बिलासपुर: अनाधिकृत विकास और अनाधिकृत निर्माण को नियमित करने के मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. हाई कोर्ट में पूरे मामले में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इस मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सचिव नगरीय प्रशासन,आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय, कलेक्टर रायपुर समेत अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब (High Court issues notice to Urban Administration Secretary) किया है. Regularization case
नियमितीकरण को लेकर पीआईएल दायर किया: रायपुर रहवासी सामाजिक कार्यकर्ता विकास गोयल ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक पीआईएल दायर किया है. जिसमें कोर्ट को बताया गया कि "राज्य सरकार ने अनाधिकृत विकास अधिनियम और अनाधिकृत निर्माण नियम में संशोधन का कार्य किया है. इसके तहत बिना पार्किंग बने परिसर का शुल्क देकर नियमितीकरण की कार्रवाई की जा रही है. इसी के तहत निर्धारित से कम चौड़े रास्ते का भी शुल्क देकर नियमितीकरण का कार्य किया जा रहा है. नियमितीकरण करने की अवधि में भी तब्दीली कर 30 दिन की अवधि को बढ़ाकर अब 8 से 10 महीने तक कर दिए गए हैं.
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नगरीय प्रशासन सचिव को नोटिस जारी: शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मामले में सचिव नगरीय प्रशासन, सचिव आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय, कलेक्टर रायपुर, संयुक्त संचालक नगर और ग्रामीण निवेश और नगर निगम रायपुर से 3 सप्ताह में जवाब तलब किया है. मामले में संबंधित को अपना जवाब हाई कोर्ट में पेश करना है. जवाब पेश होने के बाद कोर्ट में इस मामले की फिर सुनवाई की जाएगी. रायपुर निवासी विकास गोयल ने अनाधिकृत विकास अधिनियम और अनाधिकृत निर्माण नियम में संशोधन करने को लेकर ही याचिका लगाई है.