दंतेवाड़ा: जिले के सभी ब्लॉकों में बस्तर टाइगर के नाम से विख्यात शहीद महेंद्र कर्मा की जयंती (Bastar Tiger Karmas birth anniversary) धूमधाम से मनाई गई. शहीद महेंद्र कर्मा का जन्म 5 अगस्त 1950 में छत्तीसगढ़ के बस्तर हुआ था. नक्सलियों के सलवा जुडूम आंदोलन के खिलाफ महेंद्र कर्मा के नेतृत्व में अभियान चलाया गया. जिसके कारण पूरे प्रदेश में महेंद्र कर्मा का नाम सुर्खियों में आ गया था. कर्मा हमेशा से नक्सलियों के मुख्य टारगेट रहे, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने निडर व्यक्तित्व को थामें रखा और जीवन के अंतिम सांस तक नक्सलियों के खिलाफ लड़ते रहे. उनके इसी व्यक्तित्व के कारण उन्हें "बस्तर टाइगर" की संत्करा दी गई. महेंद्र कर्मा की जितनी लोकप्रियता कांग्रेस में थी, उतनी ही अन्य दलों में भी थी.
मुख्यमंत्री भूपेश ने शहीद कर्मा की जयंती पर उन्हें किया नमन: सीएम भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में पूर्व मंत्री और "बस्तर टाइगर" नाम से लोकप्रिय नेता स्वर्गीय महेंद्र कर्मा की जयंती पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हेें नमन किया. मुख्यमंत्री बघेल ने उन्हें याद करते हुए कहा कि "शहीद महेन्द्र कर्मा को 'बस्तर टाइगर' कहा जाता था, क्योंकि आदिवासियों के हक की हर लड़ाई में वे दमदारी से अपनी बात रखते थे. स्वर्गीय कर्मा ने जीवन के अंतिम क्षण तक आदिवासियों की बेहतरी के लिए संघर्ष किया. वे सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, बल्कि एक बेहद संवेदनशील, जागरूक और भावुक इंसान भी थे. उनके जैसा निःस्वार्थ व्यक्ति और पारदर्शी मित्र मुझे मिला, यह मेरा सौभाग्य था. झीरम घाटी नक्सल हमले में उनकी शहादत छत्तीसगढ़ भुला नहीं पाएगा.
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नक्सलियों ने झीरम हमले में की थी हत्या: बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा 25 माई 2013 को झीरम हमले (jhira ghati naxal attack) में शहीद हुए थे. लेकिन वे आज भी बस्तर समेत पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश के दिलो में जीवित हैं. उनकी जयंती पूरे प्रदेश भर में आज के दिन धूमधाम से मनाई जाती है.