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दंतेवाड़ा में लॉकडाउन के बीच मजदूरों का सहारा बना मनरेगा - कोरोना संक्रमण

दंतेवाड़ा में मनरेगा योजना मजदूरों का सहारा बन रही है. इसके तहत जिले में जारी लॉकडाउन के बीच ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है. जिला प्रशासन ने मनरेगा के तहत 20 हजार लोगों को हर दिन रोजगार देने का लक्ष्य रखा है.

MNREGA became the support of laborers
मजदूरों का सहारा बना मनरेगा
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Published : May 11, 2021, 10:26 AM IST

दंतेवाड़ाः लॉकडाउन में भी ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की कमी नहीं है. कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत हर दिन हजारों मजदूरों को काम मिल रहा है. मनरेगा के तहत मजदूर सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड नियमों का पालन करते हुए काम कर रहे हैं. मनरेगा के तहत सड़क निर्माण और समतलीकरण, तालाब गहरीकरण का काम किया जा रहा है. जिसमें हर दिन दंतेवाड़ा, गीदम, कुआंकोंडा और कटेकल्याण जनपद पंचायतों में 16 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है.

20 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य

जिले में प्रतिदिन काम स्वीकृत होने वाले गांवों की संख्या के साथ-साथ काम और मजदूरों की संख्या बढ़ रही है. 23 अप्रैल को मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मजदूरों की संख्या 15 हजार 210 रही. वहीं 3 मई को मजदूरों की संख्या बढ़कर 16 हजार से अधिक हो गई है. ये मजदूर 124 ग्राम पंचायतों में चल रहे 387 जगहों पर काम कर रहे हैं. जिला प्रशासन ने अगले सप्ताह तक मजदूरों की संख्या बढ़ाकर 20 हजार करने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा सोमवार को साढ़े चार करोड़ से अधिक (479.314 लाख) के 209 नए कार्यों को स्वीकृति दी गई है.

कांकेर में लॉकडाउन के दौरान मजदूरों का फिर सहारा बना मनरेगा

इन विकासखंडों को मिली राशि

दंतेवाड़ा विकासखंड में 76.433 लाख के 50 कार्यों को, गीदम विकासखंड में 100.176 लाख के 53 कार्यों को, कुआंकोंडा विकासखंड में 54.765 लाख के 24 कार्यों को और कटेकल्याण विकासखंड में 247.940 लाख के 82 कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई है. जिला पंचायत की ओर से ग्राम पंचायतों की आवश्यकता के अनुरूप कार्यों को तत्काल स्वीकृति दी जा रहा है. शासन की मंशा है कि लॉकडाउन के दौरान भी ग्रामीणों को रोजगार का संकट पैदा न हो.

दंतेवाड़ाः लॉकडाउन में भी ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की कमी नहीं है. कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत हर दिन हजारों मजदूरों को काम मिल रहा है. मनरेगा के तहत मजदूर सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड नियमों का पालन करते हुए काम कर रहे हैं. मनरेगा के तहत सड़क निर्माण और समतलीकरण, तालाब गहरीकरण का काम किया जा रहा है. जिसमें हर दिन दंतेवाड़ा, गीदम, कुआंकोंडा और कटेकल्याण जनपद पंचायतों में 16 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है.

20 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य

जिले में प्रतिदिन काम स्वीकृत होने वाले गांवों की संख्या के साथ-साथ काम और मजदूरों की संख्या बढ़ रही है. 23 अप्रैल को मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मजदूरों की संख्या 15 हजार 210 रही. वहीं 3 मई को मजदूरों की संख्या बढ़कर 16 हजार से अधिक हो गई है. ये मजदूर 124 ग्राम पंचायतों में चल रहे 387 जगहों पर काम कर रहे हैं. जिला प्रशासन ने अगले सप्ताह तक मजदूरों की संख्या बढ़ाकर 20 हजार करने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा सोमवार को साढ़े चार करोड़ से अधिक (479.314 लाख) के 209 नए कार्यों को स्वीकृति दी गई है.

कांकेर में लॉकडाउन के दौरान मजदूरों का फिर सहारा बना मनरेगा

इन विकासखंडों को मिली राशि

दंतेवाड़ा विकासखंड में 76.433 लाख के 50 कार्यों को, गीदम विकासखंड में 100.176 लाख के 53 कार्यों को, कुआंकोंडा विकासखंड में 54.765 लाख के 24 कार्यों को और कटेकल्याण विकासखंड में 247.940 लाख के 82 कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई है. जिला पंचायत की ओर से ग्राम पंचायतों की आवश्यकता के अनुरूप कार्यों को तत्काल स्वीकृति दी जा रहा है. शासन की मंशा है कि लॉकडाउन के दौरान भी ग्रामीणों को रोजगार का संकट पैदा न हो.

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