दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के दो सीटों पर विधानसभा का उपचुनाव होना है, जिसके लिए पुलिस प्रशासन और जिला निर्वाचन आयोग ने कमर कसनी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में सोमवार को जिला निर्वाचन अधिकारी टोपेश्वर वर्मा और एसपी अभिषेक पल्लव ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान कलेक्टर ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है. अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
बता दें कि दंतेवाड़ा विधानसभा में उपचुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू कर दिया है. साथ ही सुरक्षा को लेकर भी चौक-चौराहों पर पुलिस जवानों को तैनात कर दिया गया है. वहीं प्रेस वार्ता में कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि जिले के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे उपचुनाव में किसी तरह की लापरवाही न हो.
इस दौरान उन्होंने बताया कि वर्तमान में 1 लाख 88 हजार 624 मतादाताओं के नाम सूची में शामिल हैं. इसके अलावा 20 अगस्त तक मतदाता सूची में नाम जोड़े जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए 273 में से 28 बूथ को अन्यंत्र शिफ्ट किया गया है, जिसमें से नदी पार के आधा दर्जन बूथ भी शामिल हैं.
इवीएम के साथ वीवीपेट
उपचुनाव में मतदान के लिए EVM के साथ VVPAT का उपयोग भी होगा. पिछले चुनाव की तरह अंत में पांच मतदान केंद्र के VVPAT से गणना मिलान भी किया जाएगा. मतदाताओं में निर्वाचन आयोग के पहचान पत्र के साथ अन्य मान्य फोटोयुक्त परिचय पत्र लेकर मतदान केंद्र पहुंचना होगा.
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पहले मांगों पहले पाओ सुरक्षा
सभा या रैली में सुरक्षा पाने के लिए जनप्रतिनिधियों को करीब 24 घंटे पहले सुरक्षाधिकारी के माध्यम से पुलिस अधिकारियों को सूचना देनी होगी. साथ ही जो सुरक्षा की पहले मांग करेगा, उसी को प्राथमिकता मिलेगी.
जेड डबल प्लस सुरक्षा
- एसपी अभिषेक पल्लव के मुताबिक विधानसभा उपचुनाव के दौरान दंतेवाड़ा में VVIP को जेड प्लस ही नहीं डबल प्लस सुरक्षा मिलेगी.
- वीआईपी की पूर्व निर्धारित सुरक्षा जवानों के अतिरिक्त संबंधित थाना से बल और DRG की स्पेशल टीम भी होगी.
- यह टीम रोड ओपनिंग पार्टी के साथ ही बाइक से VIP को कवर करेगी.
- डीआरजी के 400 जवानों को विशेष तौर पर तैयार और तैनात किया जाएगा.
- वीआईपी के दौरे के दौरान डीआरजी की महिला कमांडोज भी सुरक्षा में तैनात रहेंगे.
नेताओं को नाके से लौटा देंगे
- चुनाव के दौरान प्रत्याशी और उनके वीआईपी समर्थकों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा. राजनीतिक पार्टियों को दौरा, सभा के 24 घंटे पहले सूचना देनी होगी.
- बिना सुरक्षा और अनुमति के नेताओं को आगे नहीं जाने दिया जाएगा.
- संबंधित इलाके के नाके या थाने में ठहराया जाएगा या उसी रास्ते लौटा दिया जाएगा.
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वाटरप्रुफ थैलियों में ले जाएंगे उपकरण
कलेक्टर वर्मा ने बताया कि कुछ मतदान दलों को पैदल भी चलना होगा. ऐसे में बारिश के दौरान इवीएम और वीवीपेट सहित मतदान सामग्री खराब होने की आशंका बनी रहेगी. इसके लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखकर वाटरप्रुप थैलियों की मांग की गई है. ताकि मशीन और सामग्रियों को सुरक्षित मतदान केंद्र और वहां से स्ट्रांग रूम में लाया जा सके.