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ये है असली सेवा: इस स्टेशन पर कोई भी यात्री कभी प्यासा नहीं रहता - छत्तीसगढ़ न्यूज

पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन में युवाओं की एक टोली हर रोज इस मार्ग से गुजरने वाली ट्रेनों में यात्रियों को निशुल्क ठंडा पेयजल पिलाने का काम करती है.

स्टेशन पर पानी पिलाते युवा
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Published : May 16, 2019, 9:47 PM IST

Updated : May 16, 2019, 11:38 PM IST

बिलासपुर: कहते हैं प्यासे को पानी पिलाना बहुत ही पुण्य का काम होता है. चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी में जहां लोग अपने घरों से निकलना भी पसंद नहीं करते. वहीं पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन में युवाओं की एक टोली हर रोज इस मार्ग से गुजरने वाली ट्रेनों में यात्रियों को निशुल्क ठंडा पेयजल पिलाने का काम करती है.

पैकेज.

निस्वार्थ सेवा भाव से संगठित युवाओं का यह दल पिछले तीन-चार साल से निरंतर गर्मी में 4 महीने सेवाभाव से लगा रहता है. अब दल के सदस्यों की संख्या बढ़ती जा रही है. इन्हें स्थानीय लोगों से भी सहयोग मिल रहा है. बता दें कि इन दिनों जिले का पारा 45 डिग्री छू रहा है.

3 साल से यात्रियों को बांट रहे निशुल्क पेयजल
बिलासपुर से कटनी रेलमार्ग में पड़ने वाले पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन पर युवाओं का एक ऐसा समूह है, जो इस रेलमार्ग से दिन के समय गुजरने वाली सभी यात्री ट्रेनों में पिछले 3 सालों से निरंतर यात्रियों को निशुल्क शीतल पेयजल बांट रहा है.

यात्रियों को निशुल्क बांटते हैं पानी
रेलवे स्टेशन पर यात्री ट्रेन के आने पर लगभग 8 से 10 पानी से भरी स्टील की टंकी को ट्राली पर रखकर यात्रियों को निशुल्क पानी बांटते हैं. यात्री भी खिड़कियों से बोतल बाहर निकाल कर पानी लेते हैं. इससे यात्रियों को स्टेशन पर उतरना भी नहीं पड़ता और उन्हें आसानी से शीतल पेयजल मिल जाता है.

यात्री सेवा करने वालों को दे रहे हैं आशीर्वाद
इतना ही नहीं जिन यात्रियों के पास बोतल नहीं होता, उन्हें भी ये लोग गिलास में और सीधे ट्रेनों के भीतर जाकर पानी पिलाते हैं. ट्रेनों में मिल रही इस सुविधा से यात्री काफी खुश हैं और सेवा करने वाले लोगों को आशीर्वाद दे रहे हैं.

55 साल के बुजुर्ग भी शामिल
पुण्य के इस काम में 15 से 16 साल के युवाओं से लेकर 55 साल के बुजुर्ग भी शामिल हैं, जो ट्रेनों की आवाजाही का समय देखकर खुद-ब-खुद रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाते हैं और वहीं कुछ युवा पहले से ही स्टेशन पर खाली ड्रमों में पानी भरने में लगे रहते हैं. बाकी के लोग ट्रेन आने पर ड्रम धकेल कर अलग-अलग बोगियों के सामने लेकर जाते हैं.

बता दें कि प्रतिदिन शीतल जल की आपूर्ति करने में 20 से 22 बर्फ की सिल्ली लग जाती है, टीम के लोग इसका खर्च आपस में मिलकर और जनसहयोग से कर लेते हैं. इनके इस काम को देखकर बर्फ फैक्ट्री वाले भी रियायत दे रहे हैं. वहीं पानी का टैंकर इन्हें नगर पंचायत की सहयोग से मिल जाता है.

