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2 किमी के पथरीले रास्ते को व्हीलचेयर से पारकर देवगुड़ी पहुंचे जोगी, सरकार पर लगाए 25 हजार पेड़ काटने के आरोप

अजीत जोगी आदिवासियों के आंदोलन का समर्थन करने दंतेवाड़ा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पथरीले रास्तों पर व्हील चेयर से चढ़ाई करते हुए देवगुड़ी पहुंचकर दर्शन किए.

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Published : Jun 9, 2019, 11:56 PM IST

अजीत जोगी

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री और जेसीसी (जे) सुप्रीमो अजीत जोगी रविवार को लगातार दूसरे दिन भी बैलाडीला में चल रहे स्थानीय आदिवासियों के जनआंदोलन को अपना समर्थन दिया.

आदिवासी आंदोलन को जोगी का समर्थन

आदिवासियों के साथ डटे हैं अजीत जोगी
आदिवासीयों की आस्था का प्रतीक नंदराज और पिट्टूर्मेटा देवता के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहे दक्षिण बस्तर के तीन जिलों दंतेवाड़ा,बीजापुर और सुकमा से आए आदिवासियों के आंदोलन का अजीत जोगी ने साथ दिया.

हजारों की संख्यां में प्रदर्शन कर रहे आदिवासी
बता दें कि पिछले तीन दिनों से बैलाडीला में एनएमडीसी कार्यलय के सामने हज़ारों की संख्या में आदिवासी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. आदिवासियों का कहना है कि 'वो अपने जल, जंगल और जमीन को किसी को नहीं देंगे'. वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार की एनएमडीसी और राज्य सरकार की सीमडीसी के संयुक्त उपक्रम की खदान क्रमांक 13 का ठेका अडानी कंपनी को दे दिया है, आदिवासी जिसका विरोध कर रहे हैं.

'धरना स्थल पर डटे रहे जोगी'
गांववालों का कहना है कि 'इन पहाड़ों में उनके देवता नंदराज का वास है और वे अपनी आस्था के प्रतीक बैलाडीला पहाड़ों को किसी को सौपना नहीं चाहते. बैलाडीला में अजित जोगी आंदोलनकारियों के साथ सुबह से ही धरना स्थल पर डटे रहे. मामले को गहराई से समझने के लिए अजीत जोगी ने खदान क्रमांक-13 में पिट्टूर्मेटा जाने की इक्छा जताई, जिसपर पुलिस और जिला प्रशासन ने इजाजत देने के इंकार कर दिया'.


व्हीलचेयर से तय किया दो किलोमीटर का सफर
पुलिस और प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्र का हवाला देते हुए इलाके में नक्सली गतिविधियां होने की बात कही और जोगी को ग्राउंड जीरो पर जाने से रोक दिया. इस दौरान गांववालों का साथ न छोड़ने की बात कहते हुए अजीत जोगी ने 2 किलोमीटर पथरीले रास्तों का सफर व्हीलचेयर पर तय कर देवगुड़ी के दर्शन किए.


'कांग्रेस ने दोस्त को दी खुदाई की इजाजत '
अजीत जोगी ने ग्राउंड जीरो के निरक्षण के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'लौह अयस्क भंडार-13 मेरा है तेरा नहीं, जो जिसे चाहे उसे दे दो और आदिवासियों की बर्बादी पर हस्ताक्षर कर दो'. अजीत जोगी ने कहा कि 'ये दोनों सरकार सिर्फ उद्योपतियों की हैं और भाजपा की रमन सरकार ने हमारे पूजनीय पहाड़ को अडानी को देने की मंशा जाहिर की पर कांग्रेस की भूपेश सरकार ने अपने दोस्त अडानी को खुदाई की अनुमति दे दी.

'पर्यावरण को नष्ट करने में नहीं छोड़ी कोई कसर'
जोगी जी आगे कहा कि 'सरकार न सिर्फ आदिवासियों की आस्था के साथ खेल रही है बल्कि, पर्यावरण को भी नष्ट करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है. वनमंत्री ने 25 हजार पेड़ों की कटाई के आदेश तो जारी किए ही, लेकिन एक औद्योगिक घराने को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बैलाडीला की पहाड़ियों में पेड़ों में आग लगा दी'.

'पिट्टूर्मेटा के दर्शन से क्यों रोका जा रहा'
अजीत जोगी जी ने कहा कि 'जब हम अयोध्या में रामलाल के पूजा का अधिकार रखते हैं, तो हम आदिवासियों को हमारी पिट्टूर्मेटा के दर्शन से क्यों रोका जा रहा है'.

