दंतेवाड़ा: आयुष विभाग से संचालित निसर्गोपचार महोत्सव का समापन हुआ. महोत्सव में जिले के लगभग 800 प्रतिभागियों को प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में बताया गया. इसके साथ ही लगभग 140 प्रतिभागियों ने प्राकृतिक चिकित्सा का अनुभव भी लिया.
दरअसल दंतेवाड़ा जिले में आयुष विभाग जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में जाकर आयुर्वेदिक उपचार और योग की शिक्षा दे रहा है. योग के जरिए ही कोविड-19 से लड़ने के बारे में भी बताया जा रहा है. इसमें चेहरे पर मिट्टी का लेप, स्टीम, एनिमा, मिट्टी की पट्टी और आहार चिकित्सा भी शामिल था.
निसर्गोपचार महोत्सव से लोगों को मिला लाभ
कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान पुणे और आयुष योगा वेलनेस सेंटर दंतेवाड़ा के सौजन्य से जिले में आयोजित किया गया था. ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ने के लिए जिले के पालनर, कारली और चितालंका में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान लोगों को इम्यूनिटी किट भी बांटे गए. कार्यक्रम में बाहर से आए प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ ज्योति प्रकाश प्रधान, डॉ बाबूलाल नायक, डॉ संतोष कुमार बर्मन और उनकी टीम ने अपना योगदान दिया.
छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी बंद रहने के दौरान इस तरह से चलेगी व्यवस्था
प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति
प्राकृतिक चिकित्सा बगैर दवाई के सरलतम विधि द्वारा पूर्णता स्वस्थ रहने की चिकित्सा पद्धति है. जिसके ज्ञान मात्र से ही घर पर रहकर बड़ी से बड़ी बीमारियों से जीता जा सकता है. शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं. गांधीजी के 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित यह कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय रहा. जिसके कारण दंतेवाड़ा के ज्यादा से ज्यादा लोगों ने इसका लाभ लिया.