बिलासपुर: कहते हैं प्यासे को पानी पिलाना बहुत ही पुण्य का काम होता है. चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी में जहां लोग अपने घरों से निकलना भी पसंद नहीं करते. वहीं पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन में युवाओं की एक टोली हर रोज इस मार्ग से गुजरने वाली ट्रेनों में यात्रियों को निशुल्क ठंडा पेयजल पिलाने का काम करती है.

पैकेज.

निस्वार्थ सेवा भाव से संगठित युवाओं का यह दल पिछले तीन-चार साल से निरंतर गर्मी में 4 महीने सेवाभाव से लगा रहता है. अब दल के सदस्यों की संख्या बढ़ती जा रही है. इन्हें स्थानीय लोगों से भी सहयोग मिल रहा है. बता दें कि इन दिनों जिले का पारा 45 डिग्री छू रहा है.

3 साल से यात्रियों को बांट रहे निशुल्क पेयजल
बिलासपुर से कटनी रेलमार्ग में पड़ने वाले पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन पर युवाओं का एक ऐसा समूह है, जो इस रेलमार्ग से दिन के समय गुजरने वाली सभी यात्री ट्रेनों में पिछले 3 सालों से निरंतर यात्रियों को निशुल्क शीतल पेयजल बांट रहा है.

यात्रियों को निशुल्क बांटते हैं पानी
रेलवे स्टेशन पर यात्री ट्रेन के आने पर लगभग 8 से 10 पानी से भरी स्टील की टंकी को ट्राली पर रखकर यात्रियों को निशुल्क पानी बांटते हैं. यात्री भी खिड़कियों से बोतल बाहर निकाल कर पानी लेते हैं. इससे यात्रियों को स्टेशन पर उतरना भी नहीं पड़ता और उन्हें आसानी से शीतल पेयजल मिल जाता है.

यात्री सेवा करने वालों को दे रहे हैं आशीर्वाद
इतना ही नहीं जिन यात्रियों के पास बोतल नहीं होता, उन्हें भी ये लोग गिलास में और सीधे ट्रेनों के भीतर जाकर पानी पिलाते हैं. ट्रेनों में मिल रही इस सुविधा से यात्री काफी खुश हैं और सेवा करने वाले लोगों को आशीर्वाद दे रहे हैं.

55 साल के बुजुर्ग भी शामिल
पुण्य के इस काम में 15 से 16 साल के युवाओं से लेकर 55 साल के बुजुर्ग भी शामिल हैं, जो ट्रेनों की आवाजाही का समय देखकर खुद-ब-खुद रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाते हैं और वहीं कुछ युवा पहले से ही स्टेशन पर खाली ड्रमों में पानी भरने में लगे रहते हैं. बाकी के लोग ट्रेन आने पर ड्रम धकेल कर अलग-अलग बोगियों के सामने लेकर जाते हैं.

बता दें कि प्रतिदिन शीतल जल की आपूर्ति करने में 20 से 22 बर्फ की सिल्ली लग जाती है, टीम के लोग इसका खर्च आपस में मिलकर और जनसहयोग से कर लेते हैं. इनके इस काम को देखकर बर्फ फैक्ट्री वाले भी रियायत दे रहे हैं. वहीं पानी का टैंकर इन्हें नगर पंचायत की सहयोग से मिल जाता है.

Intro:CG_BLS_SEWA_1605_CGC10013

बिलासपुर कहते हैं प्यासे को पानी पिलाना बहुत ही पुण्य का काम है और चिलचिलाती धूप में भीषण गर्मी में जहां लोग अपने घरों से निकलना भी नहीं चाहते ऐसे में पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन में युवाओं का एक समूह के द्वारा प्रतिदिन इस मार्ग से गुजरने वाली यात्री ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को निशुल्क ठंडा पेय जल पिलाने का काम करता है निस्वार्थ सेवा भाव से संगठित हुआ युवाओं का यह दल पिछले तीन-चार वर्षों से निरंतर गर्मी में 4 महीने निस्वार्थ सेवा भाव से लगा हुआ है और अब दल के सदस्यों की संख्या भी बढ़ती जा रही है तो इन्हें स्थानीय लोगों से भी सहयोग मिल रहा है