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री और जेसीसी (जे) सुप्रीमो अजीत जोगी रविवार को लगातार दूसरे दिन भी बैलाडीला में चल रहे स्थानीय आदिवासियों के जनआंदोलन को अपना समर्थन दिया.

आदिवासी आंदोलन को जोगी का समर्थन

आदिवासियों के साथ डटे हैं अजीत जोगी
आदिवासीयों की आस्था का प्रतीक नंदराज और पिट्टूर्मेटा देवता के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहे दक्षिण बस्तर के तीन जिलों दंतेवाड़ा,बीजापुर और सुकमा से आए आदिवासियों के आंदोलन का अजीत जोगी ने साथ दिया.

हजारों की संख्यां में प्रदर्शन कर रहे आदिवासी
बता दें कि पिछले तीन दिनों से बैलाडीला में एनएमडीसी कार्यलय के सामने हज़ारों की संख्या में आदिवासी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. आदिवासियों का कहना है कि 'वो अपने जल, जंगल और जमीन को किसी को नहीं देंगे'. वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार की एनएमडीसी और राज्य सरकार की सीमडीसी के संयुक्त उपक्रम की खदान क्रमांक 13 का ठेका अडानी कंपनी को दे दिया है, आदिवासी जिसका विरोध कर रहे हैं.

'धरना स्थल पर डटे रहे जोगी'
गांववालों का कहना है कि 'इन पहाड़ों में उनके देवता नंदराज का वास है और वे अपनी आस्था के प्रतीक बैलाडीला पहाड़ों को किसी को सौपना नहीं चाहते. बैलाडीला में अजित जोगी आंदोलनकारियों के साथ सुबह से ही धरना स्थल पर डटे रहे. मामले को गहराई से समझने के लिए अजीत जोगी ने खदान क्रमांक-13 में पिट्टूर्मेटा जाने की इक्छा जताई, जिसपर पुलिस और जिला प्रशासन ने इजाजत देने के इंकार कर दिया'.


व्हीलचेयर से तय किया दो किलोमीटर का सफर
पुलिस और प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्र का हवाला देते हुए इलाके में नक्सली गतिविधियां होने की बात कही और जोगी को ग्राउंड जीरो पर जाने से रोक दिया. इस दौरान गांववालों का साथ न छोड़ने की बात कहते हुए अजीत जोगी ने 2 किलोमीटर पथरीले रास्तों का सफर व्हीलचेयर पर तय कर देवगुड़ी के दर्शन किए.


'कांग्रेस ने दोस्त को दी खुदाई की इजाजत '
अजीत जोगी ने ग्राउंड जीरो के निरक्षण के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'लौह अयस्क भंडार-13 मेरा है तेरा नहीं, जो जिसे चाहे उसे दे दो और आदिवासियों की बर्बादी पर हस्ताक्षर कर दो'. अजीत जोगी ने कहा कि 'ये दोनों सरकार सिर्फ उद्योपतियों की हैं और भाजपा की रमन सरकार ने हमारे पूजनीय पहाड़ को अडानी को देने की मंशा जाहिर की पर कांग्रेस की भूपेश सरकार ने अपने दोस्त अडानी को खुदाई की अनुमति दे दी.

'पर्यावरण को नष्ट करने में नहीं छोड़ी कोई कसर'
जोगी जी आगे कहा कि 'सरकार न सिर्फ आदिवासियों की आस्था के साथ खेल रही है बल्कि, पर्यावरण को भी नष्ट करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है. वनमंत्री ने 25 हजार पेड़ों की कटाई के आदेश तो जारी किए ही, लेकिन एक औद्योगिक घराने को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बैलाडीला की पहाड़ियों में पेड़ों में आग लगा दी'.

'पिट्टूर्मेटा के दर्शन से क्यों रोका जा रहा'
अजीत जोगी जी ने कहा कि 'जब हम अयोध्या में रामलाल के पूजा का अधिकार रखते हैं, तो हम आदिवासियों को हमारी पिट्टूर्मेटा के दर्शन से क्यों रोका जा रहा है'.

