दंतेवाड़ा : बस्तर के घने जंगलों में नक्सल मोर्चे पर तैनात सुरक्षाबलों का एक बार फिर मानवीय चेहरा सामने आया है. CRPF की टीम बम डिस्पोज करने के बाद सर्चिंग पर निकली थी लेकिन रास्ते में उन्हें कुछ ग्रामीण एक मरीज को बांस के फट्टे पर लाद कर ले जाते दिखे. जिसके बाद CRPF की टीम ने अपना अभियान रोककर मरीज की मदद की और उसे एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया.
घोर नक्सल प्रभावित गांव गुफा का एक व्यक्ति जिसे ग्रामीण 10 किलोमीटर से बांस के फट्टे पर लाद कर ला रहे थे. उसे CRPF की 195 वाहिनी के जवानों ने एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया जहां उसका इलाज जारी है. मरीज बीते दो दिनों से तेज बुखार से पीड़ित था.
सुरक्षाबलों की टीम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि चाहे परिस्थिति कितनी ही कठिन क्यों न हो उनके लिए जन सेवा सर्वोपरि है. रविवार के तड़के 195 वाहिनी को सूचना मिली कि मंगनार, कौशलनार और गुफा जैसे अबूझमाड़ के तमाम गांवों को बारसूर और सतधार से जोड़ने वाली एक मात्र सड़क पर नक्सलियों ने दो जगह आईईडी लगा रखी है. बिना समय गंवाए सीआरपीएफ की टीम इलाके में डोमिनेट करते हुए बम को डिफ्यूज करने निकल पड़ी.
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गंभीर हालात में था मरीज
सीआरपीएफ की बम निरोधक दस्ते ने 3 किलो वाली दो आइईडी को पूरी सतर्कता और मुस्तैदी से डिफ्यूज कर दिया और नक्सलियों के नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया. बम डिफ्यूज होने के बाद सर्चिंग की कार्रवाई चल ही रही थी कि मंगनार रोड से कुछ ग्रामीण गंभीर हालत में एक मरीज को बांस के फट्टे पर पैदल लाते दिखे. भारी गर्मी और उमस से भरी दुपहरी में मरीज की हालत और बिगड़ती जा रही थी.
अपने एंबुलेंस से पहुंचाया अस्पताल
घोर नक्सल प्रभावित गुफा गांव के रामजी राव सुकरा की नाजुक हालत को देख कर CRPF के अधिकारियों ने अपने अभियान को थोड़ी देर के लिए रोक दिया और मरीज को तुरंत इंद्रावती ब्रिज तक पहुंचाया, जहां 195 वाहिनी की एंबुलेंस और मेडिकल स्टाफ पहले से ही मरीज के इंतजार में खड़े थे. आनन फानन में मरीज को बारसूर पीएचसी पहुंचाया गया जहां उसका इलाज जारी है.
सीआरपीएफ 195 बटालियन यू तो गांव-गांव मे जाकर सिविक एक्शन कार्यक्रम ,स्वास्थ्य परीक्षण करवाती रहती है पर आज सुरक्षाबलों के इस रूप को देख कर मरीज के परिजन और ग्रामीण भावुक हो गए.