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इस बेकरी में 'हेल्दी' केक, कुकीज बनाएंगे ट्रांसजेंडर और दिव्यांग

दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को रोजगार देने के लिए जिला प्रशासन ने अच्छी पहल की है. स्थानीय प्रशासन की इस पहल से लोगों को 'स्वाद' और युवाओं को रोजगार मिलेगा. देखिए ये रिपोर्ट...।

Dantewada administration started Navchetna Bakery to give employment to local people
दंतेवाड़ा में नवचेतना बेकरी
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Published : Feb 3, 2021, 5:00 PM IST

दंतेवाड़ा: नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन ने नई पहल की है. दिव्यांग, ट्रांसजेंडर और मानव तस्करी में फंसकर बाहर निकली युवतियों को बेकरी प्रोडक्ट बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इनके बनाए केक, कुकीज, ब्रेड, बिस्किट का आप तक नवचेतना बेकरी के जरिए पहुंचेंगे. इससे न सिर्फ उन्हें रोजगार मिलेगा बल्कि सकारात्मक जीवन और सम्मान भी मिलेगा.

नक्सल इलाके में नवचेतना बेकरी

इस बेकरी का इंटीरियर भी खास है. बचेली के युवा पिंकू कुमार झगराहा ने बेकरी का इंटीरियर किया है. फिलहाल दो युवा ट्रेनर बेकरी का काम सिखा रहे हैं. काम सीखने और सिखाने वाले दोनों खुश हैं. शासन ने प्रशिक्षण के बाद बेकरी संचालन का जिम्‍मा दिया है. वर्तमान में दो प्रशिक्षक आनंद साईं पाल और पिंकू कुमार झगराहा के मार्गदर्शन में आदिवासी युवा उत्‍पाद तैयार कर रहे हैं. दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने नवचेतना बेकरी का शुभारंभ किया था.

पढ़ें: नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री 'डैनेक्स' का सीएम ने किया उद्घाटन

मैदे का नहीं कोदो-कुटकी का केक खाइए

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केक बनाना सीख रहे युवा

बेकरी उत्‍पाद में खास बात यह है कि यहां तैयार होने वाले ब्रेड, बिस्किट और केक में मैदा का उपयोग नाममात्र का होगा. स्‍थानीय उपज कोदो, कुटकी, रागी और मोरेंगा (मुनगा) पाउडर से उत्‍पाद तैयार किया जाएगा. इसके लिए युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है और ट्रायल बेस पर निर्माण शुरू भी कर दिया गया है.

औषधीय होंगे उत्‍पाद

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नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को बेकरी फूड की ट्रेनिंग

प्रशिक्षक आनंद साईंपाल ने बताया कि नवचेतना बेकरी में तैयार होने वाले उत्‍पाद में मैदा का उपयोग नहीं के बराबर है. स्‍थानीय उपज कोदो-कुटकी, मड़िया और मोरेंगा (मुनगा पत्‍ती) से तैयार आटे का उपयोग किया जा रहा है. इसमें चर्बी की मात्रा कम होने के साथ ही औषधीय गुण भी है. जो शुगर, बीपी के साथ हाथ-पैर में दर्द वाले मरीजों के लिए फायदेमंद है.

ट्रेनिंग से खुश हुए युवा

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केक बनाना सिखाते एक्सपर्ट्स

धरली से आने वाली रिंकी मरकाम ने बताया कि शासन प्रशासन की अच्छी पहल है. यहां केक, बिस्किट्स और अन्य चीजें बनाना सीख रहे हैं. अच्छी ट्रेनिंग मिल रही है. उसने शासन-प्रशासन को इसके लिए धन्यवाद दिया है. गोपाल ने बताया कि उसे ट्रेनिंग के लिए पुणे भेजा गया था. गोपाल ने बताया कि इस बेकरी प्रोग्राम से वह अपने क्षेत्र के कई लोगों को जोड़ने की कोशिश करेगा.

दंतेवाड़ा में बेरोजगारों को रोजगार देने और स्थानीय उपज को मार्केट देने प्रशासन की पहल निश्चित ही गरीबी उन्मूलन की दिशा में अच्छा और लाभदायक साबित होगा. इससे पहले रविवार को दंतेवाड़ा में सीएम ने गवर्नमेंट कपड़ा फैक्ट्री का शुभारंभ किया था. सीएम ने कहा कि आने वाले समय में दंतेवाड़ा को 3 और फैक्ट्रियों की सौगात मिलेगी. इससे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं को रोजगार मिलेगा. साथ ही वो आत्मनिर्भर होंगी.

