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दंतेवाड़ा उपचुनाव: जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा एक बड़ी जिम्मेदारी

दंतेवाड़ा उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग, जिला प्रशासन, राजनीतिक दलों के साथ ही पुलिस ने भी सुरक्षा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का आश्वासन भी दिया है.

सुरक्षा एक बड़ी जिम्मेदारी
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Published : Sep 2, 2019, 8:09 AM IST

Updated : Sep 2, 2019, 10:07 AM IST

जगदलपुर: दंतेवाड़ा विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. अधिसूचना जारी होने के बाद से ही नामांकन भरने की भी प्रक्रिया जारी है. कांग्रेस और जोगी कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान भी कर दिया है.

सुरक्षा को लेकर तैयारियां

नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले दंतेवाड़ा में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होगी. खासकर प्रचार-प्रसार के दौरान जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार पर निकले दंतेवाड़ा के तत्कालीन विधायक भीमा मंडावी की नक्सलियों ने ब्लास्ट कर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद हो रहे उपचुनाव में जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा देना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी.

उपचुनाव को लेकर पुलिस ने भी चुनाव आयोग से इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल की मांग की है. बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने आश्वासन दिया है कि चुनाव प्रचार के दौरान जनप्रतिनिधियों को भरपूर सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. अधिकारियों को खास तौर पर अंदरूनी इलाकों में सर्तकता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

इधर, उपचुनाव की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर आश्वस्त है. मरकाम का कहना है कि बस्तर पुलिस के साथ ही प्रदेश सरकार भी चुनाव की सुरक्षा को लेकर गंभीर है.

वहीं भाजपा के दंतेवाड़ा उपचुनाव के प्रभारी शिवरतन शर्मा ने स्थिति गंभीर बताते हुए नक्सलियों द्वारा जनप्रतिनिधियों के हर मूवमेंट पर नजर रखने की बात कही. उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, कार्यकर्ता हर एक चुनाव बूथ तक पहुंचेंगे. यहां उनकी सुरक्षा दुरुस्त करना सरकार और चुनाव आयोग की जिम्मेदारी होगी.

जगदलपुर: दंतेवाड़ा विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. अधिसूचना जारी होने के बाद से ही नामांकन भरने की भी प्रक्रिया जारी है. कांग्रेस और जोगी कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान भी कर दिया है.

सुरक्षा को लेकर तैयारियां

नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले दंतेवाड़ा में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होगी. खासकर प्रचार-प्रसार के दौरान जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार पर निकले दंतेवाड़ा के तत्कालीन विधायक भीमा मंडावी की नक्सलियों ने ब्लास्ट कर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद हो रहे उपचुनाव में जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा देना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी.

उपचुनाव को लेकर पुलिस ने भी चुनाव आयोग से इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल की मांग की है. बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने आश्वासन दिया है कि चुनाव प्रचार के दौरान जनप्रतिनिधियों को भरपूर सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. अधिकारियों को खास तौर पर अंदरूनी इलाकों में सर्तकता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

इधर, उपचुनाव की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर आश्वस्त है. मरकाम का कहना है कि बस्तर पुलिस के साथ ही प्रदेश सरकार भी चुनाव की सुरक्षा को लेकर गंभीर है.

वहीं भाजपा के दंतेवाड़ा उपचुनाव के प्रभारी शिवरतन शर्मा ने स्थिति गंभीर बताते हुए नक्सलियों द्वारा जनप्रतिनिधियों के हर मूवमेंट पर नजर रखने की बात कही. उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, कार्यकर्ता हर एक चुनाव बूथ तक पहुंचेंगे. यहां उनकी सुरक्षा दुरुस्त करना सरकार और चुनाव आयोग की जिम्मेदारी होगी.

