बिलासपुर: बिलासपुर रेलवे हॉस्पिटल के सामने का गोल्फ मैदान हर दिन हजारो लीटर पानी पी रहा है. इस मैदान के मेंटेनेंस में लाखो रुपए खर्च किए जा रहे हैं. मैदान के घास को हरा-भरा रखने के लिए रोजाना हजारो लीटर पानी खर्च किया जाता है. गोल्फ मैदान के आस-पास के क्षेत्रों में पानी की समस्या है. इस बीच मैदान में इतने पानी की बर्बादी आम जनता को आने वाले दिनों में परेशानी में डाल सकता है.
हर दूसरे तीसरे दिन होती है सफाई: इस गोल्फ मैदान के मेंटेनेंस में तकरीबन 77 हजार लीटर पानी एक बार में खर्च होता है. हर दूसरे-तीसरे दिन मैदान की सफाई की जाती है. इसके मेंटेनेंस में सवा लाख रुपया महीना खर्च हो रहा है. वहीं, गोल्फ मैदान के आसपास के इलाके में लोगों को पानी की दिक्कतें पेश आ रही है. टिकरापारा में तकरीबन 20 हजार की आबादी पानी को तरस रही है.
बड़े अधिकारी ही पहुंचते हैं मैदान: बिलासपुर रेलवे हॉस्पिटल के सामने के गोल्फ मैदान में आम नागरिक सहित छोटे पद के अधिकारियों को मैदान में खेलना मना है. कुछ बड़े पद के अधिकारी ही मैदान में खेलने पहुंचते हैं, जिनमें इनकी संख्या नाम मात्र की है. इस मैदान के मेंटेनेंस में सालाना लाखों रुपए खर्च और गर्मी में लाखों लीटर पानी मैदान में व्यर्थ बहाया जा रहा है. मामले में रेल अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
रेलवे कॉलोनी के बीच बना गोल्फ मैदान: बिलासपुर रेलवे कॉलोनी के बीच गोल्फ मैदान बनाया गया है. कर्मचारियों की सेलरी के साथ ही, महीने में हजारों लीटर पानी मैदान में मेंटेनेंस के लिए बहाया जाता है. इस मैदान में न खिलाड़ी पहुंचते हैं, न ही कोई प्रतियोगिता यहां होती है. फिर भी इसके मेंटेनेंस के लिए कर्मचारियी की ड्यूटी लगाई गई है.
यह भी पढ़ें: GPM : बैगा जनजाति के राशन में डाका, चना वितरण में हो रहा खेल
ऊंचे ओहदे वाले अधिकारियों के लिए ये मैदान: रेलवे में क्रिकेट, मुक्केबाजी, हॉकी, फुटबॉल और कई तरह के खेल के लिए मैदान तैयार किए गए हैं. इन मैदानों में रेलवे के खिलाड़ी सहित कुछ जगह पर आम नागरिक भी खेलते हैं. लेकिन इन सबसे ऊपर रेलवे मंडल और जोन के अधिकारियों के लिए गोल्फ मैदान तैयार किया गया था. लगभग 12 एकड़ से भी अधिक में गोल्फ मैदान तैयार किया गया है. यहां जिन अधिकारियों का एंट्री होती है, वही खेल सकते हैं.
आम नागरिकों की नहीं होती एंट्री: छोटे पद वाले अधिकारियों को यहां खेलने की इजाजत नहीं है. इसके अलावा आम नागरिकों की एंट्री पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है. यहां पूरे समय कर्मचारी तैनात रहते हैं. रेलवे के अधिकारी इसे अपने लिए खेल का मैदान बना कर रखे हैं. कुछ संख्या में ही खिलाड़ी यहां खेलते हैं. वह भी महीने में एक या दो बार ही. बाकी समय गोल्फ का मैदान खाली रहता है. एक-दो घंटे के मनोरंजन के लिए रेलवे गोल्फ मैदान में सालाना करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं.