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नगरपालिका ने कब्जा हटाने 3 बार दिया नोटिस, टैक्स बचाने को एनएमसीडी ने 55 साल बाद स्थायी पट्टे का किया आवेदन

किरंदुल नगरपालिका ने एनएमडीसी को नोटिस देकर अतिक्रमित भूमि खाली करने या फिर निर्धारित शुल्क जमा करने का आदेश दिया था. इसपर एनएमडीसी आनाकानी करती रही. अब जब सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी गई है तो इससे बचने को एनएमडीसी ने 55 वर्षों बाद अतिक्रमित पालिका की भूमि के स्थायी पट्टे के लिए जिला प्रशासन को आवेदन किया है.

NMCD denied the allegations of the municipality
एनएमसीडी ने पालिका के आरोपों का किया खंडन
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Published : Sep 20, 2021, 2:24 PM IST

दंतेवाड़ा : नगरपालिका की भूमि (municipal land) का अतिक्रमण (Encroachment) करने और लंबे समय से कई प्रकार के टैक्स का भुगतान नहीं किये जाने को लेकर किरंदुल नगर पालिका ने देश की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी (Country Navratna Company NMDC) पर आरोप लगाया है. जबकि इसका खंडन करते हुए एनएमडीसी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस (press conference) कर मामले में अपना पक्ष रखा है.

भूमि अतिक्रमण करने और टैक्स भुगतान न करने का है आरोप

किरंदुल नगरपालिका की ओर से एनएमडीसी पर भूमि अतिक्रमण करने और विभिन्न टैक्स का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाने के बाद रविवार को एनएमडीसी ने पहली बार प्रेस कांफ्रेंस कर आरोपों का खंडन किया है. एनएमडीसी के अधिकारियों ने नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा लगाये गए आरोपों की निंदा की है. साथ ही कहा है कि देश की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी ने कभी भी नगरपालिका की भूमि पर अतिक्रमण नहीं किया. पालिका अध्यक्ष का यह आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है. उक्त भूमि का अधिकार एनएमडीसी के पास राजपत्र में प्रकाशित दस्तावेज में उल्लेखित है, जिसके स्थायी पट्टे के लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है. साथ ही अन्य सभी मामले माननीय न्यायालय में हैं, जिस पर निर्णय आते ही सभी भुगतान कर दिये जाएंगे. न्यायालय के निर्णय के पूर्व कोई भी आरोप लगाना सही नहीं.

भूमि खाली करने या शुल्क जमा करने का पालिका ने दिया था आदेश

बता दें कि किरंदुल नगरपालिका की ओर से एनएमडीसी को 3 बार नोटिस देकर अतिक्रमण की हुई भूमि को खाली करने अथवा निर्धारित शुल्क जमा करने के आदेश दिये गये थे, लेकिन एनएमडीसी आनाकानी करती रही. अब सख्त कार्यवाही की चेतावनी नगरीय प्रशासन ने एनएमडीसी को दी है. इससे बचने के लिए एनएमडीसी ने 55 वर्षों के बाद अतिक्रमित पालिका की भूमि के स्थायी पट्टे के लिए जिला प्रशासन को आवेदन किया है. जिससे दोनों के बीच मामला गरमा गया है.

इधर, एनएमडीसी निदेशक ने आरोपों काे बताया निराधार

एनएमडीसी निदेशक आरके गोविंदराजन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि नगरपालिका द्वारा जितने भी आरोप लगाए गए हैं, वे सभी निराधार हैं. हमने समय-समय पर नगर पालिका को टैक्स का भुगतान किया है. बहुत से बिंदुओं पर नगरपालिका अधिनियम के तहत आपत्ति थी, जिसके लिए हमने उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर की है. जिस पर न्यायालय का अंतरिम आदेश प्राप्त हुआ है. उसके अनुसार हम प्रतिमाह टैक्स भुगतान कर रहे हैं. न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एनएमडीसी देश की नामी कंपनी है, जो कभी किसी के साथ गलत नहीं करती.

दंतेवाड़ा : नगरपालिका की भूमि (municipal land) का अतिक्रमण (Encroachment) करने और लंबे समय से कई प्रकार के टैक्स का भुगतान नहीं किये जाने को लेकर किरंदुल नगर पालिका ने देश की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी (Country Navratna Company NMDC) पर आरोप लगाया है. जबकि इसका खंडन करते हुए एनएमडीसी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस (press conference) कर मामले में अपना पक्ष रखा है.

भूमि अतिक्रमण करने और टैक्स भुगतान न करने का है आरोप

किरंदुल नगरपालिका की ओर से एनएमडीसी पर भूमि अतिक्रमण करने और विभिन्न टैक्स का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाने के बाद रविवार को एनएमडीसी ने पहली बार प्रेस कांफ्रेंस कर आरोपों का खंडन किया है. एनएमडीसी के अधिकारियों ने नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा लगाये गए आरोपों की निंदा की है. साथ ही कहा है कि देश की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी ने कभी भी नगरपालिका की भूमि पर अतिक्रमण नहीं किया. पालिका अध्यक्ष का यह आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है. उक्त भूमि का अधिकार एनएमडीसी के पास राजपत्र में प्रकाशित दस्तावेज में उल्लेखित है, जिसके स्थायी पट्टे के लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है. साथ ही अन्य सभी मामले माननीय न्यायालय में हैं, जिस पर निर्णय आते ही सभी भुगतान कर दिये जाएंगे. न्यायालय के निर्णय के पूर्व कोई भी आरोप लगाना सही नहीं.

भूमि खाली करने या शुल्क जमा करने का पालिका ने दिया था आदेश

बता दें कि किरंदुल नगरपालिका की ओर से एनएमडीसी को 3 बार नोटिस देकर अतिक्रमण की हुई भूमि को खाली करने अथवा निर्धारित शुल्क जमा करने के आदेश दिये गये थे, लेकिन एनएमडीसी आनाकानी करती रही. अब सख्त कार्यवाही की चेतावनी नगरीय प्रशासन ने एनएमडीसी को दी है. इससे बचने के लिए एनएमडीसी ने 55 वर्षों के बाद अतिक्रमित पालिका की भूमि के स्थायी पट्टे के लिए जिला प्रशासन को आवेदन किया है. जिससे दोनों के बीच मामला गरमा गया है.

इधर, एनएमडीसी निदेशक ने आरोपों काे बताया निराधार

एनएमडीसी निदेशक आरके गोविंदराजन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि नगरपालिका द्वारा जितने भी आरोप लगाए गए हैं, वे सभी निराधार हैं. हमने समय-समय पर नगर पालिका को टैक्स का भुगतान किया है. बहुत से बिंदुओं पर नगरपालिका अधिनियम के तहत आपत्ति थी, जिसके लिए हमने उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर की है. जिस पर न्यायालय का अंतरिम आदेश प्राप्त हुआ है. उसके अनुसार हम प्रतिमाह टैक्स भुगतान कर रहे हैं. न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एनएमडीसी देश की नामी कंपनी है, जो कभी किसी के साथ गलत नहीं करती.

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