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दंतेवाड़ा में बैंक सुविधाएं घर पहुंचा रही हैं बैंक सखी, लेकिन बालपेट गांव में पेंशनवाले परेशान

कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण लोग सतर्कता बरत रहे हैं. वहीं मुश्किल हालात में बैंक सखी घर-घर जाकर लोगों को वृद्धावस्था, मनरेगा पेंशन का भुगतान कर रही हैं. दंतेवाड़ा में बैंक सखी लोगों की मदद कैसे कर रही हैं, देखिए...।

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बैंक सखी ग्रामीण क्षेत्रों में डोर-टू-डोर उपलब्ध करा रही हैं बैंकिंग सुविधाएं
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Published : May 22, 2021, 7:25 AM IST

दंतेवाड़ा: बढ़ते कोरोना संक्रमण के दौरान बैंक से वित्तीय लेनदेन में परेशानी हो रही है. ऐसे में बैंक सखी दीदी ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं. समय पर पेंशन, मनरेगा मजदूरी, किसान सम्मान निधि समेत कई योजनाओं की राशि घर-घर पहुंचाई जा रही है, जिससे लोगों को कोरोना और लॉकडाउन में किसी भी प्रकार के वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े. हालांकि बालपेट गांव में पेंशन वालों को आधार लिंक नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है.

बालपेट गांव में परेशान हैं पेंशन हितग्राही

डोर-टू-डोर बैंकिंग सेवा

दंतेवाड़ा जिले में 'बैंक संगवारी तुमचो दुवार योजना' के तहत गरीबों, श्रमिकों, वृद्धों और निःशक्तजनों को काफी सुविधा मिलने लगी है. जिले के सभी चारों विकासखंडों में वीएलई, बैंक बीसी, बैंक सखी और लोक सेवा केंद्र के जरिए यह सेवा शुरू की गई है. इससे जुड़े मितान घर-घर जाकर पेंशन और मजदूरी का भुगतान कर रहे हैं.

मोबाइल बैंकिग यूनिट के रूप में सेवा

ग्रामीण क्षेत्रों में गांव-गांव तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूह की महिलाओं को बैंक सखी, डीजी-पे सखी नियुक्त कर उन्हें इस कार्य के लिए प्रोत्साहित किया गया है. बैंक सखी बॉयोमेट्रिक डिवाइस, एंड्राइड फोन के साथ गांव-गांव जाकर मोबाइल बैंकिग यूनिट के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं. बैंक सखी की नियुक्ति से लोगों को छोटी-छोटी राशियों के लेनदेन के लिए बार-बार बैंक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है.

कोरोना गाइडलाइन का पालन

योजना के दौरान कोरोना सुरक्षा मानकों का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है. हितग्राहियों का पहले हाथ धुलाकर, मशीन को सैनिटाइज कर फिर प्रयोग में लाया जा रहा है.

जशपुर के सभी ग्राम पंचायतों तक डीजी पे के माध्यम से पैसा पहुंचा रही बैंक सखी

वृद्धावस्था पेंशन, मजदूरी का भुगतान

बैंक सखी ललिता ठाकुर ने बताया कि वे घर-घर जाकर वृद्धावस्था पेंशन, मनरेगा मजदूरी का भुगतान कर करती हैं. इससे लोगों को काफी फायदा हो रहा है. लोगों को बैंक नहीं जाना पड़ता. उन्होंने बताया कि लोगों को कोरोना की गाइडलाइन का पालन कराने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है.

ग्रामीणों को हो रहा फायदा

वृद्धावस्था पेंशन हितग्राही बलराम ठाकुर ने बताया कि पेंशन के लिए उन्हें दंतेवाड़ा जाना पड़ता है. बैंकों में जाकर लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ता. लेकिन अब बैंक सखी से उन्हें घर पर ही पेंशन मिल जाती है.

आधार लिंक न होने से कई ग्रामीण परेशान

घर-घर बैंक सुविधा के बीच कुछ ऐसे भी लोग हैं. जिन्हें पेंशन नहीं मिलने की भी दिक्कतें हो रही हैं. दंतेवाड़ा जिले के बालपेट गांव में कुल 155 पेंशनधारी हैं, जिनमें से 50 हितग्राहियों को ही पेंशन का फायदा मिल रहा है. बताया जा रहा है कि पिछले एक साल ग्रामीणों के खाते में पेंशन का पैसा आना बंद हो गया है. हालांकि इसके पीछे आधार लिंक न होना भी समस्या बनी हुई है. वहीं अदरूनी क्षेत्रों में इंटरनेट की समस्या के चलते भी भुगतान में देरी हो जाती है. जिसके चलते लोगों को बैंक भी जाना पड़ता है. ETV भारत की टीम दंतेवाड़ा के स्टेट बैंक ब्रांच पहुंची. जहां देखा चिलचिलाती धूप में बैंकों के बाहर ग्रामीण पेंशन के लिए इंतजार करते दिखाई पड़े. हालांकि इस दौरान बैंक में सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर का इंतजाम नहीं दिखा.

