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दंतेवाड़ा में मनरेगा कर्मचारियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा - दंतेवाड़ा के मनरेगा कर्मचारी

दंतेवाड़ा में मनरेगा अधिकारी कर्मचारियों ने 60 दिन धरना देने के बाद गुरुवार को सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने भूपेश सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया. (MGNREGA employees gave mass resignation in Dantewada )

MGNREGA employees gave mass resignation in Dantewada
दंतेवाड़ा में मनरेगा कर्मचारियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा
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Published : Jun 3, 2022, 10:40 AM IST

Updated : Jun 3, 2022, 11:02 AM IST

दंतेवाड़ा: पिछले 60 दिनों से मांगों को लेकर धरने पर बैठे छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के मनरेगा कर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. गुरुवार को 178 मनरेगा अधिकारी-कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा विभाग प्रमुख को सौंपा. मनरेगा कर्मियों का आरोप है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में हमें नियमित करने का वादा किया था. लेकिन साढ़े 3 साल बीतने के बावजूद भी इस दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं की गई. दंतेवाड़ा में 4 अप्रैल से मनरेगा कर्मचारी नियमितिकरण की मांग को लेकर धरने पर थे. MGNREGA employees gave mass resignation in Dantewada

दंतेवाड़ा में मनरेगा कर्मचारियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा

दंतेवाड़ा के मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर: दंतेवाड़ा जिले के आंवराभाटा स्थित दुर्गा मंच पंडाल में धरना प्रदर्शन कर रहे हड़ताली मनरेगा कर्मचारियों ने बताया कि "सरकार ने अपने घोषणा पत्र में हमें नियमित करने का वादा किया था. लेकिन साढ़े 3 साल बीतने के बाद भी वादा पूरा नहीं किया गया. कोरोना काल में हमने जान की परवाह किए बिना ग्रामीण मजदूरों को काम देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने में मदद की. आम जनता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए 200 से ज्यादा मनरेगा कर्मचारियों की कोरोना काल में मौत हो गई. उन परिवारों की स्थिति आज काफी दयनीय है. लगातार हम अपनी मांगों को शासन-प्रशासन तक शांतिपूर्ण ढंग से पहुंचाते आए हैं. लेकिन शासन-प्रशासन की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई. जिससे मनरेगा कर्मियों में रोष है. इस वजह से 4 अप्रैल से प्रदेशभर के मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर है.

दंतेवाड़ा मनरेगा अधिकारी कर्मचारी महासंघ ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान

छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मचारियों का सामूहिक इस्तीफा: मनरेगा कर्मचारियों ने आगे बताया कि "हड़ताल के दौरान सरकार ने हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया. प्रशासनिक अधिकारी सेवा समप्ति की धमकी देकर और डराकर हड़ताल को को कुचलने की कोशिश करते रहे. लेकिन पिछले 60 दिनों से हमारी हड़ताल जारी रही. मीडिया के माध्यम से महासंघ यह बताना चाहता है कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में पिछले 10-15 सालों से छत्तीसगढ़ को कई बार देशभर में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान मिल चुका है. देशभर में अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ के मनरेगा कर्मचारियों की स्थिति अत्यंत ही दयनीय है. कर्मचारी कम वेतन और किसी भी समय बर्खास्तगी के डर में काम कर रहे हैं.पिछले सालों में हमारे 3000 साथियों की सेवा समाप्ति की गई है. अथवा डर की वजह से उन्होंने छोड़ दिया है. लेकिन अब छत्तीसगढ़ के मनरेगा कर्मचारी इस प्रशासनिक शोषण को अब नहीं सहेंगे. ये केवल मनरेगा कर्मचारियों का संघर्ष नहीं है ये छत्तीसगढ़ में संविदा कर्मियों का संघर्ष है.

दंतेवाड़ा: पिछले 60 दिनों से मांगों को लेकर धरने पर बैठे छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के मनरेगा कर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. गुरुवार को 178 मनरेगा अधिकारी-कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा विभाग प्रमुख को सौंपा. मनरेगा कर्मियों का आरोप है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में हमें नियमित करने का वादा किया था. लेकिन साढ़े 3 साल बीतने के बावजूद भी इस दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं की गई. दंतेवाड़ा में 4 अप्रैल से मनरेगा कर्मचारी नियमितिकरण की मांग को लेकर धरने पर थे. MGNREGA employees gave mass resignation in Dantewada

दंतेवाड़ा में मनरेगा कर्मचारियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा

दंतेवाड़ा के मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर: दंतेवाड़ा जिले के आंवराभाटा स्थित दुर्गा मंच पंडाल में धरना प्रदर्शन कर रहे हड़ताली मनरेगा कर्मचारियों ने बताया कि "सरकार ने अपने घोषणा पत्र में हमें नियमित करने का वादा किया था. लेकिन साढ़े 3 साल बीतने के बाद भी वादा पूरा नहीं किया गया. कोरोना काल में हमने जान की परवाह किए बिना ग्रामीण मजदूरों को काम देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने में मदद की. आम जनता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए 200 से ज्यादा मनरेगा कर्मचारियों की कोरोना काल में मौत हो गई. उन परिवारों की स्थिति आज काफी दयनीय है. लगातार हम अपनी मांगों को शासन-प्रशासन तक शांतिपूर्ण ढंग से पहुंचाते आए हैं. लेकिन शासन-प्रशासन की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई. जिससे मनरेगा कर्मियों में रोष है. इस वजह से 4 अप्रैल से प्रदेशभर के मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर है.

दंतेवाड़ा मनरेगा अधिकारी कर्मचारी महासंघ ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान

छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मचारियों का सामूहिक इस्तीफा: मनरेगा कर्मचारियों ने आगे बताया कि "हड़ताल के दौरान सरकार ने हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया. प्रशासनिक अधिकारी सेवा समप्ति की धमकी देकर और डराकर हड़ताल को को कुचलने की कोशिश करते रहे. लेकिन पिछले 60 दिनों से हमारी हड़ताल जारी रही. मीडिया के माध्यम से महासंघ यह बताना चाहता है कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में पिछले 10-15 सालों से छत्तीसगढ़ को कई बार देशभर में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान मिल चुका है. देशभर में अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ के मनरेगा कर्मचारियों की स्थिति अत्यंत ही दयनीय है. कर्मचारी कम वेतन और किसी भी समय बर्खास्तगी के डर में काम कर रहे हैं.पिछले सालों में हमारे 3000 साथियों की सेवा समाप्ति की गई है. अथवा डर की वजह से उन्होंने छोड़ दिया है. लेकिन अब छत्तीसगढ़ के मनरेगा कर्मचारी इस प्रशासनिक शोषण को अब नहीं सहेंगे. ये केवल मनरेगा कर्मचारियों का संघर्ष नहीं है ये छत्तीसगढ़ में संविदा कर्मियों का संघर्ष है.

Last Updated : Jun 3, 2022, 11:02 AM IST
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