दंतेवाड़ा: 6 नक्सलियों ने महात्मा गांधी की जयंती (birth anniversary of Mahatma Gandhi) के दिन अहिंसा का रास्ता छोड़कर हिंसा का मार्ग अपनाया है. 6 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. सभी नक्सलियों ने मुख्यधारा से जोड़ने का फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन पुनर्वास नीति (Naxal Elimination Rehabilitation Policy) और लोन वर्राटु अभियान (Lone Varratu Campaign) से प्रभावित होकर एसपी के सामने आत्मसमर्पण किया.
सुकमा में दो महिला नक्सली सहित 11 नक्सलियों का सरेंडर
अहम बात यह है कि नक्सली बारसुर इंद्रावती नदी पार क्षेत्रों में नक्सली संगठन के लिए कई वर्षों से कार्य कर रहे थे जिन्हें नक्सली संगठन में अहम जिम्मेदारी दी गई थी जिसके तहत पुलिस पार्टी पर हमला करना रोड खोदना आईडी ब्लास्ट करना बैनर पोस्टर लगाना जैसे कार्यों में सक्रिय थे परंतु इन्होंने नक्सली संगठन में रहकर नक्सली संगठन की खोपड़ी विचारधारा को जाना और मुख्यधारा में जोड़ने का फैसला करते हुए आज 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन हिंसा का मार्ग छोड़ कर मुख्यधारा में जोड़ते हुए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया
SP ने चार पर घोषित किया था 10 रूपये का इनाम
पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि बारसूर क्षेत्र इंद्रावती नदी पार अति संवेदनशील कोका बेड़ा हांदावाड़ा क्षेत्र है. यहां से 6 नक्सलियों ने महात्मा गांधी की जयंती के दिन बापू के बताए हुए रास्ते पर चलते हुए अहिंसा का मार्ग छोड़ मुख्यधारा में जोड़ते हुए आत्मसमर्पण किया है. एसपी ने कहा कि मैं इन सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं. इससे पहले लोन वर्राटु अभियान से प्रभावित होकर अब तक 116 इनामी सहित कुल 437 नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं.