बस्तर की विश्व प्रसिद्ध फागुन मंडाई की शुरुआत बसंत पंचमी से शुरू होती है. इस रश्म के दौरान मंदिर के पुजारी मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं. सबसे पहले कलश स्थापना की जाती है. इसके बाद नवग्रहों की पूजा अर्चना कर त्रिशूल खम्ब को गाड़ा जाता है.
त्रिशूल खम्ब गाड़ने के बाद शाम को मंदिर से माई जी की छत्र निकाली जाती है. इस छत्र की नगर के मुख्य चौराहे पर पूजा की जाती है. इस दौरान पुलिस जवानों के द्वारा सलामी भी दी जाती है.