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VIDEO: बसंत पंचमी से शुरू हुई फागुन मंडाई, ऐसा है विधान

दंतेवाड़ा: बसंत पंचमी के अवसर पर डेरी गड़ई से फागुन मंडाई की शुरुवात हुई है. माई दंतेश्वरी के द्वार पर डेरी गड़ई की रश्म की अदायगी हुई. इस रश्म के साथ ही चलने वाला दक्षिण बस्तर का फागुन मंडाई की शुरुआत भी आज से हो गई है. परम्परा के अनुसार गरुड स्तंभ के सामने पूर्ण विधि विधान से त्रिशूल खम्ब को स्थापित किया गया.

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Published : Feb 11, 2019, 1:26 PM IST

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बस्तर की विश्व प्रसिद्ध फागुन मंडाई की शुरुआत बसंत पंचमी से शुरू होती है. इस रश्म के दौरान मंदिर के पुजारी मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं. सबसे पहले कलश स्थापना की जाती है. इसके बाद नवग्रहों की पूजा अर्चना कर त्रिशूल खम्ब को गाड़ा जाता है.

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त्रिशूल खम्ब गाड़ने के बाद शाम को मंदिर से माई जी की छत्र निकाली जाती है. इस छत्र की नगर के मुख्य चौराहे पर पूजा की जाती है. इस दौरान पुलिस जवानों के द्वारा सलामी भी दी जाती है.

बस्तर की विश्व प्रसिद्ध फागुन मंडाई की शुरुआत बसंत पंचमी से शुरू होती है. इस रश्म के दौरान मंदिर के पुजारी मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं. सबसे पहले कलश स्थापना की जाती है. इसके बाद नवग्रहों की पूजा अर्चना कर त्रिशूल खम्ब को गाड़ा जाता है.

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त्रिशूल खम्ब गाड़ने के बाद शाम को मंदिर से माई जी की छत्र निकाली जाती है. इस छत्र की नगर के मुख्य चौराहे पर पूजा की जाती है. इस दौरान पुलिस जवानों के द्वारा सलामी भी दी जाती है.

Intro:ऐंकर-दंतेवाड़ा में आज बसन्त पंचमी के अवसर पर डेरी गड़ई से फागुन मंडाई की शुरुवात हुई,सुबह माई दन्तेवश्वरी के द्वार पर डेरी गड़ई की रस्म की अदायगी हुई,इस रस्म के साथ ही चलने वाला दक्षिण बस्तर का फागुन मंडाई की शुरुवात भी आज से होती है।परंम्परा के अनुसार दोपहर के गरुड स्तम्भ के समुख पूर्ण विधि विधान से त्रिशूल खम्ब को स्थापित किया गया। इस रस्म को डेरी गंडई रस्म कहा जाता है।


Body:विओ-बस्तर की विश्व प्रसिद्ध फागुन मंडाई की शुरुवात बसंत पंचमी से शुरू हो जाता है।इस रस्म के दौरान मंदिर के पुजारी मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।सर्वप्रथम कलश स्थापना कर नवग्रहों की पूजा अर्चना कर त्रिशूल खम्ब को गाड़ा जाता है।त्रिशूल खम्ब गाड़ने के बाद शाम को मंदिर से माई जी के छत्र निकाली जाती है ।इस छत्र को नगर के मुख्य चौराहे पर पूजा जाता है।इस दौरान पुलिस जवानों के दौरान सलामी भी दी जाती है।आमा बौर पूजा व डेढ़ी गढ़ाई के साथ फागुन मड़ाई का आगाज से हो जाता है।
बाइट-हरेंद्र नाथ पुजारी,पुजारी
नोट:इस खबर की वीडियो और बाइट डेस्क के व्हाट्सएप पर है कृपया चेक कर लेवे।


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