दंतेवाड़ा: नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन ने नई पहल की है. दिव्यांग, ट्रांसजेंडर और मानव तस्करी में फंसकर बाहर निकली युवतियों को बेकरी प्रोडक्ट बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इनके बनाए केक, कुकीज, ब्रेड, बिस्किट का आप तक नवचेतना बेकरी के जरिए पहुंचेंगे. इससे न सिर्फ उन्हें रोजगार मिलेगा बल्कि सकारात्मक जीवन और सम्मान भी मिलेगा.

नक्सल इलाके में नवचेतना बेकरी

इस बेकरी का इंटीरियर भी खास है. बचेली के युवा पिंकू कुमार झगराहा ने बेकरी का इंटीरियर किया है. फिलहाल दो युवा ट्रेनर बेकरी का काम सिखा रहे हैं. काम सीखने और सिखाने वाले दोनों खुश हैं. शासन ने प्रशिक्षण के बाद बेकरी संचालन का जिम्‍मा दिया है. वर्तमान में दो प्रशिक्षक आनंद साईं पाल और पिंकू कुमार झगराहा के मार्गदर्शन में आदिवासी युवा उत्‍पाद तैयार कर रहे हैं. दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने नवचेतना बेकरी का शुभारंभ किया था.

पढ़ें: नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री 'डैनेक्स' का सीएम ने किया उद्घाटन

मैदे का नहीं कोदो-कुटकी का केक खाइए

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केक बनाना सीख रहे युवा

बेकरी उत्‍पाद में खास बात यह है कि यहां तैयार होने वाले ब्रेड, बिस्किट और केक में मैदा का उपयोग नाममात्र का होगा. स्‍थानीय उपज कोदो, कुटकी, रागी और मोरेंगा (मुनगा) पाउडर से उत्‍पाद तैयार किया जाएगा. इसके लिए युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है और ट्रायल बेस पर निर्माण शुरू भी कर दिया गया है.

औषधीय होंगे उत्‍पाद

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नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को बेकरी फूड की ट्रेनिंग

प्रशिक्षक आनंद साईंपाल ने बताया कि नवचेतना बेकरी में तैयार होने वाले उत्‍पाद में मैदा का उपयोग नहीं के बराबर है. स्‍थानीय उपज कोदो-कुटकी, मड़िया और मोरेंगा (मुनगा पत्‍ती) से तैयार आटे का उपयोग किया जा रहा है. इसमें चर्बी की मात्रा कम होने के साथ ही औषधीय गुण भी है. जो शुगर, बीपी के साथ हाथ-पैर में दर्द वाले मरीजों के लिए फायदेमंद है.

ट्रेनिंग से खुश हुए युवा

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केक बनाना सिखाते एक्सपर्ट्स

धरली से आने वाली रिंकी मरकाम ने बताया कि शासन प्रशासन की अच्छी पहल है. यहां केक, बिस्किट्स और अन्य चीजें बनाना सीख रहे हैं. अच्छी ट्रेनिंग मिल रही है. उसने शासन-प्रशासन को इसके लिए धन्यवाद दिया है. गोपाल ने बताया कि उसे ट्रेनिंग के लिए पुणे भेजा गया था. गोपाल ने बताया कि इस बेकरी प्रोग्राम से वह अपने क्षेत्र के कई लोगों को जोड़ने की कोशिश करेगा.

दंतेवाड़ा में बेरोजगारों को रोजगार देने और स्थानीय उपज को मार्केट देने प्रशासन की पहल निश्चित ही गरीबी उन्मूलन की दिशा में अच्छा और लाभदायक साबित होगा. इससे पहले रविवार को दंतेवाड़ा में सीएम ने गवर्नमेंट कपड़ा फैक्ट्री का शुभारंभ किया था. सीएम ने कहा कि आने वाले समय में दंतेवाड़ा को 3 और फैक्ट्रियों की सौगात मिलेगी. इससे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं को रोजगार मिलेगा. साथ ही वो आत्मनिर्भर होंगी.

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