वी ओ 1 इन दिनों पारा 45 डिग्री छूने को है और इस गर्मी में जब लोग एसी और कूलर की ठंडी हवा में ही दिन बिताना चाहते हैं ऐसे में बिलासपुर कटनी रेल मार्ग में पड़ने वाले पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन पर युवाओं का एक ऐसा समूह है जो इस रेल मार्ग से दिन के समय गुजरने वाली सभी यात्री ट्रेनों में पिछले 3 साल सालों से निरंतर यात्रियों को निशुल्क शीतल पेयजल उपलब्ध करा रहा है यात्री ट्रेन आने पर लगभग 8 से 10 बड़े बड़े पानी के स्टील टंकी को ट्राली की मदद से पानी लेकर यात्री बोगी के सामने युवा निशुल्क पानी चिल्लाने लगते हैं और यात्री भी अपनी खिड़कियों से बोतल बाहर कर देते हैं जिसमें यह युवा साड़ी लगाकर प्लास्टिक और स्टील कैमरों से पानी भर देते हैं इससे यात्रियों को स्टेशन में उतरना भी नहीं पड़ता और उन्हें शीतल और ठंडा पेयजल उपलब्ध हो जाता है इतना ही नहीं जिन यात्रियों के पास बोतल नहीं होते उन्हें गिलास में और सीधे ट्रेनों के भीतर जाकर पानी पिलाया जाता है यात्री भी ट्रेनों में मिल रही इस सुविधा से अत्यंत उत्साहित हैं और यह सेवा करने वाले लोगों को आशीर्वाद देने की बात कह रहे हैं।

बाइट संतोषी शुक्ला यात्री
बाइट आरती पाठक यात्री
बाइट तारकेश्वर यात्री
बाइट सुनील यात्री


वी ओ 2 स्व प्रेरणा से मरही माता जल सेवा समिति गठित कर शुरू किए गए इस काम मैं 15 से 16 साल के युवाओं से लेकर 55 साल के प्रौढ़ भी शामिल है जो मोबाइल में ट्रेनों की आवाजाही का समय देख कर खुद ब खुद रेलवे स्टेशन पहुंच जाते हैं और वहीं कुछ युवा पहले से ही स्टेशन पर खाली ग्रामों में पानी भरने में लगे रहते हैं बाकी के लोग ट्रेन आने पर ड्रम धकेल कर अलग-अलग बोगियों के सामने लेकर जाते हैं जहां कुछ लोग सीधे यात्रियों के बोतल में पानी भरते हैं प्रतिदिन शीतल जल आपूर्ति में युवाओं को 20 से 22 सिल्ली बर्फ की लग जाती है जिसका खर्च यह आपस में सहयोग कर एवं नगर से मिले जनसहयोग से कर लेते हैं इनके इस काम को देखते हुए बर्फ फैक्ट्री वाले ने भी इनके लिए बर्फ की सिल्ली में रियायत देता है वही पानी का टैंकर इन्हें नगर पंचायत के सहयोग से मिल जाता है

बाइट अरविंद श्रीवास्तव समिति के सदस्य
बाइट नीलेश साहू समिति के सदस्य
बाइट सुशील श्रीवास समिति के सदस्य

वी फाइनल
दरअसल मां नर्मदा उद्गम अमरकंटक पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पेंड्रा रोड में अमूमन इस रोड से चलने वाली सभी रेलगाड़ियां खड़ी होती है पर इनका स्टॉपेज काफी कम समय का है जिससे पीने का पानी भरने के लिए यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है पर स्थानी युवाओं के द्वारा जिस तरह आगे आकर यात्रियों को शुद्ध शीतल और ठंडा पेयजल उपलब्ध करा रहे हैं यह और लोगों के लिए भी अनुकरणीय पहल है।


Body:CG_BLS_SEWA_1605_CGC10013


Conclusion:CG_BLS_SEWA_1605_CGC10013
Last Updated : May 16, 2019, 11:38 PM IST
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