दंतेवाड़ा: बढ़ते कोरोना संक्रमण के दौरान बैंक से वित्तीय लेनदेन में परेशानी हो रही है. ऐसे में बैंक सखी दीदी ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं. समय पर पेंशन, मनरेगा मजदूरी, किसान सम्मान निधि समेत कई योजनाओं की राशि घर-घर पहुंचाई जा रही है, जिससे लोगों को कोरोना और लॉकडाउन में किसी भी प्रकार के वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े. हालांकि बालपेट गांव में पेंशन वालों को आधार लिंक नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है.

बालपेट गांव में परेशान हैं पेंशन हितग्राही

डोर-टू-डोर बैंकिंग सेवा

दंतेवाड़ा जिले में 'बैंक संगवारी तुमचो दुवार योजना' के तहत गरीबों, श्रमिकों, वृद्धों और निःशक्तजनों को काफी सुविधा मिलने लगी है. जिले के सभी चारों विकासखंडों में वीएलई, बैंक बीसी, बैंक सखी और लोक सेवा केंद्र के जरिए यह सेवा शुरू की गई है. इससे जुड़े मितान घर-घर जाकर पेंशन और मजदूरी का भुगतान कर रहे हैं.

मोबाइल बैंकिग यूनिट के रूप में सेवा

ग्रामीण क्षेत्रों में गांव-गांव तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूह की महिलाओं को बैंक सखी, डीजी-पे सखी नियुक्त कर उन्हें इस कार्य के लिए प्रोत्साहित किया गया है. बैंक सखी बॉयोमेट्रिक डिवाइस, एंड्राइड फोन के साथ गांव-गांव जाकर मोबाइल बैंकिग यूनिट के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं. बैंक सखी की नियुक्ति से लोगों को छोटी-छोटी राशियों के लेनदेन के लिए बार-बार बैंक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है.

कोरोना गाइडलाइन का पालन

योजना के दौरान कोरोना सुरक्षा मानकों का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है. हितग्राहियों का पहले हाथ धुलाकर, मशीन को सैनिटाइज कर फिर प्रयोग में लाया जा रहा है.

जशपुर के सभी ग्राम पंचायतों तक डीजी पे के माध्यम से पैसा पहुंचा रही बैंक सखी

वृद्धावस्था पेंशन, मजदूरी का भुगतान

बैंक सखी ललिता ठाकुर ने बताया कि वे घर-घर जाकर वृद्धावस्था पेंशन, मनरेगा मजदूरी का भुगतान कर करती हैं. इससे लोगों को काफी फायदा हो रहा है. लोगों को बैंक नहीं जाना पड़ता. उन्होंने बताया कि लोगों को कोरोना की गाइडलाइन का पालन कराने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है.

ग्रामीणों को हो रहा फायदा

वृद्धावस्था पेंशन हितग्राही बलराम ठाकुर ने बताया कि पेंशन के लिए उन्हें दंतेवाड़ा जाना पड़ता है. बैंकों में जाकर लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ता. लेकिन अब बैंक सखी से उन्हें घर पर ही पेंशन मिल जाती है.

आधार लिंक न होने से कई ग्रामीण परेशान

घर-घर बैंक सुविधा के बीच कुछ ऐसे भी लोग हैं. जिन्हें पेंशन नहीं मिलने की भी दिक्कतें हो रही हैं. दंतेवाड़ा जिले के बालपेट गांव में कुल 155 पेंशनधारी हैं, जिनमें से 50 हितग्राहियों को ही पेंशन का फायदा मिल रहा है. बताया जा रहा है कि पिछले एक साल ग्रामीणों के खाते में पेंशन का पैसा आना बंद हो गया है. हालांकि इसके पीछे आधार लिंक न होना भी समस्या बनी हुई है. वहीं अदरूनी क्षेत्रों में इंटरनेट की समस्या के चलते भी भुगतान में देरी हो जाती है. जिसके चलते लोगों को बैंक भी जाना पड़ता है. ETV भारत की टीम दंतेवाड़ा के स्टेट बैंक ब्रांच पहुंची. जहां देखा चिलचिलाती धूप में बैंकों के बाहर ग्रामीण पेंशन के लिए इंतजार करते दिखाई पड़े. हालांकि इस दौरान बैंक में सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर का इंतजाम नहीं दिखा.

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