बिलासपुर: राज्य महिला आयोग की सुनवाई के दौरान बेहद शर्मनाक मामला सामने आया. एक शासकीय कर्मचारी पर उसकी पत्नी ने आरोप लगाया कि पति ने उसे पत्नी मानने से इनकार करते हुए कामवाली बाई का दर्जा दिया है. इस केस को आयोग ने तत्काल गम्भीरता से लिया है. आवश्यक जांच के निर्देश भी दिए हैं. महिला ने शिकायत करते हुए कहा कि उसका पति जल संसाधन विभाग में शासकीय कर्मचारी के पद पर पदस्थ है. पति उसे अपनी पत्नी मानने से इंकार कर रहा है. उसे कामवाली बाई कह रहा है.
सिविल आचरण संहिता के तहत जांच
तमाम जरूरी दस्तावेजों के अध्ययन के बाद संबंधित शासकीय कर्मचारी पर सिविल आचरण संहिता के तहत विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. महिला ने बताया कि उसका पति 14 सालों तक उसके साथ दाम्पत्य जीवन में रहा. फिर एक किराए के मकान में छोड़कर चला गया. शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद आयोग ने शासकीय कर्मचारी के हस्ताक्षर की फॉरेंसिक जांच कराने के निर्देश भी दिए हैं. कर्मचारी के खिलाफ सिविल सेवा आचरण संहिता के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
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किरणमयी नायक ने की निंदा
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने शिकायत पर सुनवाई के बाद इसे निंदनीय घटना बताया. उन्होंने कहा कि ऐसे रिश्तों में जुड़ने के बाद लोग अपनी पत्नी को छोड़ने के लिए मनगढ़ंत तथ्यों का इस्तेमाल करते हैं. पत्नी को भरण-पोषण देने से बचने की कोशिश करते हैं.
2 दिन में कुल 44 प्रकरण की सुनवाई
दो दिन में सुनवाई के दौरान कुल 44 प्रकरणों में सुनवाई हुई है. जिसमें 12 प्रकरण निरस्त किए गए. 3 नए प्रकरणों को पंजीबद्ध किया गया है. शेष प्रकरणों की सुनवाई अगली जनसुनवाई में की जाएगी.