Intro:जगदलपुर। दंतेवाड़ा विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। अधिसूचना जारी होने के बाद से ही नामांकन भरने की भी प्रक्रिया जारी है , हालाँकि कांग्रेस के अलावा अब तक बाकि राजनितिक दलों के द्वारा चुनाव को लेकर अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है। लेकिन प्रत्याशी चयन के बाद से ही दंतेवाडा मे चुनाव प्रचार प्रसार शुरू हो जायेगा। नक्सलियो का गढ माने जाने वाले दंतेवाडा मे शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराना पुलिस के लिए सबसे बडी चुनौती होती है खासकर प्रचार प्रसार के दौरान जनप्रतिनिधियो की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है, हाल ही मे हुए लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार पर निकले  दंतेवाडा के पूर्व विधायक भीमा मण्डावी को नक्सलियो द्वारा हत्या करने के बाद पुलिस के लिए इस उपचुनाव मे जनप्रतिनिधियो की सुरक्षा सबसे बडी चुनौती है।  


Body:दंतेवाड़ा विधानसभा को संवेदनशील क्षेत्रों में गिना जाता है और यही वजह है कि यहाँ सबसे प्रमुख प्राथमिकता जनप्रतिनिधि एवं चुनाव दल की सुरक्षा होती है। चुनाव को लेकर पुलिस अधिकारीयों ने भी चुनाव आयोग से अतिरिक्त सुरक्षा बलों की मांग की है। इस सम्बन्ध में बस्तर आईजी ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले विधानसभा व् लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्वक तरीके से  सम्पन्न करवाने में पुलिस को सफलता मिली थी , हालाँकि लोकसभा में भीमा मण्डावी के हत्या के साथ कुछ घटनाएं हुई थीं औऱ  पिछली घटनाओं को देखते हुए इस उपचुनाव में जवानो के द्वारा  सतर्कता बरती जा रही है। बस्तर आईजी ने कहा कि  चुनाव प्रचार के दौरान जनप्रतिनिधियों को विशेष तौर पर सुरक्षा दी जाएगी। और अंदरूनी क्षेत्रो मे प्रचार प्रसार के दौरान सुरक्षा के लिए खास सर्तकर्ता बरतने के निर्देश भी दिये गये है।   दंतेवाड़ा के संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के लिए चुनाव आयोग से अतिरिक्त सुरक्षाबलों  की मांग भी की गई है।


Conclusion:इधर उपचुनाव के सुरक्षा को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम  सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर आश्वस्त है कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न होंगे । मोहन मरकाम का कहना है कि बस्तर पुलिस के साथ प्रदेश सरकार की चुनाव की सुरक्षा को लेकर सबसे बडी जिम्मेदारी है औऱ इसके लिए सरकार गंभीर है। तो वही भाजपा के दंतेवाड़ा उपचुनाव प्रभारी शिवरतन शर्मा ने सुरक्षा के सवाल पर जनप्रतिनिधियो की सुरक्षा के साथ शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराना सरकार की जिम्मेदारी बताते हुए कहा की चुनाव प्रचार में भाजपा के कार्यकर्ता हर एक मतदाता तक पहुंचेंगे तो ऐसे में उनके सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी चुनाव आयोग व् सरकार की होगी।

बस्तर मे लोकतंत्र का विरोध करते आ रहे नक्सली हमेशा से ही चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों को अपना निशाना बनाते आये है, चुनाव प्रचार प्रसार के दौरान नक्सली जनप्रतिनिधियों पर खास नजर रखने के साथ स्थानीय स्तर पर उनके कार्यक्रमो की जानकारी लेते रहते है, बीते कुछ चुनावो की बात की जाये तो नक्सली 15 से अधिक स्थानीय जनप्रतिनिधियों को चुनाव के दौरान अपना निशाना बना चुके है, जिसमे गांव के संरपच से लेकर जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और पूर्व विधायक भीमाराम मण्डावी शामिल है, ऐसे मे अब इस उपचुनाव मे शांतिपूर्ण मतदान के साथ जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा बस्तर पुलिस औऱ चुनाव आयोग के लिए सबसे बडी चुनौती मानी जा रही है ।
बाईट1- विवेकानंद सिन्हा, आईजी बस्तर
बाईट2- मोहन मरकाम, पीसीसी अध्यक्ष.
बाईट3- शिवरतन शर्मा, चुनाव प्रभारी भाजपा " बैठे हुए बाईट"

Last Updated : Sep 2, 2019, 10:07 AM IST
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