण और प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे. भूमिहीन मजदूर के लिए सलाना 6000 हजार, गो धन न्याय योजना का जिक्र किया. वहीं, बेरोजगारी दूर करने की दिशा में पुरानी व्यवस्था को पुनर्जीवित करने और ग्राम मजबूत होने पर ही प्रदेश मजबूत होगा.

धमतरीः प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister) भूपेश बघेल शनिवार को धमतरी के दौरे पर रहे. मुख्यमंत्री दोपहर 3 बजे वनांचल इलाके के कोटाभर्री स्थित कोटेश्वर धाम (Koteshwar Dham) पहुंचे. जहां उन्होंने भगवान कोटेश्वर महादेव के दर्शन कर उनकी पूजा-अर्चना (worshiping them) की.

कोटेश्वर महादेव के दरबार में सीएम भपूेश बघेल

इसके बाद मुख्यमंत्री ऋषि पंचमी पर आयोजित महोत्सव (Festival) में शामिल हुए. इस दौरान उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष (speaker of the Assembly) मनोज मंडावी और स्थानीय विधायक (local legislator) मौजूद रहे. उन्होंने महोत्सव के आयोजन की काफी प्रशंसा की. धमतरी जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर दुगली स्थित कोटाभर्री में 11 और 12 सितंबर को ऋषि पंचमी पर 2 दिवसीय सम्मेलन (2 day conference) आयोजित किया गया है. जहां प्रदेश भर के 250 से अधिक वैद्य शामिल हुए हैं. दो दिन तक वहां वैद्य संगोष्ठी का कार्यक्रम है. महोत्सव के जरिये से अनादिकाल से जड़ी-बूटी से पारंपरिक इलाज (traditional treatment) की जानकारी दी जा रही है.

निर्माण कार्यों की घोषणा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महोत्सव को सम्बोधित करते हुए विभिन्न निर्माण कार्यों (construction works) की घोषणा कर सौगात दी. इसमें मुख्य रूप से औषधि पौधरोपण (medicinal plantation) के लिए 4 हेक्टेयर वन भूमि की घोषणा किया. वहीं, जड़ी-बुटियों सहित वनोपज प्रसंस्करण (medicinal plantation) और प्रशिक्षण केंद्र (Training Center), मंदिर क्षेत्र में रेस्ट हाउस (Rest House in Mandir Area), सौर ऊर्जा के माध्यम से पेयजल, धान खरीदी केंद्र, सात धारा नदी में स्टाफ डेम, मंदिर परिसर में शेड निर्माण (Shed construction in temple premises) घोषणा सहित आने वाले दिनों में इलाके के बेलरगांव को तहसील बनाने का आश्वासन दिया.


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राज्य में हो रहा है गुरु शिष्य परम्परा का निर्वहन

इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के जंगलों में भरपूर औषधियाँ हैं. गुरु शिष्य के परम्परा का निर्वहन हो रहा है. औषधि निर्माण के लिए प्रसंस्करण और प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे. भूमिहीन मजदूर के लिए सलाना 6000 हजार, गो धन न्याय योजना का जिक्र किया. वहीं, बेरोजगारी दूर करने की दिशा में पुरानी व्यवस्था को पुनर्जीवित करने और ग्राम मजबूत होने पर ही प्रदेश मजबूत होगा.

Last Updated : Sep 12, 2021, 1:11 PM IST
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