दंतेवाडा: नक्सलियों और सीआरपीएफ के 231 वीं बटालियन के जवानों बीच हुई मुठभेड़ में एक के बाद एक लगातार हुए सीरियल ब्लास्ट में 6 जवान घायल हुए थे, तो वहीं एक जवान शहीद हुआ था. घटना का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम घटना स्थल पर पहुंची. इस दौरान कई खुलासे हुए. इस दौरान सीआरपीएफ के जवान भी सर्चिंग पर थे.
टीम ने गस्त के दौरान मुठभेड़ स्थल पर खाली कारतूस, एंबुस और आईइडी ब्लास्ट की जगह और जवानों द्वारा डिफ्यूज की गई आईइडी भी देखा. इस वारदात को नक्सलियों ने सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया था. इसके लिए नक्सलियों ने कमलपोस्ट ओर कोंडासावली केंप के बीच घाटी का फायदा उठाया है. नक्सलियों ने घाटी के बीच एक तरफ खाई और दूसरी तरफ टेकरी का फायदा उठाया था.
नक्सलियों ने घाटी का फायदा उठाते हुए किया था ब्लास्ट
बता दें कि सोमवार शाम करीब चार बजे के बीच कमलपोस्ट से सीआरपीएफ की 50 से 60 जवानों की टुकड़ी पैदल एरिया डोमिनेशन के लिए निकले थे. घाटी में करीब 100 की संख्या में मौजूद नक्सलियों ने जवानों के कैंप के आगे बढ़ते ही एक के बाद एक 5 ब्लास्ट किए. नक्सलियों ने सभी को कमांड कर ब्लास्ट किया था. जब तक जवान संभल पाते नक्सलियों ने ऊंची टेकरी से और खाई की तरफ से गोली बरसानी शुरू कर दी, इतना ही नहीं सड़क के दूसरी ओर सड़क के कटाव को रोकने के लिए बनाए गए रिटेनिंग वॉल का भी नक्सलियों ने बखूबी इस्तेमाल किया है.
रिफोर्समेंट टीम के लिए लगाया था एंबुस
नक्सलियों ने रिफोर्समेंट टीम के लिए अलग से एम्बुस लगा रखा था. घटना की सूचना मिलते ही कमल पोस्ट से अन्य जवान मौके के लिए रवाना हुए. सीआरपीएफ की टीम को भारी पड़ता देख नक्सली जंगलों की आड़ लेते हुए वहां से भाग निकले. घायल जवान ने अपने अधिकारी को बताया कि इस मुठभेड़ में दो नक्सलियों के मारे जाने की खबर है. बता दें कि अरनपुर से जगरगुंडा का सड़क मार्ग बनना है, लेकिन फिलहाल अभी अरनपुर से कोंडासावली तक ही यह सड़क मार्ग बन पाया है.