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'लोन वर्राटू' अभियान से लाल आतंक को झटका, 20 दिनों में 28 नक्सलियों ने डाले हथियार

प्रदेश में नक्सलियों का आतंक बढ़ने के बाद पुलिस ने नई पहल की जिसके तहत नक्सलियों को सरेंडर कराने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश की जा रही है. दंतेवाड़ा पुलिस ने 'लोन वर्राटू' नामक अभियान शुरू किया है, जिसका मतलब होता है घर वापस आइए. इस अभियान से दंतेवाड़ा पुलिस को लगातार सफलताएं मिल रही हैं. वहीं प्रदेश में बीते दिनों कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है और मुख्यधारा से जुड़े हैं.

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Published : Jul 13, 2020, 7:40 PM IST

Updated : Jul 13, 2020, 11:08 PM IST

Dantewada lon varratu abhiyan
दंतेवाड़ा पुलिस का 'लोन वर्राटू' अभियान

दंतेवाड़ा: अपनी विचारधारा से भटककर लाल आतंक का रास्ता चुनने वाले नक्सलियों के खिलाफ दंतेवाड़ा पुलिस ने एक अभियान छेड़ रखा है. इस अभियान का नाम 'लोन वर्राटू' रखा गया है. स्थानीय भाषा में 'लोन वर्राटू' का मतलब है 'घर वापस आइए' और यह गोंडी बोली में बोले जाने वाला शब्द है. इस अभियान से दंतेवाड़ा पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है.

'लोन वर्राटू' अभियान से लाल आतंक को झटका

दरअसल 3 सप्ताह पहले नक्सलियों के खिलाफ पुलिस ने 'लोन वर्राटू' (घर वापस आइये) अभियान लॉन्च किया है. इस अभियान से प्रभावित होकर अब नक्सली, नक्सल संगठन का साथ छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.

'ग्रामीणों को नहीं थी नक्सलियों की जानकारी'

एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि गांव में रहने वाले लोगों को इसकी जानकारी नही है कि किस नक्सली पर कितना इनाम घोषित है. गांव के लोग नक्सलियों की पहचान करने में भी असमर्थ थे. यही वजह है कि नक्सली गांवों में पहुंचकर गुजर-बसर किया करते थे. जानकारी का अभाव होने की वजह से ग्रामीण कोई कदम नहीं उठा पाते थे.

जगह-जगह लगाए जा रहे हैं नक्सलियों के बैनर-पोस्टर

इसे देखते हुए अब दंतेवाड़ा जिले के सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों की जानकारी फोटो और इनाम सहित गांव-गांव में लगाई जा रही है. वहीं पुलिस नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील भी कर रही है. वहीं नक्सलियों के बैनर पोस्टर सभी साप्ताहिक हाट बाजारों में भी बांटे जा रहे हैं.

पढ़ें- दंतेवाड़ा: अपने गांव में विकास की मांग करते हुए 3 इनामी सहित 25 नक्सलियों ने किया सरेंडर

साथ ही नक्सलियों के घर पर भी पोस्टर चिपकाया जा रहा है. जिसे देखकर अब ग्रामीण खुद नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ रहे हैं. साथ ही ग्रामीणों का मनोबल भी बढ़ा है. अब ग्रामीण पुलिस पर विश्वास भी करने लगे हैं. इन 20 दिनों के अंदर लगभग 28 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिसमें 9 इनामी नक्सली शामिल हैं. एसपी अभिषेक पल्लव का कहना है कि इस अभियान से उम्मीद है कि आने वाले दिनों में 5 से 10 लाख के इनामी नक्सली भी समर्पण करते दिखेंगे.

लगातार मिल रही कामयाबी

प्रदेश में पुलिस को लगातार नक्सली मोर्चे पर कामयाबी मिल रही है. 3 महीने में बस्तर संभाग में अब तक पुलिस और नक्सलियों के बीच 17 मुठभेड़ हुई. एनकाउंटर में 10 नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया. वहीं 26 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. 89 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही पुलिस कई प्रकार के अभियान चला रही है.

दंतेवाड़ा: अपनी विचारधारा से भटककर लाल आतंक का रास्ता चुनने वाले नक्सलियों के खिलाफ दंतेवाड़ा पुलिस ने एक अभियान छेड़ रखा है. इस अभियान का नाम 'लोन वर्राटू' रखा गया है. स्थानीय भाषा में 'लोन वर्राटू' का मतलब है 'घर वापस आइए' और यह गोंडी बोली में बोले जाने वाला शब्द है. इस अभियान से दंतेवाड़ा पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है.

'लोन वर्राटू' अभियान से लाल आतंक को झटका

दरअसल 3 सप्ताह पहले नक्सलियों के खिलाफ पुलिस ने 'लोन वर्राटू' (घर वापस आइये) अभियान लॉन्च किया है. इस अभियान से प्रभावित होकर अब नक्सली, नक्सल संगठन का साथ छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.

'ग्रामीणों को नहीं थी नक्सलियों की जानकारी'

एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि गांव में रहने वाले लोगों को इसकी जानकारी नही है कि किस नक्सली पर कितना इनाम घोषित है. गांव के लोग नक्सलियों की पहचान करने में भी असमर्थ थे. यही वजह है कि नक्सली गांवों में पहुंचकर गुजर-बसर किया करते थे. जानकारी का अभाव होने की वजह से ग्रामीण कोई कदम नहीं उठा पाते थे.

जगह-जगह लगाए जा रहे हैं नक्सलियों के बैनर-पोस्टर

इसे देखते हुए अब दंतेवाड़ा जिले के सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों की जानकारी फोटो और इनाम सहित गांव-गांव में लगाई जा रही है. वहीं पुलिस नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील भी कर रही है. वहीं नक्सलियों के बैनर पोस्टर सभी साप्ताहिक हाट बाजारों में भी बांटे जा रहे हैं.

पढ़ें- दंतेवाड़ा: अपने गांव में विकास की मांग करते हुए 3 इनामी सहित 25 नक्सलियों ने किया सरेंडर

साथ ही नक्सलियों के घर पर भी पोस्टर चिपकाया जा रहा है. जिसे देखकर अब ग्रामीण खुद नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ रहे हैं. साथ ही ग्रामीणों का मनोबल भी बढ़ा है. अब ग्रामीण पुलिस पर विश्वास भी करने लगे हैं. इन 20 दिनों के अंदर लगभग 28 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिसमें 9 इनामी नक्सली शामिल हैं. एसपी अभिषेक पल्लव का कहना है कि इस अभियान से उम्मीद है कि आने वाले दिनों में 5 से 10 लाख के इनामी नक्सली भी समर्पण करते दिखेंगे.

लगातार मिल रही कामयाबी

प्रदेश में पुलिस को लगातार नक्सली मोर्चे पर कामयाबी मिल रही है. 3 महीने में बस्तर संभाग में अब तक पुलिस और नक्सलियों के बीच 17 मुठभेड़ हुई. एनकाउंटर में 10 नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया. वहीं 26 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. 89 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही पुलिस कई प्रकार के अभियान चला रही है.

Last Updated : Jul 13, 2020, 11:08 PM IST
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