जगदलपुर: दंतेवाड़ा विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. अधिसूचना जारी होने के बाद से ही नामांकन भरने की भी प्रक्रिया जारी है. कांग्रेस और जोगी कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान भी कर दिया है.
नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले दंतेवाड़ा में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होगी. खासकर प्रचार-प्रसार के दौरान जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार पर निकले दंतेवाड़ा के तत्कालीन विधायक भीमा मंडावी की नक्सलियों ने ब्लास्ट कर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद हो रहे उपचुनाव में जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा देना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी.
उपचुनाव को लेकर पुलिस ने भी चुनाव आयोग से इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल की मांग की है. बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने आश्वासन दिया है कि चुनाव प्रचार के दौरान जनप्रतिनिधियों को भरपूर सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. अधिकारियों को खास तौर पर अंदरूनी इलाकों में सर्तकता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
इधर, उपचुनाव की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर आश्वस्त है. मरकाम का कहना है कि बस्तर पुलिस के साथ ही प्रदेश सरकार भी चुनाव की सुरक्षा को लेकर गंभीर है.
वहीं भाजपा के दंतेवाड़ा उपचुनाव के प्रभारी शिवरतन शर्मा ने स्थिति गंभीर बताते हुए नक्सलियों द्वारा जनप्रतिनिधियों के हर मूवमेंट पर नजर रखने की बात कही. उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, कार्यकर्ता हर एक चुनाव बूथ तक पहुंचेंगे. यहां उनकी सुरक्षा दुरुस्त करना सरकार और चुनाव आयोग की जिम्मेदारी होगी.