दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ में विकास कार्यों को रोकने के लिए नक्सली तांडव मचाते हैं. लेकिन जब यही तांडव मचाने वाले नक्सली विकास के काम में हाथ बंटाने लगें तो उम्मीद की नई किरण नजर आती है. दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने जिस स्कूल को तोड़ दिया था, सरेंडर करने के बाद उसी स्कूल को बनाने की इच्छा जाहिर की. कलेक्टर से आत्सममर्पण करने वाले नक्सलियों ने इजाजत मांगी. परमिशन मिलने के 3 महीने के अंदर ही वहां नया स्कूल भवन बनकर तैयार थी.
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नक्सलियों ने दो बार तोड़ा था स्कूल
साल 2008 और 2014 में दो बार इस स्कूल को तोड़ा गया था. सड़क काट दी गई थी. पंच की हत्या कर दी गई थी. लोन वर्राटू अभियान के तहत जुलाई में सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने इस दोबारा बनाया. आत्सममर्पित नक्सलियों ने और ग्रामीणों ने बताया कि गांव के कई बच्चे स्कूल तोड़ जाने के बाद पढ़ाई छोड़ चुके थे. जिन बच्चों ने पढ़ाई जारी रखी उन्हें भी कई किलोमीटर जाना पड़ता था. स्कूल बन जाने वे अपने गांव में ही पढ़ पाएंगे.
एसपी अभिषेक पल्लव ने बांटी किताबें और टाफियां
स्कूल बनने के बाद पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव वहां पहुंचे. एसपी ने टॉफी, किताबें, पेन और तिरंगा बच्चों को बांटा. छात्रों को नये-नये कपड़े पहनाए गए. पुलिसवालों के साथ बच्चों ने भारत माता की जय के नारे लगाए.
मासा पारा में जल्द बनेगी पानी की टंकी
अभिषेक पल्लव ने बताया मासा पारा में स्कूल बन कर तैयार है. अब आंगनबाडी भवन बनेगा. एक साल से अधूरी पड़ी पानी टंकी को भी एक महीने के अंदर बनाकर तैयार कराया जाएगा. जिससे वहां रहने वालों को पानी की परेशानी न हो.
नक्सिलयों से सरेंडर की अपील
पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने नक्सलियों से सरेंडर कर विकास की मुख्यधारा में जुड़ने की अपील की है. जिससे वे अपनी अपनी जिंदगी खुशी-खुशी गुजार सकें. ये समझ पाएं कि शिक्षा ही जीवन के अंधकार को मिटा सकती है. जिससे फिर मासूमों के हाथ से कोई चॉक और स्लेट न खींच सके.