Intro:दंतेवाड़ा- आदिवासियो की आस्था का प्रतीक नंदराज पहाड़ ग्राउंड जीरो पर पहुँचे अजित जोगी। सुरक्षा के नाम से प्रशासन ने की दर्शन करने से रोकने की कोशिश।*
- 2 km पहाडी रास्ते पर अजित जोगी व्हीलचैर से पहुँचे पिथोर्मेटा देवगुड़ि के दर्शन करने।*
- वनमंत्री ने चुपचाप नंदीराज पहाड़ पर 25000 पेड़ों को कटवा कर आदिवासियों की सैकड़ो साल से पूजी जा रही देवी पिथोर्मेटा को जमिन्दोज़ करने की साजिश को अंजाम दिया।*
- 3 दिनो से आदिवासी अपने लोकगीत और लोक नृत्य के माध्यम से अपने बस्तर,अपनी कुल देवी, देव भूमि नंदीराज पहाड़ को बचाने प्रदर्शन कर रहे हैं ।

Body:छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री और जेसीसी सुप्रीमो श्री अजीत जोगी जी ने आज लगातार दूसरे दिन भी बैलाडीला में चल रहे स्थानीय आदिवासियों के जनआंदोलन में अपना समर्थन दिया । आदिवासीयों की आस्था का प्रतीक नंदराज और पिट्टूर्मेटा देवता के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहे दक्षिण बस्तर के तीन जिलों दंतेवाड़ा,बीजापुर और सुकमा से आये ग्रामवासियो का अपना साथ दिया । ज्ञात हो पिछले तीन दिनो से बैलाडीला में एनएमडीसी कार्यलय के सामने हज़ारो की संख्या में आये आदिवासी धरना प्रदर्शन किए हुए है कि वो अपना *जल,जंगल,जमीन* किसी को नही देंगे । और वही दूसरी ओर केंद्र सरकार की एनएमडीसी और राज्य सरकार की सीमडीसी के संयुक्त उपक्रम के खदान क्र.13 का ठेका अडानी कंपनी को दे दिया है जिसका विरोध ग्रामवासी कर रहे है । ग्रामवासियो का कहना है कि उक्त पहाड़ो में उनके देवता नंदराज का वास है और वे अपनी आस्था के प्रतीक बैलाडीला पहाड़ो को किसी को सौपना नही चाहते ।
आज अपने बैलाडीला प्रवास के दूसरे दिन भी अजित जोगी जी ने आंदोलनकारी ग्रामवासियो का पूरा साथ दिया और सुबह से धरना स्थल पर डटे रहे । मामले को गहराई से जानने के लिए अजीत जोगी जी ने खदान क्र.13 में पिट्टूर्मेटा जाने की इक्छा ज़ाहिर की जिसे पुलिस और जिला प्रशासन ने मना कर दिया । संवेदनशील क्षेत्र का हवाला देते हुए पुलिस प्रशासन ने नक्सली गतिविधियां होने की बात कही और जोगी जी को ग्राउंड जीरो में जाने से रोका गया परन्तु ग्रामवासियो का साथ न छोड़ने की बात कहते हुए अजीत जोगी जी ने 2किमी के पहाड़ी पथरीले रास्तो का सफर व्हीलचेयर पर तय कर देवगुड़ी के दर्शन किये ।

अजीत जोगी जी ने ग्राउंड जीरो के निरक्षण के बाद मीडिया से बात करते हुए कड़े शब्दों में कहा कि ये "लोह अयस्क भंडार -13 मेरा है तेरा नही, जो जिसे चाहे उसे दे दो और आदिवासियों की बर्बादी पर हस्ताक्षर कर दो "। जोगी जी ने कांग्रेस और भाजपा सरकार की मिलीभगत को उजागर करते हुए कहा कि ये दोनों सरकार सिर्फ उद्योपतियों की है, भाजपा की रमन सरकार ने हमारे पूजनीय पहाड़ को अडानी को देने की मंशा जाहिर की पर कांग्रेस की भूपेश सरकार ने अपने दोस्त अडानी को खुदाई की अनुमति दे दी । जोगी जी आगे कहा कि सरकार न सिर्फ आदिवासियों के आस्था के साथ खेल रही है बल्कि पर्यावरण को भी नष्ट करने में भी कोई कसर नही छोड़ रही है । वनमंत्री ने 25000 पेड़ो की कटाई के आदेश तो जारी किए ही परंतु एक औद्योगिक घराने को फायदा पहुचने के लिए नियमो को धज्जियाँ उड़ाते हुए बैलाडीला की पहाड़ियों में पेड़ों में आग लगा दिया ।

अजीत जोगी जी ने कहा कि जब हम अयोध्या में रामलाल के पूजा का अधिकार रखते है तो हम आदिवासियों को हमारी पिट्टूर्मेटा के दर्शन से क्यों रोका जा रहा है । जोगी जी ने साफ शब्दों में यह जाता दिया कि ये सिर्फ एक खदान की लड़ाई नही बल्कि आदिवासीयों के आस्था के प्रतीक के अस्तित्व की लड़ाई है । जोगी जी ने कहा कि अंतिम साँस तक मैं मेरे आदिवासी भाइयो के साथ इस आंदोलन में खड़ा रहूंगा ।Conclusion:
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